फाइल फोटो
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    तिरुवनंतपुरम: केरल के राज्यपाल आरिफ मोहम्मद खान ने मंगलवार को कहा कि जबतक उनके पास प्राधिकार रहेगा, तबतक वह किसी कानून या नियम का उल्लंघन नहीं होने देंगे।  उनका बयान ऐसे समय आया है जबकि ऐसी खबरें हैं कि राज्य सरकार एक ऐसे विधेयक को मंजूरी दे रही है, जिससे कथित तौर पर राज्य के विश्वविद्यालयों के कुलाधिपति की शक्तियां घट जाएंगी।

    राज्य के कुलाधिपति पदेन राज्यपाल होते हैं।  संवाददाताओं से बातचीत करते हुए खान ने कहा कि वह राज्य के उच्च शिक्षा क्षेत्र को लेकर ‘‘निश्चित तौर पर चंतित” हैं क्योंकि कन्नूर विश्वविद्यालय पर कथित तौर पर ‘‘बहुत ही गंभीर अनियमितता के आरोप लगे हैं।”  उन्होंने दावा किया, ‘‘बहुत गंभीर अनियमितता के आरोप लगे हैं।

    प्रथमदृष्टया ये बहुत गंभीर अनियमितताएं हैं। बहुत गंभीर पक्षपात भी हुआ है। ऐसी चीजों की श्रृंखला है। ऐसा प्रतीत होता है कि कन्नूर विश्वविद्यालय में कानून का उल्लंघन, नियमों का उल्लंघन, शुचिता का उल्लंघन नियम बन गया है।” उन्होंने आगे दावा किया कि शायद इन चीजों को उनसे छिपाने के लिए उन्हें अंधेरे में रखा जा रहा है जबकि महाधिवक्ता से लेकर विश्वविद्यालय अनुदान आयोग (यूजीसी) तक और यहां तक राज्य के उच्च शिक्षा विभाग तक सभी से राय मांगी जा रही है।”

    खान ने कहा, ‘‘आप कन्नूर विश्वविद्यालय की बात कर रहे हैं।मुझे आश्चर्य है कि महाधिवक्ता से लेकर यूजीसी तक, मंत्रालय से राय मांगी जा रही है, लेकिन कुलाधिपति को अंधेरे में रखा जा रहा है। क्यों मुझे अंधेरे में रखा जा रहा है? मेरे पास संस्थान है। क्यों? यह संभवत: इसलिए हो रहा है क्योंकि वे मुझसे ये चीजें (कथित अनियमितता) चाहते हैं।”   

    विधेयक को मंजूरी देने के सवाल पर खान ने कहा कि वे (सरकार) चाहे जो करे, वह इस मुद्दे पर उनका साथ नहीं देने वाले हैं।  उन्होंने कहा, ‘‘जबतक प्राधिकार मेरे पास है, मैं कानून और नियमों का उल्लंघन होने नहीं दूंगा।कोई भी प्रस्ताव राज्यपाल के हस्ताक्षर से ही कानून बनता है।” (एजेंसी)