Water of Varaldevi pond green with dirt, municipal administration careless

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    भिवंडी : भिवंडी (Bhiwandi) के लोगों को 2 एमएलडी (MLD) पानी प्रतिमाह मुहैया कराने वाला वराला देवी तालाब कचरा और गंदगी से भर गया है। करीब 3 किमी क्षेत्रफल में फैले वराल देवी तालाब (Varal Devi Pond) परिसर के चारों ओर फैली गंदगी, कचरे के कारण तालाब का पानी हरा रंग का दिखाई पड़ने लगा है। तालाब में रहिवासी क्षेत्रों से आ रहा सीवरेज का गंदा पानी भी पीने के पानी को दूषित कर रहा है। गंदा पानी पीने से लोगों के स्वास्थ्य पर गंभीर खतरा मंडरा रहा है। जागरूक शहरवासियों का आरोप है कि महानगरपालिका प्रशासन सब कुछ जानबूझकर चुप्पी साधे हुए है और शहर के नागरिकों के जीवन के साथ खिलवाड़ कर रहा है। 

    गौरतलब हो कि भिवंडी शहर का एकमेव वराला देवी तालाब पूरी तरह गंदगी की चपेट में है। तालाब के चारों तरफ गंदगी का साम्राज्य फैला है। आश्चर्यजनक है कि वराला तालाब से ही शहर के नागरिकों को पीने के लिए 2 एमएलडी पानी महानगरपालिका जल आपूर्ति विभाग द्वारा उपलब्ध कराया जाता है। प्रतिवर्ष तालाब में महानगरपालिका द्वारा तय विसर्जन घाटों से गणपति, दुर्गा मूर्तियों का विसर्जन भी होता है। आश्चर्यजनक है कि तालाब के समीप स्थित फेना गांव, फेना पाड़ा, कामतघर की तरफ आने वाले घाटों पर सुबह-शाम तक वाहनों की धुलाई सहित औरतें बर्तन, कपड़ा साफ करते और बच्चे तालाब में नहाते देखे जाते हैं।

    तालाब से करीब 2 एमएलडी पानी प्रतिमाह क्षेत्रीय नागरिकों के पीने के लिए जलापूर्ती विभाग द्वारा सप्लाई किया जाता है लेकिन तालाब की सुरक्षा और रखरखाव के लिए कोई भी सार्थक कदम नहीं उठाया जाता है। तालाब की सुरक्षा पूर्णतया राम भरोसे है। क्षेत्रीय जागरूक निवासियों का कहना है कि आसपास के रहिवासी क्षेत्रों से सीवरेज का गंदा पानी भी तालाब में आता है जिससे तालाब का स्वच्छ पानी गंदा होकर पीने योग्य कत्तई नहीं है और गंदगी की वजह से पानी का रंग गहरा हरा – हरा दिखाई पड़ रहा है। 

    सुरक्षा मानकों की हो रही भारी अनदेखी

    वराला देवी तालाब की चारों तरफ की सुरक्षा दीवार भी जगह-जगह टूट कर बिखर जाने से क्षेत्रीय महिला, पुरुष, बच्चे तालाब के पानी में जाकर वाहन धुलाई, कपड़ा धुलाई, शौच और स्नान करते देखे जाते हैं। महानगरपालिका के तमाम जनप्रतिनिधियों द्वारा तालाब सुंदरीकरण सहित सुरक्षा दीवाल और तालाब के पानी की स्वच्छता को लेकर बारंबार सवाल उठाए जाने का भी कोई असर महानगरपालिका प्रशासन पर नहीं हो रहा है। महानगरपालिका प्रशासन खूबसूरत तालाब के रख – रखाव के लिए कोई सार्थक कदम नहीं उठा रहा है। शहर के एकमेव तालाब की सुरक्षा एवं सौंदर्यीकरण पर महानगरपालिका प्रशासन 1 रुपया भी खर्च करना नहीं चाहता है। महानगरपालिका पूर्व महापौर मनोज काटेकर, भाजपा वरिष्ठ पार्षद निलेश चौधरी, स्थाई समिति सदस्य भाजपा पार्षद श्याम अग्रवाल, दीपाली दिनेश पाटील आदि ने वराल देवी तालाब की सुरक्षा, सुंदरीकरण और रहवासी क्षेत्रों से तालाब में आ रहे दूषित पानी को रोकने के लिए अविलंब आवश्यक कदम उठाए जाने की अपील की है। 

    चिराग तले अंधेरा, महानगरपालिका कमिश्नर बेपरवाह

    स्थानीय नागरिकों का आरोप है कि वराल देवी तालाब का हरे और दूषित पानी को देखकर पीने का मन ही नहीं होता है लेकिन मजबूरी के तहत पीना पड़ रहा है। तालाब का दूषित पानी स्वास्थ्य के लिए गंभीर खतरा बन रहा है। वराल देवी तालाब के ठीक सामने महानगरपालिका कमिश्नर सुधाकर देशमुख का सरकारी निवास होने के बावजूद महानगरपालिका प्रशासन सब कुछ जानबूझकर भी आंखें मूंदे हुए है। महानगरपालिका कमिश्नर बंगले के सामने ही तालाब गंदगी से भर रहा है लेकिन महानगरपालिका कमिश्नर कि 24 घंटे नजर होने के बावजूद चिराग तले अंधेरा जैसा दृश्य है।