सिडको में फर्जी कर्मचारियों के नाम पर इतने करोड़ का घोटाला, जांच के आदेश

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-मनीष अस्थाना , नवी मुंबई: सिडको (CIDCO) में फर्जी कर्मचारियों (Fake Employees) के नाम पर सिडको अधिकारियों द्वारा घोटाला (Scam) किए जाने का मामला प्रकाश में आया है। मिली जानकारी के अनुसार, जिस अधिकारी ने यह घोटाला किया है वह सोमवार से लापता है। यह घोटाला चार करोड़ के आसपास का बताया जा रहा है, फर्जी कर्मचारियों के नाम पर यह घोटाला वर्ष 2017 से चल रहा था। इसमें फर्जी कर्मचारियों की नियुक्ति की गयी थी और उनके नाम के वेतन से अधिकारी मौज कर रहा था। 

गौरतलब है कि इससे पहले भी सिडको में कई घोटाले हुए हैं, लेकिन यह घोटाला अपने आप में एकदम अलग है क्योंकि इस प्रकरण में फर्जी रूप से कर्मचारियों की नियुक्ति की गयी थी और उनके नाम का वेतन सिडको की तिजोरी से प्रतिमाह जा रहा था। जिन कर्मचारियों के नाम पर यह घोटाला किया जा रहा था उन कर्मचारियों को कागज़ पर कांट्रेक्ट कर्मचारी दिखाया गया था। 

फर्जी वाडे में 14 कर्मचारियों की नियुक्ति दिखाई गयी थी 

सिडको में कर्मचारियों की भर्ती के लिए एक प्रक्रिया अपनायी जाती है इस मामले में सभी तरह की प्रक्रियाओं को पूरा किया गया था, लेकिन वे सभी प्रक्रियाएं पूरी तरह से फर्जी थी। सिडको से मिली जानकारी के अनुसार, इस फर्जी वाडे में 14 कर्मचारियों की नियुक्ति दिखाई गयी थी और उनके नाम का वेतन बाकयदा बैंक खातों में ट्रांसफर भी हो रहा था, लेकिन लेखा विभाग को कभी भी इस बात का शक नहीं हुआ कि वह 14 फर्जी कर्मचारियों को वेतन दे रहा है जो वास्तव में हैं ही नहीं। 

इस तरह से फूटा भांडा 

सिडको में चल रहे इस घोटाले का पता उस समय चला जब चेतन नामक एक युवक ने सिडको के लेखा विभाग को सूचित किया कि वह सिडको का कर्मचारी नहीं है। बावजूद इसके उसके खाते में सिडको द्वारा वेतन भेजा जा रहा है। चेतन को इस बात का पता तब चला जब आयकर विभाग ने उसे नोटिस भेजा। चेतन का कहना है कि जिस बैंक में सिडको उसके नाम का वेतन जमा करवा रही थी, उस बैंक में उसने कभी खाता खोला ही नहीं था। चेतन की इस शिकायत पर लेखा विभाग ने जांच की और इस बारे में सिडको के प्रबंध निदेशक डॉ. संजय मुखर्जी को सूचित किया। 

प्रबंध निदेशक ने दिए जांच के आदेश 

इस घोटाले की जानकारी मिलने के बाद सिडको के प्रबंध निदेशक डॉ. संजय मुखर्जी ने जांच के आदेश दिए हैं। इस मामले की जांच सिडको के मुख्य दक्षता विभाग द्वारा की जाएगी। इस मामले में जिन-जिन अधिकारीयों और कर्मचारियों की मिली भगत होने का शक है उनके सबके बयान मुख्य दक्षता अधिकारी सुरेश मेंगड़े ने लिए हैं। मेंगड़े ने कहा कि वे इस मामले में तह तक जाएं‍गे और इस घोटाले में दोषी व्यक्ति को सामने लाने का काम करेंगे।