Tiger
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नागपुर. महाराष्ट्र (Maharashtra) के जंगलों में वन्यजीवों के संरक्षण के प्रयास जारी है। हालांकि, फिर भी आए दिन बाघों की मौत (Tigers Death) की खबर सामने आ रही है। देश में इस साल सबसे अधिक लगभग 50 बाघों की मौत हो गई है। इनमें 1 महीने के शावकों से लेकर वयस्क बाघ और बाघिन शामिल हैं। देश में अब तक 150 से अधिक बाघों की मौत हुई है।

2013 में पहली बार दस महीनों में 68 बाघों की मौत हुई थी। इसके दस साल बाद यह आंकड़ा दोगुना हो गया है। विश्व बाघ दिन पर जारी किए इन आंकड़ों में बाघों की संख्या महाराष्ट्र में 444 बताई गई है। महाराष्ट्र बाघों के मामले में चौथे स्थान पर है। महाराष्ट्र में जितनी अधिक संख्या में बाघ उतनी ही बड़ी संख्या में उनकी मौत हो रही है। अधिकांश बाघों की मौत प्राकृतिक रूप से होने का उल्लेख किया गया है। परंतु बाघों की मौतों के कई अन्य भी कारण है जिसमें शिकार, करंट और जहर शामिल है।

बता दें कि महाराष्ट्र में 2022 में 32 बाघों की मौत हुई थी। इनमें से छह बाघों की मौत बिजली के करंट से हुई थी। जबकि, इस साल बिजली की करंट से आठ बाघों की मौत हुई है।

हाल ही में बिजली के जीवित तार का स्पर्श कर बाघ का शिकार करने की घटना गडचिरोली के चातगाव वन परिक्षेत्र के अमिर्झा बीट में हुई। घटनास्थल पर मिले मृत बाघ का सिर और पंजे गायब थे। जबकि, चंद्रपुर के ताडोबा में 14 नवंबर को हुई 2 बाघों की लड़ाई में एक बाघ की मौत हो गई। इस लड़ाई में दूसरा बाघ गंभीर रूप से घायल हो गया। वहीं, ताडोबा में ही 19 नवंबर T12 बाघिन (माया) की मौत हो गई। माया करीब 3 महीनों से लापता थी। वन विभाग को माया बाघिन का कंकाल बरामद हुआ। माया की मौत प्राकृतिक कारणों से हुई।

बता दें कि माया ताडोबा के मुख्य क्षेत्र के पंढरपवानी क्षेत्र की प्रमुख बाघिन थी। उसका जन्म दिसंबर 2010 में हुआ था। जून 2014 के बाद से माया ने पांच बार (2015, 2017, 2020 और 2022) कुल 13 शावकों को जन्म दिया जिनमें से दूसरे और तीसरे बाघ से जन्मे 4 शावकों को छोड़कर अन्य शावक प्राकृतिक कारणों से प्रजनन आयु तक जीवित नहीं रहे। 2014 से लगातार माया पर ट्रैप कैमरे से नजर रखी गई थी। अगस्त 2023 के बाद से माया लापता थी।

उधर, नागपुर के नरखेड वन परिक्षेत्र, नरखेड़ उपवन क्षेत्र, पिपला नियत क्षेत्र में मौजा पिपला खुर्द स्थित खेत के कुएं में बाघ का शव बरामद हुआ। वन विभाग द्वारा वन्यजीव संरक्षण अधिनियम 1972 के तहत मामला दर्ज किया गया। बाघ के शव को कुएं से निकालकर पंचनामा किया गया।