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    कोलकाता: कलकत्ता उच्च न्यायालय (Calcutta High Court) के मुख्य न्यायाधीश खंडपीठ ने पश्चिम बंगाल सरकार (West Bengal Government ) से गुरुवार दोपहर 2 बजे तक राज्य से रामपुरहाट हिंसा पर स्थिति रिपोर्ट मांगी। वहीं, हाईकोर्ट ने जिला जज की मौजूदगी में सीसीटीवी कैमरे लगाने और घटना स्थल की चौबीसों घंटे निगरानी करने का निर्देश भी दिया है।

    बता दें कि, बंगाल के बीरभूम (Birbhum Incident) में टीएमसी नेता भादू शेख की हत्या के बाद सोमवार देर रात हिंसा भड़क गई थी, जिसमें कई लोगों की जान चली गई। यही नहीं यहाँ भीड़ ने गांव के 10-12 घरों के दरवाजे को बंद कर आग लगा दी थी जिसके चपेट में आने से अब तक 8 लोगों की मौत हो चुकी है। पुलिस ने मामले की जांच शुरू कर दी है।

    मामले की जांच करने पहुंची SIT 

    मिली जानकारी के अनुसार, बुधवार को राज्य फोरेंसिक विज्ञान प्रयोगशाला और SIT की एक टीम बीरभूम के रामपुरहाट पहुंची और मामले की जांच कर रही है। 

     संवैधानिक व्यवस्था को बंधक बना लिया है

    इस हमले के बाद विपक्ष लगातार पश्चिम बंगाल की ममता सरकार पर हमलावर है। वहीं, केंद्रीय मंत्री मुख्तार अब्बास नकवी ने ममता पर निशाना साधते हुए कहा है कि ‘पश्चिम बंगाल की संवैधानिक व्यवस्था को गुडें-मवालियों और देशद्रोही ताकतों ने बंधक बना लिया है। जिस तरह से यह लोग पश्चिम बंगाल में आम लोगों का खून बहा रहे हैं यह साबित है कि वहां की सरकार ऐसे लोगों के सामने असहाय हो चुकी है।’

    हिंसा के बाद घर छोडने पर मजबूर लोग 

    बीरभूम में हिंसा के बाद स्थानीय लोग अपने घरों को छोड़कर दूसरे स्थान जा रहे हैं। एक महिला ने कहा, “सुरक्षा के मद्देनज़र हम घरों को छोड़कर जा रहे है, जिनकी मृत्यु हुई उनमें से एक मेरा देवर था। पुलिस ने किसी भी तरह की सुरक्षा नहीं दी है, अगर पुलिस सुरक्षा देती तो यह घटना न घटती।”