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    • जिले के 1712 गांवों में 7 हजार 586 जलस्त्रोतों का सर्वे

    यवतमाल. जिलापरिषद द्वारा जिले के ग्रामीण ईलाकों में शुध्द जलापूर्ती की जिम्मेदारी है.ग्रामपंचायतों के जरीए गांवों में जलापूर्ती होती है, लेकिन जिले में स्वच्छ जलापूर्ती का बडा मसला उजागर हुआ है. जिले में स्वास्थ्य विभाग द्वारा देहातों में होनेवाली जलापूर्ती को लेकर हुए सर्वेक्षण में 613 ग्रामपंचायतों को दुषित जलापूर्ती के संबंध में येलो कार्ड जारी किए गए है.

    जबकी जिले में 7 हजार 80 से अधिक जलस्त्रोंतों के सर्वे में 12 स्त्रोत हाय रिस्क झोन में होने के साथ ही 4 हजार 146 गांवों में जलापूर्ती में मध्यम स्तर का जोखीम होने की जानकारी सामने आयी है.बता दें की बारिश के दिनों में जिले के ग्रामीण ईलाकों में दुषित जलापूर्ती का मामला हमेशा बना हुआ है. 17 सालों सें जिलापरिषद के जलापूर्ती और स्वच्छता विभाग के जरीए ग्रामीण ईलाकों में जल का दर्जा, और इसके नियंत्रण के लिए कार्यक्रम चलाया जाता है.

    विश्व स्वास्थ्य संगठन और केंद्र सरकार ने जल की गुणवत्ता बनाए रखने के लिए स्वच्छता सर्वेक्षण करने कीसुचना दी है, इसमें ग्रामीण ईलाकों में आसपास का परिसर, जलापूर्ती की संचना और मैनेजमेट में त्रुटीयां पाने पर उनका समय पर निराकरण करने, संभावित संक्रकांत बिमारीयां पर रोकथाम के लिए यह कार्यक्रम है. मार्च से मई तक और बारिश की शुरुआत के बाद अक्तुबर से दिसंबर माह में जिले के जलस्त्रोतों और अन्य मुददों पर स्वच्छता सर्वेद्वाण करने का काम फिलहाल जिले में शुरु है.

    जिले में स्वास्थ्य विभाग के अधिन आनेवाले केंद्रों की टिमों ने वैदयकीय अ धिकारीयों की अगुआई में यह सर्वे किया, इसमें ग्रामपंचायतों को जल की गुणवत्ता के आधार पर लाल, हरे, पिले और सिल्वर कार्ड दिए गए. 1 से 31 अप्रैल तक जिले में 1051 ग्रामपंचायतों में आनेवाले 1712 गांवों में 7 हजार 586 गांवों के जलस्त्रोतों का सर्वे किया गया, इसमें 1954 सार्वजनिक और निजी कुंओं, 4042 सार्वजनिक बोअरवेल्स, हैंडपंप ओर 13 सार्वजनिक नल योजनाओं के पानी के नमुने लेकर उनकी प्रयोगशाला में जांच की गयी.

    इसमें अनेक आश्चर्यजनक बातें सामने आयी है.जिले में दारव्हा,दिग्रस,कलंब, पुसद और वणी में कुल 12 जलस्त्रोत दुषित होने से उन्हे हायरिस्क झोन में रखा गया है.जबकी 4 हजार से अधिक जलस्त्रोत हलके जोखिम के श्रेणी में आए है. जिले में 3 हजार 428 जलस्त्रोत कम रिस्क के है, इसके अलावा जलस्त्रोतों के आसपास स्चच्छता न बरतने पर 613 ग्रामपंचायतों कों येल कार्ड जबकी 437 ग्रामपंचायतों को ग्रिन कार्ड दिए गए है.

    गौलमांजरी को रेड कार्ड

    पुसद तहसील के गौलमांजरी गांव की ग्रामपंचायत परिसर में काफी दुषित जलस्त्रोत सर्वे के दौरान पाए गए, जिससे इसे रेड कार्ड जारी किया गया है, इसके अलावा रालेगांव और घाटंजी तहसीलों में जल नमुना सर्वे की रिपोर्ट अभी जिप. के उपरोक्त विभाग को नही मिल पायी है.