Passing school van, do not take insurance installment, drivers and owners request
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  • विद्यार्थियों की सुरक्षा खतरे में

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वर्धा. जिले में नया शैक्षणिक सत्र शुरू हो गया है़ बड़ी संख्या में स्कूल बस व वैन से विद्यार्थी स्कूलों में पहुंचते है़ नियमानुसार मार्ग पर दौड़ रही स्कूल बसों को उपप्रादेशिक परिवहन विभाग से फिटनेस प्रमाणपत्र लेना अनिवार्य रहता है़ परंतु वर्तमान स्थिति में करिब 240 स्कूल वैन बिना फिटनेस सर्टिफिकेट के सड़कों पर दौड़ रही है़ परिणामवश विद्यार्थियों की सुरक्षा फिर खतरे में आ गई है.

बता दें कि कई बार तकनीकी समस्या व चालक की लापरवाही से स्कूल वैन हादसे का शिकार हुई है़ इसमें विद्यार्थियों की जान तक जाती है़ ऐसी घटनाओं को टालने तथा विद्यार्थियों सुरक्षा के लिए स्कूल बसों को फिटनेस सर्टिफिकेट होना अत्यंत जरूरी है़ जिले में लगभग सभी स्कूलें शुरू हो गई है.

वर्धा शहर व ग्रामीण अंचल में अनेक निजी व अनुदानित स्कूल, कान्वेंट है़ इन स्कूलों में करिब 70 प्रतिशत विद्यार्थी स्कूल वैन, बस व आटो से पहुंचते है़ इसलिए उक्त परिवहन व्यवस्था को संवेदनशिलता से देखा जाता है़ इस संदर्भ में लापरवाही बरतने पर गंभीर परिणाम भुगतने पड़ सकते है.

सुरक्षित परिवहन की जिम्मेदारी स्कूलों की 

विद्यर्थियों के सुरक्षित परिवहन के लिए कुछ नियमावली है़  पिछले दो वर्षों से कोरोना संकट के कारण स्कूलें बंद थी़ इसलिए निजी स्कूलों की आय प्रभावित हो गई थी़ स्कूल वैन व बस चालकों पर भी आर्थिक संकट आन पड़ा था़ इस कारण संस्था चालक व बस मालिकों ने किसी कारणवश स्कूल बस व वैन के फिटनेस प्रमाणपत्र नहीं निकाले़  विद्यार्थियों के सुरक्षित परिवहन की जिम्मेदारी स्कूलों की भी है़ कुछ स्कूलों ने अब फिटनेस प्रमाणपत्र लेना शुरू कर दिया है़  इस बारे में स्कूल बस, वैन मालिक व चालक ने भी गंभीरता दिखानी जरूरी है़  अभिभावकों ने भी संबंधित वैन चालक से इस बारे में पूछना चाहिए, ताकि विद्यार्थियों का सुरक्षित परिवहन हो सके.

साल में एक बार फिटनेस प्रमाणपत्र अनिवार्य

स्कूल बस, वैन को साल में एक बार फिटनेस प्रमाणपत्र लेना अनिवार्य है़  वाहन की स्थिति, ब्रेक, लाइट्स, परमीट, चालक के वाहन चलाने की क्षमता, वाहन मालिक व चालक पर कोई कानूनी कार्रवाई तो नहीं, यातायात नियमों का उल्लंघन होने पर किसी प्रकार की सजा, वाहन के दस्तावेज, तकनीकि जांच आदि बातों पर ध्यान देकर एआरटीओ कार्यालय से फिटनेस प्रमाणपत्र दिया जाता है. 

272 ने निकाले फिटनेस सर्टिफिकेट

उल्लेखनीय है कि, जिले में कुल 512 स्कूल वैन, बसेस है़  इनमें से अब तक 272 स्कूल बसों को फिटनेस सर्टिफिकेट दिये गए है़ वहीं 240 वाहन आज भी बिना फिटनेस के सड़कों पर दौड़ रहे है़ं  इस ओर भी गंभीरता से ध्यान देने की आवश्यकता है.

फिटनेस जांच का काम किया गया शुरू

जिले में कुल 1,771 स्कूलें है़  सभी स्कूलों की जानकारी जिप व नप से मांगी गई है़ स्कूल यातायात सुरक्षा समिति का पुर्नगठन किया जा रहा है़  विद्यार्थियों के सुरक्षित परिवहन के बारे में हमारा विभाग गंभीर है़ सभी संस्थाचालक व वाहन मालिकों को स्कूल बस व वैन फिटनेस प्रमाणपत्र निकालने को कहा गया है़  उसकी प्रक्रिया चल रही है. 

-समीर शेख, एआरटीओ-वर्धा.