Uddhav
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    ठाणे : एक तरफ जहाँ शिवाजी पार्क पर दशहरा रैली को लेकर अभी पेंच फंसा है कि कौन रैली करेगा। वहीं दूसरी ओर, ठाणे में शिवसेना प्रमुख उद्धव ठाकरे (Shiv Sena Chief Uddhav Thackeray) की बैठक को लेकर ठाकरे समूह के शिवसैनिक (Shiv Sainik) और संभाजी ब्रिगेड (Sambhaji Brigade) ने कमर कस ली है। ठाकरे गुट के शिवसेना जिला प्रमुख केदार दिघे ने कहा कि पार्टी प्रमुख की ‘महाप्रबोधन’ यात्रा ठाणे के टेंभी नाका से शुरू की जाएगी और यह सभा धमाकेदार होगी। दिघे ने कहा कि ठाणे में ठाकरे की बैठक की तारीख अभी तय नहीं हुई है, लेकिन जल्द ही इसकी घोषणा की जाएगी। 

    उद्धव ठाकरे गुट के शिवसेना और संभाजी ब्रिगेड के नेताओं ने ठाणे के सरकारी विश्राम गृह में एक संयुक्त प्रेस कॉन्फ्रेंस की और दोनों दलों के बीच गठबंधन के भविष्य के पाठ्यक्रम के बारे में अपनी भूमिका स्पष्ट की। संभाजी ब्रिगेड के क्षेत्रीय उपाध्यक्ष सुहास राणे ने कहा कि हमने प्रबोधनकार ठाकरे के विचारों और पिछले छह महीनों में शिवसेना पार्टी प्रमुख उद्धव ठाकरे के बयानों के कारण शिवसेना के साथ गठबंधन किया है। उन्होंने स्पष्ट किया कि भले ही हम साथ आए हैं, लेकिन दोनों पक्ष अपनी-अपनी भूमिका पर अडिग रहेंगे। शिवसेना के ठाणे प्रवक्ता, चिंतामणी कारखानीस ने दावा किया है कि दोनों पार्टियां जाति आधारित राजनीति को दफन करके एकजुट होकर समाज बनाने के लिए एक साथ आई हैं। 

    आगामी महानगरपालिका चुनाव में सीटों के बंटवारे और एकसाथ चुनाव लड़ने के सवालों के जवाब में संभाजी ब्रिगेड के क्षेत्रीय उपाध्यक्ष सुहास राणे ने कहा कि शिवसेना पार्टी प्रमुख उद्धव ठाकरे और संभाजी ब्रिगेड के नेता मनोज आखरे आगामी चुनावों पर चर्चा करेंगे और निर्णय लेंगे। साथ ही, दोनों पक्षों की जिला और तालुका स्तर की समितियां बनाई जाएंगी और इसके अलावा, राज्य भर में शिव संवाद मेला आयोजित करने पर विचार चल रहा है। बाबासाहेब पुरंदरे के मुद्दे पर उन्होंने कहा कि जब से पुरंदरे का निधन हुआ है, वह बात अब हमारे दृष्टिकोण से समाप्त हो गया है। 

    सभी दलों के लिए पूज्य है आनंदमठ  

    ठाणे के टेंभी नाका स्थित आनंद आश्रम में शिंदे गुट का शिवसेना भवन बनाए जाने के सवालों के जवाब में ठाकरे गुट के शिवसेना जिला प्रमुख केदार दिघे ने कहा कि आनंद मठ के दरवाजे सभी दलों के नेताओं के लिए पहले खुले थे और भविष्य में खुले रहेंगे। क्योंकि यह सभी दलों के नेताओं के लिए पूजनीय स्थान है। शिवसेना भवन दादर में शिवसेना प्रमुख द्वारा बनवाया गया था और यह एक ही सेना भवन है और दूसरा नहीं बन सकता है। उन्होंने कहा कि आनंदमठ, आनंदमठ ही रहेगा।