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    वर्धा. मैत्रेय ग्रुप की विभिन्न शाखाओं में रुपए निवेश करने के नाम पर करोड़ों रुपए के गबन प्रकरण में आर्थिक अपराध शाखा ने कंपनी के दो संचालकों को हिरासत में ले लिया है़ उन्हें न्यायालय में पेश करने पर 19 जनवरी तक पुलिस कस्टडी प्राप्त की गई़  मैत्रेय कंपनी में निवेश करने वाले पूंजीधारकों का जिले में 17 हजार के करीब आंकड़ा है़ इनमें से 13 हजार ग्राहकों की सूची सरकार के पास भेजे जाने की जानकारी है.

    कई दिनों से प्रकरण की जांच ठंडे बस्ते में थी़  इस बीच आर्थिक अपराध शाखा पुलिस ने कंपनी के दो संचालकों को हिरासत में ले लिया है़ आरोपियों में मुंबई के विरार पालघर निवासी श्रीकांत लक्ष्मीकांत नार्वेकर (59) व विजय शंकर तावरे (53) का समावेश है़ श्रीकांत नार्वेकर को जांच पड़ताल के काम से आर्थिक अपराध शाखा की टीम मुंबई में ले जाने की जानकारी है.  

    शिकायतों का आंकड़ा 10,000 के करीब

    मैत्रेय कंपनी ने 2010 के बाद अपना विस्तार किया. विभिन्न शाखा शुरू करके ग्राहकों को प्रलोभन दिखाकर निवेश करने कहा गया़  इसे प्रोत्साहन मिला़  जिले के असंख्य नागरिकों ने कंपनी के प्रतिनिधियों पर विश्वास कर राशि का निवेश किया़  कुछ को निवेश पर लाभ भी मिला़  सन 2018 में मैत्रेय कंपनी का दिवाला निकलने की बात सामने आयी, जिससे जिले के नागरिकों में हड़कम्प मच गया़  शिकायतकर्ताओं की संख्या बढ़ने से प्रकरण की पुलिस में शिकायत दर्ज हुई़  पुलिस अधीक्षक कार्यालय की स्थानीय अपराध शाखा ने शिकायतों को स्वीकारा. अल्प समय में यह आंकड़ा 10 हजार के पास पहुंचा़  नागरिकों ने मैत्रेय सर्विसेस प्रा. लि., मैत्रेय प्लाटर्स एंड स्ट्रक्चर्स प्रा. लि., मैत्री रियल्टर्स एंड कन्स्ट्रक्शन प्रा. लि., मैत्रेय सुवर्णसिद्धी प्रा. लि. आदि सहित अन्य कंपनियों में निवेश करने के दस्तावेज पुलिस के पास पेश किए.  

    डेढ़ वर्ष से मामले की जांच पड़ी थी ठंडे बस्ते में 

    इस आधार पर निवेशकर्ताओं की सूची तैयार की गई़  उस दौरान करीब 17 हजार ग्राहकों ने 5 करोड़ के करीब कंपनी में निवेश करने की बात सामने आयी़  प्रकरण में वर्धा जिले में स्थित कंपनी की संपत्ति की नीलामी की जाने की बात कही गई थी. परंतु गत डेढ़ वर्ष से प्रकरण की जांच ठंडे बस्ते में थी़  इस बीच कंपनी के दो संचालकों को आर्थिक अपराध शाखा पुलिस ने हिरासत में लेने से निवेशकर्ताओं की उम्मीदें जागी है़  हिरासत में लिये गए दोनों आरोपी कंपनी के संचालक हैं या कर्मी इस संबंध में पुलिस ने पुष्टी नहीं की़  प्रकरण में आगे की जांच पुलिस अधीक्षक प्रशांत होलकर, अपर पुलिस अधीक्षक यशवंत सोलंकी के मार्गदर्शन में पुलिस निरीक्षक कांचन पांडे के निर्देश पर एपीआई सचिन यादव व उनकी टीम कर रही है.