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    -राजीत यादव

    नवी मुंबई: विगत कुछ सप्ताह से तलोजा एमआईडीसी (Taloja MIDC) के तहत आने वाली कंपनियों को एमआईडीसी (MIDC) द्वारा की जाने वाली जलापूर्ति (Water Supply) में कमी आई है, जिसके चलते यहां की कंपनियों के उत्पादन की प्रक्रिया पर बुरा असर हो रहा है, जिसके चलते तलोजा एमआईडीसी क्षेत्र के कई कंपनी मालिक परेशानी महसूस कर रहे हैं

     गौरतलब है कि तलोजा एमआईडीसी में गहराए जल संकट के बारे में यहां के कुछ कंपनी मालिकों ने कंपनी मालिकों की संस्था तलोजा इंडस्ट्रीज एसोसिएशन (टीआईए) को अवगत कराया है। कंपनी मालिकों ने टीआईए के अध्यक्ष सतीश शेट्टी को अवगत कराते हुए कहा है कि पानी की समस्या के कारण उद्योग अपनी दैनिक पानी की जरूरत को पूरा करने के लिए पानी के टैंकरों पर निर्भर रहने को मजबूर हैं। इस समस्या ने उनकी उत्पादन गतिविधियों को प्रभावित किया है, जल संकट इसी तरह से बना रहा तो कंपनियों का काम ठप हो जाएगा।

    पीने के लिए खरीदना पड़ रहा पानी

    कंपनी मालिकों द्वारा टीआईए को अवगत कराया गया है कि कंपनियों को चलाने के लिए पानी महत्वपूर्ण है, लेकिन एमआईडीसी द्वारा पर्याप्त मात्रा में पानी नहीं उपलब्ध कराया जा रहा है। वहीं कंपनियों में काम करने वाले कर्मचारियों को पीने के लिए शुद्ध पानी नहीं मिल रहा है, जिसकी वजह से कंपनी मालिकों को बोतल का शुद्ध पानी खरीदना पड़ रहा है। जिसके लिए कंपनियों को अतिरिक्त राशि खर्च करनी पड़ रही है।

    शुल्क देने के बाद भी पानी नहीं मिल रहा

    टीआईए के अध्यक्ष सतीश शेट्टी ने बताया कि एमआईडीसी को मासिक जल शुल्क देने के बावजूद तलोजा एमआईडीसी की कंपनियों को न्यूनतम स्वीकृत मात्रा में पानी नहीं मिल रहा है। शेट्टी ने बताया कि तलोजा एमआईडीसी को पहले 57 एमएलडी पानी हर दिन मिलता था, लेकिन अब 50 एमएलडी से भी कम पानी मिल रहा है। उन्होंने बताया कि पानी की कमी की समस्या को रिपोर्ट करने और हल करने के लिए टीआईए द्वारा सदस्य उद्योगों का एक विशेष व्हाट्सएप समूह बनाया है। इस समूह में एमआईडीसी के जलापूर्ति और स्पा विभाग के अधिकारी शामिल हैं। जिसमें एमआईडीसी के उप अभियंता, कार्यकारी अभियंता, अधीक्षक अभियंता और मुख्य अभियंता आदि का समावेश है, लेकिन उनसे कोई मदद नहीं मिल रही है, जिसकी वजह से यहां के कंपनी मालिक पानी की कमी के कारण परेशान हैं।

    व्हाट्सएप ग्रुप पर एमआईडीसी के अधिकारियों की प्रतिक्रिया की कमी के कारण अब टीआईए ने इस समस्या को उच्चतम अधिकारियों व राज्य के मंत्रियों तक पहुंचाया है, जिसमें राज्य के उद्योग मंत्री सुभाष देसाई, रायगड की पालकमंत्री अदिति तटकरे, एमआईडीसी के सीईओ डॉ. पी. अनाबलगन का समावेश है।

    -सतीश शेट्टी, अध्यक्ष, टीआईए