पालिका ने डिवाइडर पर लगाए पौधे चर रहे है मवेशी

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    • नगरपालिका की लापरवाही से नए पौधों का नुकसान

    यवतमाल. शहर के घाटंजी-भोसा मार्ग पर टू वे रास्ते के निर्माण के बाद यहां पर लंबे समय से डिवायडर में पौधारोपण नही किया गया था, लेकिन इस वर्ष बरसात की शुरुआत में लोकनिर्माण विभाग की बजाय नगरपालिका ने लाखों रुपए खर्च करते हुए रास्ते के बीच में डिवायडर में पौधारोपण का कार्य हाल ही में किया है, लेकिन यह पौधे लगाने के बाद उनके रखरखाव के लिए उचित नियोजन नही किया गया है.इनमें कुछ पौधे मवेशीयों के चरने के योग्य है, जिससे पौधे लगते ही इनमें अनेक पौधे अब चारे के रुप में यह कोमल पौधे मवेशी चरकर समाप्त कर रहे है.

    उल्लेखनिय है कि, लंबे इंतेजार के बाद नगरपालिका की प्रशासक और मुख्याधिकारी द्वारा भोसा मार्ग पर  पालिका की देखरेख में डिवायडर के बीच पौधे लगाने का कार्य हाथ में लिया गया,इसके लिए विशेष तौर पर दक्षिण भारत के राजमंदरी से विभीन्न तरह के पौधे मंगवाने का पालिका ने दावा किया है.लेकिन यहां पर बिते डेढ सप्ताह में लगाए गए अनेक पौधे आवारा मवेशी,गाय भैंस आए दिन चरते दिख रहे है, जिससे पालिका के पौधारोपण के नियोजन पर नागरिकों में हैरानी जतायी जा रही है.

    नही लगाए गए बोगनवेल के पौधे

    उल्लेखनिय है कि, राष्ट्रीय, राज्य महामार्ग पर शहर के मध्य में स्थित रास्तों के डिवायडर पर प्रशासनिक स्तर पर विशेषकर आकर्षक दिखनेवाले और मेंटेनेन्स में सुविधाजनक माने जानेवाले बोगनवेल जैसे रंगीबिरंगी पौधे लगाए जाते है, लेकिन पालिका ने इस मार्ग पर कहीं भी बोगनवेल नही लगाए.पालिका की आर्थिक बचत होने के अलावा यह मार्ग पर बोगनवेल के पौधों और फुलों से आकर्षक दिख सकता था, लेकिन भोसा नाका से राष्ट्रीय राजमार्ग को जोडनेवाले मार्ग पर चापडोह पुर्नवसन तक बनें टू वे के डिवायडर के बीच आरेका पाम, चाफा,बकुल,जकरबेरीया जैसे महंगे पौधे बुलाकर लगाए, पालिका ने इस पौधारोपण के लिए लाखों रुपए खर्च किए है.

    इन पौधों की उंचाई कम होने से मवेशीयों से पौधे बचाने के लिए शुरुआती चरण में प्लास्टीक या हल्के तारों की जालीयां तक नही लगायी गयी है.जिससे इस मार्ग पर आवारा घुमनेवाले मवेशी आसानी से इन पौधों कों चर रहे है,जबकी आमतौर पर बोगनवेल मवेशी नही खाते है,लेकिन यहां पर लगे यह पौधे बढने के पहले ही मवेशीयों के चारे के रुप में भेंट चढते दिख रहे है.एैसे में नगरपालिका द्वारा इन पौधों की देखरेख के लिए उचित नियोजन करने की मांग की जा रही है.

    उल्लेखनिय है की आमतौर पर बरसात के दौरान पौधारोपण करने पर उनकी बढत के लिए पर्याप्त तौर पर बारिश का पानी मिलता है, लेकिन इस मार्ग पर पालिका ने देरी से पौधारोपण का कार्य शुरु किया गया, इस दौरान डिवायडर में डालने लायी गयी मिटटी रास्ते पर डाली गयी, इसके बाद पौधारोपण का शुरु होने के बावजुद अब भी अनेक ठिकानों पर मिटटी वहीं पर पडी रहने से आम नागरिकों, वाहनचालकों को बारिश के दिनों में दिक्कतों का सामना करना पड रहा है.