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आष्टी-शहीद (सं). तहसील के अंतिम छोर पर बसे तारासावंगा गांव में पशुवैद्यकीय अस्पताल की सेवा इन दिनों रामभरोसे चल रही है.  लंपी से 3 जानवरों की मौत हो गई. जबकि 1 जानवर की हालत गंभीर हो गई है. संबंधित पशुपालक ने आरोप लगाया है कि पशुओं को उचित इलाज नहीं मिल रहा है.

तारासावंगा गांव में पूर्व उपसभापति गोविंदा खंडाले के यहां 3 पशुओं को लंपी का प्रकोप हुआ था़  समय पर इलाज नहीं मिल पाने के कारण पशुओं की मौत हो गई. 1 पशु की हालत गंभीर होने के बावजूद ध्यान नहीं दिए जाने का आरोप गोविंदा खंडाले ने लगाया है. तारासावंगा में 3 हजार के आसपास जनसंख्या है. अधिकांश लोग खेती करने के कारण पशुपालन ही उनका प्रमुख व्यवसाय है. जानवरों की संख्या ध्यान में लेकर यहां पशुवैद्यकीय अस्पताल शुरू किया गया. किंतु, अस्पताल में चपरासी उपस्थित रहकर सेवा देता है. गांव में पशुओं पर टीकाकरण नहीं हुआ. डाक्टर नहीं होने से टीकाकरण कौन करेगा, यह प्रश्न अनुत्तरित है.

अशिक्षित के हवाले उपचार का जिम्मा

पशुधन विकास अधिकारी का तबादला होने के बाद डा़ नानोटकर ने चार्ज लिया. नानोटकर कभी भी पशुपालकों के फोन का जवाब नहीं देते़  तहसील के थार, बोरखेड़ी, चामला, बांबर्डा गांव में एक अशिक्षित व्यक्ति सरकारी पशुवैद्यकीय अस्पताल में रहकर पशुओं पर इलाज कर रहा है. इससे मामले की जांच करने की मांग की जा रही है. गोविंदा खंडाले के यहां पालतू पशुओं की मौत होने के बाद भी इलाज नहीं हुआ.  इससे पशुओं के स्वास्थ्य सेवा पर प्रश्न उपस्थित हो रहा है.