गणेशोत्सव: गणेश मूर्ति बनाने में जुटे मूर्तिकार, इस बार बाजार में मूर्तियों की बढ़ेगी मांग, 60 प्रश के आसपास बुकिंग हो गई पूर्ण

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    वर्धा. गणेश चतुर्थी को अब कुछ ही दिनों का समय शेष बचा है़ ऐसे में गणेश मूर्तियां बनाने में मूर्तिकार इन दिनों युद्धस्तर पर जुटे हुए दिखाई दे रहे है़ं पिछले वर्ष कोरोना प्रतिबंधों के कारण गणेशोत्सव सादगीपूर्ण माहौल में मनाया गया था़ किंतु, इस बार किसी भी प्रकार की पाबंदियां नहीं है़ ऐसे में शहर के मूर्तिकारों के यहां घरेलू गणेश मूर्तियों की बुकिंग लगभग 60 प्रश के आसपास पूर्ण होने की जानकारी है़  मौजूदा स्थिति को देखते हुए इस बार गणेश मूर्तियों की मांग बढ़ने की संभावना जताई जा रही है़ पिछले वर्ष कोरोना की दूसरी लहर काफी घातक साबित हुई थी.

    नागरिकों में उत्साह का वातारण बना है 

    गणेशोत्सव आने तक कई परिवार संकट से नहीं उभर सके थे़ इसके चलते कई सार्वजनिक गणेशोत्सव मंडलों के साथ ही घरों में गणेश मूर्तियां विराजमान नहीं हुई थी़  लेकिन अब स्थिति में पूर्णत: सुधार आ गया है़ भले ही लोग आर्थिक रूप से जरा कमजोर हुए हों, फिर भी साल का पहला सबसे बड़ा त्योहार मनाने की कोई कसर नहीं छोड़ना चाहते़ मूर्तिकारों के यहां गणेश मूर्तियों की प्री बुकिंग को देखते हुए गणेशोत्सव को लेकर नागरिकों के उत्साह का अनुमान लगाया जा सकता है. 

    ऊंची मूर्तियों की बढ़ती जा रही है मांग

    10 फीट से भी ऊंची मूर्तियां यह सार्वजनिक गणेश मंडलों की पहचान है़ किंतु, पिछले वर्ष कोरोना के चलते ऊंची मूर्तियां विराजमान नहीं करने का आदेश सरकार ने पारित किया था़ काम के अभाव में मूर्तिकारों के यहां का अतिरिक्त मानव संसाधन अन्य कंपनियों में चला गया़  इस बार पाबंदियां नहीं होने से गणेश मंडलों द्वारा ऊंची मूर्तियों की मांग की जा रही है़ ऐसे में मूर्तिकारों को मानव संसाधन के अभाव में ऊंची मूर्तियां बनाने दिक्कतें आ रही है. 

    लगातार दूसरे वर्ष हुई मूल्य वृद्धि

    जिले के मूर्तिकार गणेश मूर्ति के लिए सफेद, लाल व पीली मिट्टी का उपयोग करते है़ यह मिट्टी नागपुर के काटोल स्थित सावरगांव से लाई जाती है़ उसी प्रकार रंग अमरावती से मंगवाया जाता है़ डीजल के दर बढ़ने से ट्रान्सपोर्टेशन महंगा हो गया है़ लगातार दूसरे वर्ष गणेश मूर्तियों के दरों में वृद्धि हुई है़ मूर्तिकारों के यहां 500 से 20 हजार रुपए तक की मूर्तियां बिक्री के लिए उपलब्ध है.  

    उठाया जा रहा पीओपी मूर्ति का मुद्दा

    बढ़ते प्रदूषण के मद्देनजर न्यायालय ने पीओपी मूर्तियों के निर्माण पर पाबंदी लगाई है़ संबंधित प्रशासन को कार्रवाई करने के आदेश प्रदान किए गए है़ इसके बावजूद भी पीओपी मूर्तियों की धड़ल्ले से पिछले कुछ वर्षों में शहर में बिक्री होती है़ इस बार कुम्हार संगठन पीओपी मूर्ति की बिक्री के खिलाफ आक्रामक भूमिका अपना रहे है़ पीओपी मूर्तियों की बिक्री नहीं होनी चाहिए, इसके लिए प्रशासन ने कड़ी भूमिका लेने की मांग हो रही है.