Sudhir Mungantiwar
सुधीर मुनगंटीवार (फाइल फोटो)

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पुलगांव (सं). वर्धा जिले में सिर्फ एक यादों ही तहसील बनी थी तब से निरंतर मांग की जा रही है, लेकिन अब पालकमंत्री बदलने के बाद शहर की जनता की तहसील बनने की आस फिर जाग गई है. शहर में चर्चाएं गर्माने लगी की वर्धा जिले के पूर्व मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस बनने के बाद तहसील का दर्जा देने की मांग चर्चा में आ रही है. शहर की करीबन 40 हजार आबादी है. जिले की सबसे बड़ी ग्राम पंचायत नाचनगांव, न्यायालय, रेलवे स्थानक, करीब 100 ग्रामीण क्षेत्रों के लिए आनेवाला पुलिस थाना, नगर पालिका और नायब तहसील कार्यालय होने के बावजूद आज भी तहसील बनने उपेक्षित रहा है. जबकि शहर से कम आबादी वाले आर्वी, आष्टी, कारंजा, सेलू, हिंगनघाट सबसे काम आबादी वाले देवली को तहसील दर्जा मिल गया है. विकासात्मक कार्यो में गति मिल गई है.

अधूरे पड़े हैं कई विकास कार्य

शहर को तहसील नहीं बनने के कारण हर विकास कार्य आधे अधूरे पड़े है, लेकिन राजनेताओं की गंदी राजनीति का शिकार गांव हर समय उपेक्षित रहा है. जब वर्धा जिले में सिर्फ दो ही तहसील थी. तत्कालीन जिलाधिकारी द्वारकानाथ कपूर ने पुलगांव तहसील बनाने की प्रक्रिया पूरी कर ली गई थी. फाइल बनाकर वरिष्ठों को दे दी गई थी, लेकिन देवली के साथ अपना वोटों का रिश्ता कायम करने पुलगांव को छोड़ छोटे से आबादी वाले देवली को तहसील का दर्जा दिया गया. शहर को सिर्फ आश्वासन के झूठे वादे पर रख दिया जो आज तक पूरा नहीं हुआ.

अब तक मिला झूठा आश्वासन

इस शहर में प्रभाराव, सरोज काशीकर, नारायण काले, शंकरराव सोनुने जैसे नेता विधायक पद पर भारी मतों से विजयी रहे. साथ ही विधायक रंजित कांबले ने विधायक की हैट्रिक मार चुके. वह भी कांग्रेस की सत्ता रहकर भी तहसील नहीं बना सके. शहरवासियों व भाजपाइयों में खुशी की लहर तब दौड़ गई. वर्ष 2014 के चुनाव प्रचारार्थ भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष अमित शाह के सामने अपने चुनावी वादे में सुधीर मुनगंटीवार ने बड़े जोर-शोर से वादा किया था कि अगर भाजपा की सत्ता मोदी सरकार के माध्यम से आती है तो 3 महीने में शहर को तहसील बनाया जाएगा.

भाजपा की मोदी सरकार सत्ता में आ गई और सोने पे सुहागा सुधीर मुनगंटीवार वर्धा जिले के पालकमंत्री बन गए, लेकिन अपने चुनावी वादे से सीधे मुकर गए की तहसील बनाने का कोई वादा ही नहीं किया. बाद में महाजनादेश यात्रा के दौरान तत्कालीन मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने अपने 10 मिनट की सभा में सर्कस ग्राउंड में कहा कि जब भी तहसील बनेगी. सबसे पहले पुलगांव को तहसील का दर्जा मिलेगा. वह भी झूठा आश्वासन रहा. इसके बाद तहसील का मुद्दा झूठे आश्वासन पर खंडित हो गया, फिर भाजपा के नेताओं ने पुलगांव को अपर तहसील बनाने का भी झूठा वादा कर डाला और आज तक अपर तहसील का मुद्दा भी हाशिए पर है.

जबकि शहर के भाजपा कार्यकर्ताओं ने मुनगंटीवार को उनके भाषण की रिकार्डिंग ले जाकर सुनवाई थी. जिस पर उन्हें याद आने पर तत्कालीन मुख्यमंत्री देवेंद्र फडनवीस को ज्ञापन भी दिया गया था, परंतु महाराष्ट्र के राजनीतिक बदलाव के बाद सरकार ने जिले के पालकमंत्री में वर्धा जिले के पालकमंत्री उप मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस बन गए. उन्हें यह पद मिलने पर शायद 1 वर्ष गुजर गया, लेकिन तहसील बनने की उम्मीद कमजोर नजर आ रही हैं. साथ ही अपर तहसील भी फाइलों में बंद हो गई हैं. यहां की जनता को सिर्फ कब बनेगी. पुलगांव तहसील के झूठे वादे पर ही निर्भर रहना पड़ेगा. यह चर्चा का विषय है.