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    वर्धा. गुणवत्ता में सुधार के लिए गतिविधियों की झड़ी लग गई है. दस्तावेजों-मार्कशीटों का ढेर, कार्यशाला-प्रशिक्षण का अभाव है़  दूसरी और स्कूलों में शिक्षकों की कमी है. इस कारण शिक्षक बच्चों को पढ़ाने के लिए पर्याप्त समय नहीं दें पाता है़  इस प्रतिकूल स्थिति को बदलने के लिए महाराष्ट्र राज्य प्राथमिक शिक्षक समिति की ओर से शिक्षकों को पढ़ाने दो. बच्चों को सीखने दो. यह घोषणा देते हुए सोमवार, 8 अगस्त को राज्यभरे में सत्याग्रह किया जाएगा. स्थानीय जिप कार्यालय के समक्ष भी शिक्षक समिति आंदोलन किए जाने की जानकारी राज्य महासचिव विजय कोम्बे, जिला शाखा के अध्यक्ष रामदास खेकरे ने दी है.  

    प्राथमिक शिक्षकों के 250 पद पड़े हैं रिक्त

    वर्धा जिले में छात्रों की शैक्षणिक प्रगति की जांच करने वाले केंद्र प्रमुखों में से 70 प्रश पद रिक्त हैं और 87 में से 54 पद खाली हैं. जिले के 917 विद्यालयों में से केवल 54 विद्यालयों में नियमित प्रधानाध्यापक के पद स्वीकृत हैं. अन्य सभी विद्यालयों में शिक्षक प्रधानाध्यापक के पद पर कार्यरत हैं. ये प्रभारी प्राचार्य एक से अधिक कक्षाओं को पढ़ाते हैं. जिले के कई स्कूलों में जहां शिक्षक नहीं है, वहां दूसरें स्कूल से पढ़ाने की अस्थायी व्यवस्था की गई है. इससे जिस विद्यालय से व्यवस्था की जाती हैं उसका कार्य प्रभावित होता है. कुछ विद्यालयों में एक शिक्षक व तीन से पांच कक्षाओं में प्राचार्य के पद पर कार्यरत होने के साथ-साथ पढ़ाया जा रहा है. 

    अब तक नहीं मिली किताबें

    सभी छात्रों को अब तक किताबें नहीं मिली हैं. शालेय गणवेश योजना की सब्सिडी में कमी के कारण सभी लाभार्थी छात्रों को गणवेश नहीं दिये गए है़  कई स्कूलों में कक्षा में छात्रों को बैठने के लिए पर्याप्त डेस्क-बेंच उपलब्ध नहीं हैं. शिक्षकों की कई जायज मांगों की भी लंबे समय से अनदेखी की जा रही है. राज्यस्तरीय मुद्दों जैसे शिक्षण कर्मचारियों के पारिश्रमिक, वृद्धावस्था पेंशन, सेवाकालीन सुनिश्चित प्रगति योजना, स्नातक वेतनमान की हमेशा उपेक्षा की जाती है.

    जिला परिषद के प्राथमिक शिक्षकों को छोड़कर सभी शासकीय, अर्द्धशासकीय, निजी सहायता प्राप्त संस्थाओं के अधिकारियों, कर्मचारियों, शिक्षकों को सातवें वेतन आयोग के बकाया की तीनों किश्तें मिल चुकी हैं. लेकिन जिला परिषद के प्राथमिक शिक्षकों को केवल एक किश्त मिली है और दो किश्तें आज भी बाकी हैं. स्थानीय निकायों के प्राथमिक शिक्षकों के साथ भेदभाव का आरोप भी समिती के पदाधिकारियों ने किया है. 

    स्नातक शिक्षकों को वेतनमान नहीं

    विषय स्नातक शिक्षकों को वेतनमान लागू नहीं किया है़  हिंगनघाट, सेलू तहसील में शिक्षकों की आयकर कटौती राशि जमा करने में गलती के कारण तीन साल का रिटर्न दाखिल नहीं किया जा सका़  1 नवंबर 2005 से पहले नियुक्त शिक्षकों की काटी गई अंशदायी पेंशन की राशि 10 साल बाद भी वसूल नहीं हो पाई है. सेवानिवृत्त शिक्षकों को दो-तीन साल से समूह बीमा राशि वापस नहीं मिलती है. DCPS खाते में राशि राष्ट्रीय पेंशन योजना खाते में जमा नहीं की जाती है.

    राष्ट्रीय पेंशन योजना की 402 शिक्षकों की मई 2021 की सदस्यता किस्त कटौती के बावजूद संबंधितों के खातों में जमा नहीं की गई है. समिति ने अपनी 28 मांगों को लेकर आवाज उठाने का निर्णय लिया है़  समिति ने शिक्षकों, अभिभावकों, जन प्रतिनिधियों और सामाजिक संगठनों के सदस्यों से 8 अगस्त की दोपहर 1 बजे जिला परिषद कार्यालय के सामने होने वाले सत्याग्रह में भाग लेने की अपील की है.