tigers in CTPS Colony

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दुर्गापुर. सिटीपीएस के हिराई गेस्ट हाउस के बगल के नाले के पास सोमवार की रात के 12  बजे एक बाघ होने की खबर लोंगो तक पहुंची. आधी रात होने के बावजूद अनेकों लोंगो ने अपनी-अपनी वाहनों से वहां पंहुचे और बाघ का दर्शन किया. कुछ लोंगो ने वीडियो व फोटो निकालें. 

आधी रात को सिटीपीएस के कॉलोनी रास्ते पर स्थित नाले के पास बाघ को देखने के लिये सिटीपीएस व दुर्गापुर कॉलोनी सहित आस पास गांवों से लोंग वहां ऐसे पहुँच रहे थे. मानो ताडोबा के कोर जोन का नाला है. जहाँ पर बाघों की साइटिंग होती रहती है. 

जानकारी अनुसार सिटीपीएस, दुर्गापुर व पद्मापुर क्षेत्र में नर और मादा बाघों के अलावा उसके दो बच्चे भी है. जो यदा कदा कहीं न कहीं दिखती रहती है. लोंगो के अनुसार इस क्षेत्र में अक्सर बाघ देखे जाते है. दो ढाई साल पूर्व इसी जगह पर सिटीपीएस के एक कर्मचारी पर बाघ ने हमला कर घायल कर दिया था. सिटीपीएस के कॉलिनी में सीआईएसएफ के जवान की छोटी बच्ची को तेंदुआ उठा ले गया था. सीएचपी क्षेत्र में एक ठेकेदारी कामगार को मौत का घाट उतार दिया था. 

बाघों का पसंदीदा जगह बना

यह कोई दो चार दिनों से नहीं बल्कि 8-10 सालों से बाघों के लिये पसंदीदा जगह बना हुआ है. अनेकों बार गाय व भैस को मारकर खाते हुए देखा गया है.  नाले के पास बाघों को पीने का पानी, खाने के लिए जानवर और छिपने के लिए पर्याप्त जगह मिल जाता है और घूमने के लिए पूरा सिटीपीएस है. शायद यही  कारण है कि बाघ सुरक्षित रूप से सिटीपीएस के चारदीवारी को अपना निवास स्थान बना लिया है. जबकि जिस कर्मचारियों व अधिकारियों  के सुरक्षा के लिए चारदीवारी बनाई गई है वे लोंग आज बाघ के दहशत में असुरक्षित महसूस कर रहे हैं.

दर्शक खुश, देर तक हुए दर्शन

सोमवार की रात को हिराई गेस्ट हाउस के पास एक बाघिन के दर्शन करने वाले लोंग दूसरे दिन अपने दोस्तों को खुशी से बता रहे थे कि मैं अनेकों बार टिकट निकालकर और जिप्सी पर खर्चकर ताडोबा के जंगल की सफारी की परन्तु बाघ का दर्शन दूर से भी नहीं कर पाया था. जबकि यहाँ पर बगैर टिकट के बग़ैर वेटिंग के काफी नजदीक से देर तक दर्शन किया.  

वन विभाग के अधिकारी ने बताया कि बाघिन भटकर आ गई थी. उसे रात को सिटीपीएस से बाहर भगा दिया गया है. यह नई बाघिन है. इसके पहले इसे नहीं देखा गया है. अधिकारी ने बताया कि हमारे गार्ड्स उसपर नजर रखे हुए हैं.  दुबारा अगर वही बाघिन देखी जाती है तो उसे पकड़ने का प्रयास किये जायेंगे. डरने जैसी कोई बात नहीं है. ऐसे बाघिन अटैक नहीं करती है. फिर भी बचाव जरूरी है. नजर पड़े तो दूर रहना अच्छा है.