Wardha News: ठेका कर्मचारी बेमियादी हड़ताल पर, स्वास्थ्य सेवा लड़खड़ाई, मरीज परेशान

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वर्धा. राष्ट्रीय स्वास्थ्य अभियान ठेका अधिकारी, कर्मियों ने 25 अक्टूबर से बेमियादी हड़ताल शुरू कर दी है. दूसरे दिन कर्मियों ने जिप कार्यालय के समक्ष ठिया आंदोलन किया. दो दिन से चल रहे आंदोलन के कारण जिले की स्वास्थ्य सेवा लड़खड़ा गई है. राज्य में करिब 35 हजार ठेका पध्दति पर अधिकारी, कर्मी स्वास्थ्य विभाग में कार्यरत है. सभी लोग हड़ताल पर चले गये है.

पिछले कुछ वर्षों से स्वास्थ्य विभाग में हजारों पद रिक्त पड़े है़. इसके लिये कार्यरत ठेका कर्मियों पर स्वास्थ्य विभाग की कमान है़  ओड़िशा, राजस्थान, पंजाब, मणिपुर, मेघालय, झारखंड, आंध्रप्रदेश आदि राज्य में राष्ट्रीय स्वास्थ्य अभियान के अंतर्गत ठेका कर्मियों को विविध विभाग के रिक्त पदों में शामिल कर लिया गया है.

वहीं मध्यप्रदेश में उन्हें सरकारी कर्मियों की तरह वेतन आयोग लागू किया गया है. कई वर्षों से महाराष्ट्र में यह मांग हो रही है. परंतु सरकार इसे गंभीरता से नहीं ले रही. आयटक संलग्न महाराष्ट्र राज्य स्वास्थ्य विभाग ठेका नर्सेस यूनियन की ओर से अनेक बार आंदोलन किये गये़  चार बार मंत्रालय में स्वास्थ्य मंत्री से चर्चा हुई. परंतु आश्वासन के अलावा कुछ नहीं मिला. कर्मियों के हाथ निराशा आयी़  इसके लिये राष्ट्रीय स्वास्थ्य अभियान के विविध संवर्ग के अधिकारी, कर्मियों ने एकत्रित आते हुए ठेका अधिकारी, कर्मचारी कृति समिति का गठन किया.

साथ ही अपनी मांगों के लिये 25 से बेमियादी हड़ताल शुरू कर दी है. कृति समिति के मुख्य मार्गदर्शक दिलीप उटाणे, प्रवीण बोरकर, मुख्य समन्वयक पवन वासनिक की अगुवाई में यह आंदोलन चल रहा है. गुरुवार को जिले की दस संगठनों ने एकजुट होकर जिप के समक्ष ठिया आंदोलन किया. पहले ही स्वास्थ्य विभाग में अल्प स्टाफ है. मरीजों की संख्या दिन ब दिन बढ़ती जा रही है. ऐसी स्थिति में ठेका कर्मी हड़ताल पर चले जाने से स्वास्थ्य लड़खड़ा गई है.