ठाणे: पर्यावरण प्रेमियों के लिए इस बार गणेश मूर्ति (Ganesh Idols) खरीदना महंगा पड़ने वाला है क्योंकि कच्चे माल की उच्च लागत, परिवहन लागत में इजाफा और श्रमिकों की बढ़ी हुई मजदूरी के कारण इस वर्ष गणेश प्रतिमा की कीमत में 15 से 20 प्रतिशत की वृद्धि हुई है। मूर्तिकारों का कहना है कि मुल्तानी मिट्टी (Multani Mitti) की मूर्तियों अधिक महंगी हैं और वे मज़बूरी में अब पीओपी (POP) वाले मूर्तियों को ही बनाने के लिए मजबूर है। साथ ही उनका कहना है मुल्तानी मिट्टी की मूर्तियां महंगी होने के कारण गणेश भक्त अधिक पीओपी मूर्तियों की मांग कर रहे हैं।
कोरोना महामारी के कारण देशभर में महंगाई आसमान छू रही है। इसका असर गणेश प्रतिमा बनाने वालों पर भी पड़ रहा है। अगले कुछ महीनों में गणेश उत्सव आने के साथ ही गणेश प्रतिमा के कार्य ने गति पकड़ ली है। प्रतिमाएं बना ली गई हैं और उनकी पेंटिंग का काम शुरू हो गया है।
मूर्तियों की बुकिंग भी शुरू
बप्पा का आगमन इस वर्ष थोड़ा जल्दी होगा, इसलिए गणेश भक्तों ने मूर्तियों की बुकिंग भी शुरू कर दी है। विभिन्न प्रकार की मूर्तियां बनाई जा रही हैं। जिसमें पीओपी, मुल्तानी मिट्टी की मूर्तियां, लाल मिट्टी की मूर्तियां जैसी अन्य मूर्तियाँ शामिल है।
लोग पीओपी मूर्तियां पसंद करते हैं
मूर्तिकार संदीप कुम्भार ने कहा कि लोग पीओपी मूर्तियां पसंद करते हैं क्योंकि ये मूर्तियां सस्ती होती हैं। मुल्तानी मिट्टी की मूर्तियां अधिक महंगी हैं। ठाणे गोकुल वाड़ी निवासी मूर्तिकार मिलिंद सुतार ने कहा कि अब कोरोना खत्म हो रहा है और जारी पाबन्दियां भी खत्म हुई है। इसलिए साल लंबी मूर्तियां स्थापित की जाएगी और पीओपी मूर्तियों की खरीद बढ़ रही है। साथ ही पीओपी की मूतियां अन्य मूर्तियों की तुलना में सस्ती हैं।
मूर्तियों की कीमत (रुपये में)
ऊंचाई | पीओपी | मुल्तानी |
15 इंच | 2,500 | 3200 |
ढाई फीट | 5,000 | 6500 |
साढ़े 5 फ़ीट | 8,500 | —— |