सेहत: बारिश के दिनों जंगल क्षेत्र में निकल आती है कई गुणकारी सब्जियां

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    • जंगली सब्जियों की बढ़ी डिमांड

    यवतमाल. बारिश के सीजन में व-हाड के जंगलों में कई सब्जीयां पाई जाती हैं. सड़क के किनारे खुले मैदान में आपको तरोटा तथा जंगलों में काटेमाट, खापरखुटी, तरोटा जैसी सब्जियां दिखाई देती है. डाक्टर आहार में पत्तेदार सब्जियों को शामिल करने की सलाह देते हैं.  सब्जी, फल्लियों की यदि जानकारी है तो स्वस्थ पत्तेदार सब्जियां मुफ्त में उपलब्ध हो सकती हैं. 

    स्वास्थ्य के लिए होती लाभकारी

    आस-पड़ोस एक जंगली सब्जी फल्लियां पायी जाती हैं, किंतु हम इसे अज्ञानता से नहीं खा सकते हैं. इनमें करटोला, काटेमाट, खापरखुटी, तांदूरका, टाकला यानी तरोटा की सब्जी शामिल हैं. इन सब्जियों को सड़क के किनारे देखा जा सकता है. काटेमाट एक प्रकार की सब्जी है, जिसे चवली और माट कहते हैं.

    पत्तियां माटा के समान बड़ी होती हैं. शाखाओं पर कांट होते हैं. एक फुट ऊंची होती है. खापरखुटी की सब्जी झाड़ी की तरह फैलती है. उसकी पहचान उसके गोल पत्ते, लाल रंग होते है. बारिश में हर जगह तरोटा सब्जियां उग आती हैं. कोमल अवस्था में इस सब्जी को खाना चाहिए. तांदुरका की पत्तियां चौकोर और कोणीय होती हैं. जैसे-जैसे तांदूरका की झाड़ी बढ़ती है, उसमें सफेद फूल होते हैं, जो इसे इसकी पहचान देते हैं.

    खाने में होती है स्वादिष्ट 

    काटेमाट की सब्जी को प्याज और मिर्च से बनाया जाता है. काटेमाट और खापरखुटी की सब्जी भी एक साथ बनाई जाती है. दोनों मिश्रित सब्जियों का स्वाद अधिक स्वादिष्ट होता है. इसकी सब्जियां पतली भी बनाते हैं. तरोटा कुछ तेज है. इसलिए तरोटे को पकाने से पहले पानी में उबाला जाता है. पानी निकाल दिया जाता है और फिर पूरी पत्ती को खुला कर दिया जाता है. इस सब्जी को प्याज और मिर्च में बनाते हैं. यह सब्जी रोटी के साथ और भी स्वादिष्ट लगती है. करटोला के फल को दाल में बनाकर खाया जाता है.

    चिकित्सा उपचार में प्रयोग 

    इन सब्जियों को अक्सर कचरे के रूप में देखा जाता है, किंतु प्राकृतिक सब्जी फलियां विटामिन, खनिज और लवण से भरपूर होती हैं. उनका उपयोग प्राकृतिक चिकित्सा के साथ-साथ सब्जियों और मलहमों में भी किया जाता है.

    डा.अशोक जैन,निर्सग प्रेमी,नेर