वर्धा. बहुचर्चित प्राध्यापिका अग्निकांड मामले में 9 फरवरी को अंतिम फैसला आने वाला है। पिछले दो वर्ष से फास्टट्रैक कोर्ट में प्रकरण चल रहा है। 5 फरवरी को फैसले की तिथि तय की गई थी, परंतु कुछ न्यायालयीन काम अधूरा रहने से अंतिम फैसला सुनाने का निर्णय 9 फरवरी को लिया गया है। न्यायालय के निर्णय की ओर पूरे राज्य की नजरें लगी हुई है। हिंगनघाट के एक कालेज में बतौर लेक्चरर कार्यरत अंकिता पिसुड्डे को 3 फरवरी 2020 की सुबह 7.30 बजे पेट्रोल छिड़ककर मौत के घाट उतार दिया था। प्रकरण में दारोडा निवासी विक्की उर्फ निकेश नगराले (27) को उसी दिन बूट्टीबोरी से पुलिस ने हिरासत में ले लिया था।
एकतरफा प्यार में वारदात को दिया अंजाम
एकतरफा प्यार में आरोपी ने वारदात को अंजाम दिया। गंभीर रूप से झुलसी अंकिता को नागपुर के आरेंज सिटी अस्पताल में दाखिल किया गया। यहां सात दिनों तक चले इलाज के बाद 10 फरवरी की सुबह 6.55 बजे अंकिता ने दम तोड़ दिया। इसके बाद सभी स्तर पर वारदात की निंदा की गई। आरोपी को फांसी देने की मांग उठने लगी। प्रकरण की जांच तत्कालीन डीवाइएसपी तृप्ति जाधव को सौंपी गई। उन्होंने 19 दिनों तक जांच पड़ताल कर 28 फरवरी 2020 को हिंगनघाट के अतिरिक्त जिला न्यायालय में 426 पन्नो की चार्जशिट दाखिल की।
कुल 77 गवाह, 29 के बयान जांच गए
सरकारी की ओर से विशेष सरकारी वकील उज्ज्वल निकम की नियुक्ति हुई। प्रकरण में करीब 65 बार न्यायालय में सुनवाई ली गई. इसमें 34 बार सरकारी वकील निकम उपस्थित रहे। प्रकरण में कुल 77 गवाह थे, जिनमें से 29 गवाहों के बयान जांचे गए। 5 फरवरी 2022 को प्रकरण में न्यायालयीन कामकाज पूर्ण हो चुका है। आरोपी पक्ष की ओर से एड. भूपेंद्र सोने काम संभाल रहे है। इस नृशंस हत्याकांड पर 9 फरवरी को क्या फैसला आता हैं, इस ओर वर्धा सहित पूरे राज्य का ध्यान लगा हुआ है।
पीड़िता के माता-पिता को न्याय की उम्मीद
9 फरवरी को बेटी को उचित न्याय मिलने की उम्मीद अंकिता के माता-पिता ने जताई है। आरोपी ने इतनी क्रूरता से हमारी बेटी की हत्या कर दी है। हमारी बेटी तो वापस नहीं आएगी, किन्तु न्यायालय अंकिता के साथ जरूर न्याय करेगा। हमें पूरा विश्वास हैं, यह बात परिजनों ने कही।