वर्धा. दो दिन पहले वर्धा में तेंदुए के खाल की तस्करी प्रकरण में वन विभाग ने चार आरोपियों को हिरासत में ले लिया. चारों फिलहाल 17 दिसंबर तक वन कस्टडी में है़ परंतु कस्टडी के दौरान आरोपियों से पुख्ता जानकारी हासिल करने में वन विभाग विफल साबित हो रहा है़ इससे मामले की जांच आगे नहीं बढ़ पा रही है.
बता दें कि वन्यजीवों के खाल की तस्करी का प्रकरण उजागर होने के बाद अनेक सवाल उपस्थित किये जा रहे है़ इसकी सहीं दिशा में गंभीरता से जांच होने पर कई राज सामने आ सकते है़ परंतु उक्त प्रकरण में स्थानीय वन विभाग गंभीर दिखाई नहीं दे रहा है़ चारों आरोपियों की वन कस्टडी शुक्रवार को पूरी होनी है.
परंतु अब तक तेंदुए की शिकार कहां की गई, कहां से खाल लायी गई, इन सवालों के जवाब नहीं मिल रहे हैं. वन विभाग के अनुसार मृत तेंदुए की आयु साढ़े तीन वर्ष थी. अंतरराष्ट्रीय मार्केट में तेंदुए की खाल की कीमत करोड़ों में बताई गई़ प्रकरण के तार चंद्रपुर, नागपुर से भी जुड़े हुए है.
अन्य फरार आरोपियों की तलाश जारी
परंतु वन विभाग जांच में कोताही बरती जा रही है. उल्लेखनिय हैं कि तस्करी प्रकरण की भनक नागपुर वन विभाग की टीम को लगी़ इसके बाद इस कार्रवाई को अंजाम दिया गया़ आरोपियों से 4 मोबाइल, दुपहिया व खाल जब्त की गई़ आगे के जांच की जिम्मेदारी वन विभाग पर सौंपी गई है़ इस ओर नागपुर व वर्धा के वरिष्ठ अधिकारी ने गंभीरता से ध्यान देने की मांग वन्यप्रेमी कर रहे है़ं प्रकरण में विस्तृत जांच होने पर बड़ी मछलियां हाथ लगने की संभावना है़ अरेस्ट आरोपियों में वर्धा के दो व चंद्रपुर के दो लोग है़ अन्य फरार आरोपी वन विभाग के हाथ क्यों नहीं लग रहें, इसे लेकर भी सवाल उपस्थित किया जा रहा है.
चारों आरोपियों से चल रही पूछताछ
प्रकरण में चारों आरोपियों से पूछताछ चल रही है़ अन्य आरोपियों की तलाश हम कर रहे है़ं कोई पुख्ता जानकारी अब तक नहीं मिली़ प्रकरण में जांच पड़ताल चल रही है़
-रूपेश खेड़कर, वनपरिक्षेत्र अधिकारी-वर्धा.