File Photo
File Photo

    Loading

    भुवनेश्वर: पैगंबर मोहम्मद पर नुपुर शर्मा की कथित विवादास्पद टिप्पणी को लेकर विपक्षी दलों कांग्रेस और भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के हंगामे के चलते ओडिशा विधानसभा की कार्यवाही शनिवार को कई बार स्थगित की गयी। कांग्रेस विधायक दल के नेता नरसिंह मिश्रा ने प्रश्नकाल के दौरान यह मुद्दा उठाया और शर्मा के बयान पर मुख्यमंत्री नवीन पटनायक का विचार जानना चाहा। न्होंने कहा, ‘‘नुपुर शर्मा भाजपा की प्रवक्ता या एजेंट थीं। कल उच्चतम न्यायालय ने उन्हें फटकार लगायी एवं परोक्ष रूप से इस राजनीतिक दल की आलोचना भी की।” उन्होंने कहा कि इसके लिए भाजपा को जिम्मेदार ठहराया जाना चाहिए एवं पार्टी अपनी जिम्मेदारी से नहीं बच सकती है। 

    मिश्रा के बयान से भाजपा के सदस्य नाराज हो गये और अपनी सीट के निकट खड़े होकर कांग्रेस पर आरोप लगाने लगे। सदन में भाजपा के उपनेता बी. सी. सेठी ने कहा कि हाल में राजस्थान में दर्जी की हत्या हुई है, और वहां कांग्रेस सत्तारूढ़ हैं। उदयुपर की घटना का हवाला देते हुए उन्होंने कहा, ‘‘क्या उस राज्य के मुख्यमंत्री ने इस घटना के बाद इस्तीफा दिया? नुपुर शर्मा ओडिशा विधानसभा की सदस्य नहीं हैं। तो उनकी टिप्पणी पर बहस क्यों होनी चाहिए।”

    उन्होंने कहा कि इसके अलावा, भाजपा ने उन्हें निलंबित भी कर दिया है एवं उन्होंने अपने बयान के लिए माफी भी मांग ली है। सेठी ने कश्मीर से कश्मीरी पंडितों के पलायन के मुद्दे पर भी कांग्रेस पर निशाना साधा। 

    सदन में नारेबाजी जारी रहने के बीच दोनों विपक्षी दलों के सदस्य एक-दूसरे पर कार्रवाई की मांग करते हुए आसन के समीप आ गये।  विधानसभा अध्यक्ष बी. के. अरूख ने कहा कि सदन उस व्यक्ति पर चर्चा नहीं कर सकता है जो इस उसका सदस्य नहीं है एवं यहां मौजूद नहीं है। पिछले ही महीने अरूख विधानसभा अध्यक्ष निर्वाचित हुए थे। अध्यक्ष के बयान पर कांग्रेस विधायकों ने आपत्ति जताई और उन्होंने अपना विरोध तेज कर दिया। इसके बाद अध्यक्ष ने सदन की कार्यवाही को दो बार 10-10 मिनट के लिए और बाद में शाम चार बजे तक के लिए स्थगित कर दिया।