Court
प्रतीकात्मक तस्वीर

Loading

पुसद (सं). चरित्र पर संदेह कर पत्नी की हत्या करने का दोषी पाए जाने पर आरोपी पति को आजीवन कारावास की सजा सुनाई गई है. पुसद के जिला एवं सत्र न्यायाधीश एन.एच.मखरे ने मंगलवार 2 अप्रैल को यह महत्वपूर्ण फैसला सुनाया. दिग्रस तहसील के चिरकूटा निवासी गजानन हरिभाऊ दुथडे ऐसा सजा सुनाये गए आरोपी पति का नाम है.

गजानन की शादी 2004 में सुनीता से हुई थी. इसके बाद 2006 से उसे अपनी पत्नी सुनीता के चरित्र पर शक हो गया और वह उसे मानसिक और शारीरिक परेशानी देने लगा. इसलिए मृतक सुनीता ने 2007 में दिग्रस पुलिस में आरोपी पति के खिलाफ शिकायत दर्ज कराई.

उसके बाद 2013 में पंच के सामने अनबन होने पर मृतक सुनीता फिर से अपने पति के पास चली गई. लेकिन फिर भी आरोपी को मृतक सुनीता के चरित्र पर संदेह हुआ, जिसके चलते मार्च 2019 में उसकी पत्नी उमरखेड तहसील के गांजेगांव में निवास करनी लगी. और उसका बेटा और बेटी आरोपी पति के साथ रहने लगे. मृतक सुनीता ने उमरखेड कोर्ट में आरोपियों और उनके परिवार के खिलाफ घरेलू हिंसा का मामला दर्ज कराया था.

16 जून 2019 को मृतक सुनीता अपने भाई की पत्नी जोत्सना के साथ उमरखेड के एड. प्रेमानंद मालवे से मिलने और मामले पर चर्चा करने के लिए उनके कार्यालय गईं थी. आरोपी ने मृतक सुनीता को फोन कर करने पर उक्त बात आरोपी को पता चली. एड. प्रेमानंद मालवे की भेट होने के बाद सुनीता ने भाभी के साथ गांजेगांव वापीस जा रही थी तब आरोपी ने मृतक सुनीता को बच्चे की भेट कर देता हु यह कहकर सुनीता को गाडी पर बैठने के लिए कहा. आरोपी पर विश्वास रखकर बच्चों को मिलना होगा इस आस पर सुनीता आरोपी के गाडी पर बैठ गई. आरोपी ने बच्चों से न मिलावाकर सुनीता को को लेकर अरोपी ने दोपहिया नागेशवाडी के खेत परिसर में स्थित नहर के पुलिया के नीचे ले जाकर सुनीता का स्कार्फ गला दबाकर उसका खुन किया. उसके बाद घटनास्थल से भाग गया. नागेशवाडी के पुलिस पटेल संजयकुमार जटाले ने उमरखेड पुलिस थाना अज्ञात आरोपी के खिलाफ शिकायत की. इस शिकायत के तहत आरोपी के खिलाफ धारा 302 के तहत मामला दर्ज किया गया.

उक्त मामले की प्रारंभिक जांच पुलिस उपनिरीक्षक महेश घुगे ने की. नागेशवाड़ी शिवरा में एक अज्ञात महिला का शव मिलने के बाद जांच अधिकारी ने पहचान के लिए मृत सुनीता हो की तस्वीर सोशल मीडिया पर प्रसारित की. उससे पता चला कि मृत महिला की पहचान सुनीता दुथड़े के रूप में हुई. जांच तंत्र के सामने बड़ी चुनौती इस बात की जांच करना थी कि सुनीता की हत्या किसने की.

उक्त मामले में प्रारंभिक जांच पुलिस उपनिरीक्षक महेश घुगे ने की और पुलिस मृतक सुनीता के मायके गई तब वहां मृतक सुनीता उमरखेड में वकील से मिलने के बाद पति के साथ बच्चों को मिलने के लिए गई ऐसी जानकारी उसके भाई और भाभी ने पुलिस को दी. जिससे पुलिस ने आरोपी पति गजानन दुथडे को गिरफ्तार किया व उक्त मामले के सभी संबंधित गवाहों के जवाब दर्ज कर शेष जांच सहायक पुलिस निरीक्षक श्रीकांत इंगोले ने न्यायालय में दोषापत्र दाखिल किया.

जब मामला कोर्ट में आया तो आरोपी के खिलाफ अपराध साबित करने के लिए सरकार की ओर से एड. प्रेमानंद मालवे सुनीता की भावी जोत्सना वाठोरे, मृतक और आरोपी की बेटी रवीना दुथड़े, अतुल सुरोशे, भीमराव सावले, एड. सागर फुलारी प डा. सागर तगाडपल्लेवार सहित कुल 13 गवाहों की गवाही दर्ज की गई. सरकार पक्ष की ओर से प्रस्तूत किये सबमत व की हुई बहस के बाद आरोपी गजानन हरिभाऊ दुथडे ने उसकी पत्नी सुनीता की हत्या करने का मामला सिद्ध होने पर पुसद के अतिरिक्त जिला व सत्र न्यायधीश एन. एच मखरे ने आरोपी को आजीवन कारावास व 10 हजार रूपये का जूर्माना की सजा सुनाई. साथ ही जर्मूना जमा नही किया तो 6 माह की अतिरिक्त सजा सुनाई. उक्त मामले में प्रत्यक्षदर्शी गवाह नही होने की वहसे सरकार वकील एड. रवि केशवराव रूपुरकर की घटना की मिलाया व प्रस्तूत किये सबुत व प्रभावी बहक के चलते आरोपी को सजा सुनाई. पैरवी अधिकारी के रूप सहायक फौजदार श्याम यादवराव आगाशे से कामकाज देखा.