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    मुंबई: कांग्रेस नेता राहुल गांधी (Rahul Gandhi) ने भारत जोड़ो यात्रा (Bharat Jodo Yatra) के दौरान स्वतंत्र वीर सावरकर को लेकर विवादिते बयान दिया। इसके बाद महाराष्ट्र (Maharashtra) में राजनीतिक माहौल गरम हो गया है।जहां एक तरफ राहुल गांधी अपने बयान पर कायम हैं, वहीं दूसरी तरफ बीजेपी (BJP) आक्रामक रूप से उन पर निशाना साध रही है। इतना ही नहीं शिवसेना (Shiv Sena) ने यह भी कहा कि वे राहुल गांधी के बयान से सहमत नहीं हैं, उन्होंने चेतावनी दी कि इससे पार्टी में विभाजन हो सकता है।

    इस बीच महात्मा गांधी के प्रपौत्र तुषार गांधी (Tushar Gandhi) ने सावरकर को लेकर ट्वीट किया है।  इस ट्वीट से एक नया विवाद खड़ा होने की संभावना है। तुषार गांधी ने आरोप लगाया है कि सावरकर ने महात्मा गांधी को मारने के लिए नाथूराम गोडसे को बंदूक मुहैया कराई थी।

    उन्होंने एक ट्वीट में कहा, “सावरकर ने न केवल अंग्रेजों की मदद की बल्कि नाथूराम गोडसे को बापू को मारने के लिए एक अच्छी बंदूक दिलाने में भी मदद की।बापू की हत्या के दो दिन पहले, गोडसे के पास कोई हथियार नहीं था। “इस बीच तुषार गांधी ने मीडिया से बात करते हुए अपने बयान पर सफाई दी है। उन्होंने कहा है कि वह कोई आरोप नहीं लगा रहे हैं, बल्कि इतिहास में जो दर्ज है वहीं, बातें बता रहे हैं। 

    तुषार गांधी ने कहा, “मैं आरोप नहीं लगा रहा हूँ। मैंने वही कहा है जो इतिहास में लिखा है। पुलिस की प्राथमिकी के अनुसार, नाथूराम गोडसे और विनायक आप्टे की सावरकर से मुलाकात 26, 27 जनवरी 1948 के आसपास हुई थी। उस दिन तक नाथूराम गोडसे के पास बंदूक नहीं थी। वह बंदूक की तलाश में पूरी मुंबई में घूम रहा था। लेकिन इस यात्रा के बाद वे सीधे दिल्ली और वहां से ग्वालियर चले गए। ग्वालियर में उनकी मुलाकात परचुरे से हुई जो एक सावरकरवादी  थे। इसके बाद उन्हें बेहतरीन पिस्टल मिली। यह सब बापू की हत्या के दो दिन पहले हुआ था। मैंने यही कहा है, कुछ भी नया आरोप नहीं लगाया गया है। “