आमटी गांव में तुफानी हवाओं के साथ बेमौसम बारिश, 40 घरों के छप्पर उडने से नुकसान

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यवतमाल. पुसद तहसील के आमटी गांव में 28 मई की दोपहर में तेज हवाओं के साथ मूसलाधार बारिश ने दस्तक दी. तकरीबन एक से देढ घंटा हुई बेमौसम बारिश और तेज हवाओं के चलते 40 घरों के छप्पर उड गए. घरों के छप्पर उड जाने से काफी नुकसान हुआ है.

पुसद तहसील के माल पठार के आमटी गांव में तुफानी हवाओं ने घरो के छप्पर उडा दिए. आमटी निवासी संतोष होडगीर, लक्ष्मण होडगीर, संजय राठोड, सुभाष नागनुर, प्रमोद राठोड, सदाशिव भालेराव, संतोष भालेराव, किसन गडदे, संतोष पडवलकर, पवन गडदे, बाबुराव गडदे, बंडू जाधव, बापूराव वाघमोडे, संजय सावतकर, लक्ष्मण हाके, सचिन वाकोडे, बंडू राभेड, बाबू राठोड, प्रभाकर हाके सहित लगभग 40 ग्रामवासियों के घरों के छप्पर उड गए. 

इतना ही नहीं तो  पेड भी धाराशाही हो गए. बिजली के पोल और तार टूट जाने से बीते चौबीस घंटे से गांव की बिजली गुल हो चुकी है. प्रशासन की ओर से पटवारी मस्के ने गांव पहुंचकर पंचनामा किया है. यह जानकारी सरपंच अनिल चव्हाण ने दी. जिन लोगों के घरों के छप्पर उड जाने से नुकसान हुआ है, उन लोगों को सरकार की ओर से तत्काल आर्थिक मदद देने की मांग जोर पकडने लगी है.

बता दें कि पिछले कई दिनों से जिले में बारिश और धूप की आंखमिचौली का खेल चल रहा है. लगातार दो बढ़ने से जहां लोगों के पसीने छूट रहे हैं. दोपहर के समय पर नागरिकों को कूलर का सहारा लेना पड रहा है. साथ ही चिलचिलती धूप की वजह से दोपहर के समय पर रास्तों पर सन्नाटा छाया जा रहा है. इस धुप से बचने के लिए नागरिक छता, गमच्छा समेत अन्य संसाधनों का उपयोग कर रहे तो शरीर को राहत देने के लिए ठंडपेय का सहारा ले रहे है. 

वहीं दूसरी और बेमौसम बारिश के चलते हैं मौसमी फसल पर परिणाम होने से किसानों को नुकसान होने के आसार नजर आ रहे हैं. ऐसे में रविवार 28  और सोमवार 29 मई की शाम 5  बजे के आसपास शहर सहित जिले के अधिकांश हिस्सों में तेज हवाओं के साथ बारिश हुई. जिससे नागरिकों को उमस से राहत मिली. लेकिन बारिश के थमने के बाद फिर से उमस ने जोर पकड लिया.

किसान जूटा तैयारी में 

खरीफ मौसम नजदीक आ गया है, ऐसे में समय पर बुआई करने के लिए किसानों ने कमर कसी है. किसानों ने खेती के कामों को प्राथमिकता देकर खेती मश्गत समेत अन्य संबंधित कामकाज कर रहा है. साथ ही बुआई के समय पर कोई हरबडी ना हो इस लिए बीज ओर खाद्य समेत अन्य सामग्री खरीद कर रख रहा है. ताकी समय पर बुआई हो सके ओर खरीफ की फसल अच्छी हो.