Accused of murder of judge arrested in Jharkhand, auto driver confesses crime

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    ओमप्रकाश मिश्र

    रांची.  झारखंड (Jharkhand) के धनबाद (Dhanbad) में अतिरिक्त जिला एवं सत्र न्यायाधीश (Additional District and Sessions Judge) उत्तम आनंद (Uttam Anand) की हत्या के मामले को पुलिस ने 24 घंटे के भीतर सुलझा ली है। इस मामले  में 2 लोगों को गिरफ्तार (Arrested) किया गया है। पुलिस का कहना है कि इनमें से एक ने अपना गुनाह कबूल कर लिया है। झारखंड पुलिस (Jharkhand Police) के प्रवक्ता (Spokesperson) अमोल बी होमकर (Amol B Homkar) ने बताया कि ऑटो चालक लखन वर्मा और उसके सहयोगी राहुल वर्मा को गिरफ्तार किया गया है। लखन ने स्वीकार किया है कि उसने ऑटो से जज को धक्का मारा था।

    इस मामले में एडीजी ऑपरेशन, संजय आनंद लाटकर की अगुआई में एसआईटी का गठन किया गया है। इस टीम में बोकारो डीआईजी और एसएसपी धनबाद को भी शामिल किया गया है। धनबाद पुलिस की फोरेंसिक टीम और सीआईडी भी इस मामले के तफ्तीश में जुटी है।इस मामले में धनबाद के जज ने हाईकोर्ट को पत्र लिखा था। इस पर सुनवाई करते हुए हाईकोर्ट ने डीआईजी और धनबाद के एसएसपी को तलब कर पूरे मामले की जानकारी ली। सुनवाई के दौरान हाईकोर्ट ने कहा कि अगर इस मामले की जांच में किसी भी वक्त लगा कि कोताही हो रही है तो इसे CBI को सौंप दिया जाएगा।

    धनबाद पुलिस ने जज को टक्कर मारने वाले ऑटो को बुधवार देर रात गिरिडीह से बरामद कर लिया। जांच में पता चला है कि ऑटो मंगलवार को चोरी की गई थी  और बुधवार सुबह 5.08 बजे जज उत्तम आनंद को उसी ऑटो से टक्कर मारी गई। वे सुबह पांच बजे टहलने  निकले थे। बाद में घर से कुछ दूरी पर ही वे खून से लथपथ पाए गए। घटना के डेढ़ घंटे के बाद कुछ युवकों ने जज को अस्पताल पहुंचाया। वहां इमरजेंसी में घंटे भर इलाज के बाद उन्हें सर्जिकल आई.सी.यू  में भर्ती किया गया और सुबह 9.30 बजे उनकी मौत हो गई।

    उत्तम आनंद रांची स्थित होटवार जेल में बंद गैंगस्टर समेत 15 बड़े अपराधियों के मामलों की सुनवाई कर रहे थे। उनके पास लंबित केसों में कई हाई प्रोफाइल मर्डर और आदतन अपराधियों के मुकदमे भी शामिल थे। उन्होंने दो मामलों में दो सगे भाइयों समेत तीन लोगों को उम्रकैद की सजा सुनाई थी। पोस्टमॉर्टम रिपोर्ट के जज उत्तम आनंद के सिर पर भारी चीज से चोट के निशान मिले हैं।

    इस घटना  को लेकर सुप्रीम कोर्ट में भी यह मामला उठाया गया। पूर्व एडिशनल सॉलिसिटर जनरल विकास सिंह ने केस की सीबीआई जांच करवाने की अपील की। इस पर सीजेआई एनवी रमना ने कहा कि इस मामले में झारखंड हाईकोर्ट के चीफ जस्टिस डॉ. रविरंजन से बात की है। हाईकोर्ट ने पुलिस और जिला प्रशासन के अधिकारियों को नोटिस जारी किया है। फिलहाल उन्हें ही केस हैंडल करने दीजिए, अभी हमारे दखल की जरूरत नहीं है।