वर्धा. झुंड से भटके नर जाति के बंदर की करतूतों से हिंगणा वनपरिक्षेत्र के अंतर्गत आने वाले पेंढरी जंगल से सटे गांववासी काफी परेशान हो गए थे़ यह बंदर गांववासी, स्कूल के विद्यार्थियों पर निरंतर हमले कर रहा था़ बंदोबस्त करने के लिए वन विभाग ने अनेक प्रयास किए, लेकिन सफलता नहीं मिल रही थी़ आखिरकार वर्धा के पिपल्स फॉर एनिमल्स की टीम को बुलाया गया़ टीम के कौस्तुभ गावंडे ने अपनी जान जोखिम में डालकर बंदर को 90 फीट टावर पर चढकर पकड़ लिया.
बंदर के हमलों से सभी डरे हुए थे
इन दिनों बंदरों के झुंड अक्सर खेत परिक्षेत्र में पहुंचकर फसलों को नुकसान पहुंचा रहे है़ ऐसे में नागपुर स्थित हिंगणा वनपरिक्षेत्र के अंतर्गत आनेवाले पेंढरी इस जंगल परिक्षेत्र से सटे गांव में झुंड से भटके हुए बंदर का आतंक काफी बढ़ गया था़ निरंतर बंदर नागरिकों एवं स्कूली विद्यार्थियों पर हमला करने से सभी दहशत में थे़ गांव वासियों का खेत में काम करना कठिन हो गया था़ साथ ही विद्यार्थी भी स्कूल में जाने के लिए डर रहे थे.
बंदर को पकड़ना बन गई थी चुनौती
वन विभाग ने बंदर को पकड़ने के कई बार प्रयास किए़ लेकिन बंदर पेंढरी गांव के 90 से 100 फीट ऊंचे टावर पर जाकर बैठ जाता था़ इससे बंदर को पकड़ना निरंतर चुनौतीभरा साबित हो रहा था, जिससे बंदर को पकड़ने के लिए वर्धा के पिपल्स फॉर एनिमल्स वन्यप्राणी बचाव केंद्र की टीम को बुलाया गया़ नागरिकों की भीड़ की वजह से बंदर इधर उधर भागने लगा तथा लोगों पर हमला करने लगा़ 2 घंटे के बाद बंदर गांव स्थित मोबाइल के टावर पर चढ़ गया़ टीम के कौस्तुभ गावंडे ने स्वयं की जान जोखिम में डालकर टावर पर चढ़कर बंदर को पकड़ लिया.
बंदर को किया वन विभाग के हवाले
टावर से बंदर को पकड़कर वन विभाग के हवाले किया गया़ इसके बाद बंदर को गांव से दूर घने जंगल में छोड़ दिया गया़ बंदर को पकड़ने के दौरान गांववासी बड़ी संख्या में देखने पहुचने के कारण भीड़ उमड़ पड़ी थी़ बंदर को गांव से दूर छोड़ने से गांववासियों ने राहत महसूस की.