- विधायक संदीप धुर्वे के तारांकित सवाल पर ऊर्जा मंत्री का जवाब
यवतमाल. राज्य भर में किसानों कों फसल सिंचाई के लिए कृषीपंपों को दिन में 8 और रात में 8 घंटें थ्रीज फेज से बिजली आपूर्ती की जा रही है, एैसी जानकारी ऊर्जामंत्री नितीन राऊत ने विधानसभा में 7 मार्च को रालेगांव आर्णी केलापुर निर्वाचनक्षेत्र के विधायक संदिप धुर्वे के तारांकीत सवाल पर दी.
यवतमाल जिले में और राज्य मे सभी स्थानों पर किसानों को सिंचाई के लिए केवल रात में ही बिजली आपूर्ती होने की शिकायतें किसान कर रहे है, इस संदर्भ में आर्णी -केलापूर निर्वाचन संघ के विधायक डा. संदीप धुर्वे ने विधानसभा के अर्थसंकल्पीय अधिवेशन में तारांकित सवाल उठाया. जिसपर ऊर्जामंत्री राऊत ने लिखित उत्तर दिया.किसानों कों दिन में आठ रात में 8 घंटें चक्राकार प्रणाली से बिजली आपूर्ती दी जाएंगी.एैसी जानकारी उन्होने दी.
किसानों को दिन में बिजली देने के का मुख्य उददेश्य सामने रखकर सरकार ने मुख्यमंत्री सौर कृषिवाहीनी योज के तहत विकेंद्रित सौरऊर्जा प्रकल्पों के जरीए दीर्घकालीन योजना बनायी है. इसके तहत महावितरण कंपनी ने 1440 मेगावॅट बिजली खरीदी का करार किया है. इनमें 400 मेगावॅट क्षमता का प्रकल्प कार्यान्वीत होकर उसमें कुल 133 कृषी वाहिनीयों के 57 हजार 392 कृषी ग्राहकों कों दिन में 8 घंटें और रात में थ्री फेज बिजली आपूर्ती शुरु की गयी है.
उसी तरह किसानों को दिन में सिंचाई करना आसान हो इसके लिए 1 लाख सौर कृषीपंप स्थापित करने सरकार की ओर से मुख्यमंत्री सौर कृषीपंप योजना चलायी जा रही है, इससे जनवरी 2022 तक पुरे राज्य में 99 हजार 242 कृषीपंपों की आस्थापना पुरी की गयी है.ऊर्जामंत्री राऊत ने बताया की केंद्रीय ऊर्जा मंत्रालय ने किसानों के लिए प्रधानमंत्री किसान ऊर्जा सुरक्षा और उत्थान महाअभियान योजना (पीएम कुसुम) घटक अ तथा क घोषित की है.
इसके तहत महावितरण की टेंडर प्रक्रिया उसी तरह महाराष्ट्र ऊर्जा विकास अभिकरन (मेडा)के जरीए कुसुम योजना घटक ब के तहत हर वर्ष 1 लाख पारेषण रहीत सौर कृषी पंप आस्थापित करने का मकसद है.इसके लिए टेंडर प्रक्रिया शुरु होने की जानकारी भी ऊर्जामंत्री राऊत ने विधायक डा. संदीप धुर्वे के कृषीपंपो को बिजली आपूर्ती मुददे पर दिया.
सिंचाई में बडी समस्या है, तकनिकी और बिजली गुल होना
उल्लेखनिय है की यवतमाल जिले में फिलहाल महावितरण कंपनी द्वारा ग्रामीण ईलाको के खेतों में दिन में 8 घंटें और रात में भी बिजली की आपूर्ती होती है. बिते लंबे समय से कृषीपंपों का बिल न भरनेवाले किसानों को बकाया बील भरने के लिए कंपनी ने विशेष अभियान चलाते हुए योजना के तहत बिल की राशी में छूट और सहुलियत दी थी, जिसे किसानों नें सहयोग भी किया. लेकिन जिले के अधिकांश तहसीलों में कृषीपंपों के लिए दी जानेवाली बिजली आपूर्ती की तकनिकी दिक्क्तें महावितरण कंपनी कम नही कर पायी है.
दिन में फसलों को सिंचाई करते समय ट्रान्सफार्मर, डीपी में तकनिकी बिगाड, अचानक बिजली गुल होने समेत विभीन्न मामलें होते है,एक ओर महावितरण कंपनी के अधिकारीयों द्वारा किसानों को सप्ताह में 7 दिन बिजली आपूर्ती दावा किया जाता है, तो दुसरी ओर बिजली गुल होने और इसके बाद मरम्मत के घंटों का कैलक्युलेशन करें तो तकनिकी दिक्कतों के कारण सप्ताह में किसानों कों 4 दिनों से अधिक बिजली नही मिल पा रही है.
तो दुसरी ओर रात में कृषीपंपों के लिए बिजली देने का अनोखा नियम होने से किसानों को यदी दिन में बिजली नही मिलती है, तो उन्हे रात में अपनी जान जोखीम में डालकर जंगलों से खेतों में गुजररकर और जागरण कर फसल सिंचाई करनी पड रही है. जिससे सरकार और महावितरण कंपनी के अधिकारी दिन में सुचारु और रात की बजाय अलसुबह बिजली आपूर्ती करें तो पर्याप्त बिजली मिलकर खेतों की सिंचाई होंगी, एैसी आशा जिले के किसान कर रहे है.