Samudrapur Cotton

  • किसान ने सीसीआई को भेजा पत्र

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समुद्रपुर. सीसीआई को बेचे गए कपास का भुगतान आधार कार्ड लिंक बैंक अकाउंट में न करते हुए कर्ज खाते में किया गया, जिससे कर्ज खाते से बैंक ने राशि काट ली. इस कारण किसान राजेश चंद्रशेखर थोरात को दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है. इस संबंध में पीड़ित किसान राजेश थोरात ने सीसीआई को पत्र भेजकर बैंक खाते में कपास का भुगतान करने की मांग की है.

समुद्रपुर तहसील में सीसीआई के दो कपास खरीदी केंद्र गुरुकृपा कॉटजिन, कांढली, और श्रीकृष्ण जिनिंग एंड प्रेसिंग धोंडगांव में शुरू है. 3 दिसंबर को कांढली के राजेश चंद्रशेखर थोरात ने कांढली के गुरुकृपा कॉटजिन में सीसीआई को 24.80 क्विंटल कपास की बिक्री की. साथ में डिजिटल 7/12 के साथ भारतीय स्टेट बैंक, हिंगनघाट शाखा की बैंक लिंक पासबुक की जेराक्स दी.

लेकिन सीसीआई कार्यालय से चेक बनाते समय जिस पासबुक की जेराक्स दी थी उसमें कपास का भुगतान न करते हुए बैंक आ‍फ इंडिया, शाखा कांढली के कर्ज खाते वाले अकाउंट में डाले गये, जिससे बैंक ने उनके कर्ज मे से वो रकम काट ली. शासकीय योजना की रकम स्टेट बैंक के खाते में जमा होती है. कपास भुगतान बैंक आफ इंडिया में कैसे जमा हुआ इस पर संदेह व्यक्त हो रहा है.

एसबीआई में भुगतान जमा कराने की अपील

किसान का पिछले दो तीन वर्षों से खेती में लागत खर्च भी नहीं निकल रहा. वहीं कोरोना ने पूरी उपज बरबाद कर दी. ऐसे मै सीसीआई ने कर्ज खाते में कपास का भुगतान ट्रान्सफर करने से पारिवार का खर्च चलाने को लेकर राजेश थोरात ने सीसीआई के अधिकारियों से लिखित अपील कर सवाल खड़ा किया.  कपास का भुगतान भारतीय स्टेट बैंक शाखा हिंगनघाट के अकाउंट में ट्रान्सफर करने की मांग महाप्रबंधक, सीसीआई कार्यालय अकोला, जिलाधिकारी वर्धा, तहसीलदार समुद्रपुर, डीडीआर वर्धा तथा कृषि उपज बाजार समिति समुद्रपुर से की है.