मेदिनीपुर (पश्चिम बंगाल). केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह (Amit Shah) ने शनिवार को दावा किया कि पश्चिम बंगाल (West Bengal) में विधानसभा चुनाव (Assembly Election) आने तक मुख्यमंत्री ममता बनर्जी (CM Mamata Banerjee) अपनी पार्टी में अकेली रह जाएंगी। पश्चिम बंगाल (West Bengal) के दिग्गज नेता शुभेंदु अधिकारी (Suvendu Adhikari) सहित तृणमूल कांग्रेस (TMC) के कई नेताओं के भाजपा (BJP) में शामिल होने के दिन शाह ने यह कहा।
अधिकारी, तृणमूल कांग्रेस के उन नेताओं में थे, जिनका ममता के बाद राज्य में बड़ा जनाधार था। हालांकि, अधिकारी विभिन्न दलों के नौ विधायकों और तृणमूल कांग्रेस के एक सांसद के साथ शनिवार को यहां केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह की रैली में भाजपा में शामिल हो गये। भगवा पार्टी में शामिल होने वाले विधायकों में पांच तृणमूल कांग्रेस से हैं। शाह ने कहा कि तृणमूल कांग्रेस का ‘मां, माटी, मानुष’ का नारा ‘वसूली, भ्रष्टाचार और भाई-भतीजवााद’ में तब्दील हो गया है।
उन्होंने भरोसा जताया कि विधानसभा चुनाव में 200 से ज्यादा सीटें जीत कर भाजपा राज्य में अगली सरकार बनाएगी। पश्चिम बंगाल विधानसभा में कुल 294 सीटें हैं। शाह ने कहा, “जब बंगाल के लोग राज्य में बदलाव लाने के लिए भाजपा के साथ खड़े हो रहे हैं तो वह (ममता) चिंतित क्यों हो रही हैं? यह महज शुरूआत है। ये लोग स्वेच्छा से आपकी पार्टी (तृणमूल कांग्रेस) छोडेंगे।”
शाह ने ममता पर तंज कसते हुए कहा, “जिस तरह से नेता आपकी पार्टी को छोड़ कर जा रहे हैं, चुनाव आने तक ममता बनर्जी तृणमूल कांग्रेस में अकेली रह जाएंगी।”
शाह ने कहा, ‘‘जिस तरह की सुनामी आज मैं देख रहा हूं, उसकी आपने कभी कल्पना भी नहीं की होगी। ” उन्होंने कहा कि प्रतिद्वंद्वी राजनीतिक दलों के नेता एवं कार्यकर्ता भाजपा में शामिल हो रहे हैं क्योंकि तृणमूल कांग्रेस की राजनीति तुष्टिकरण की और भाई-भतीजवाद की है।
उन्होंने कहा, ‘‘कांग्रेस, तृणमूल कांग्रेस, माकपा से अच्छे लोग…ये सभी लोग (प्रधानमंत्री) नरेंद्र मोदी जी के नेतृत्व के तहत काम करने के लिए आज शुभेंदु भाई के साथ भाजपा में शामिल हुए।” तृणमूल कांग्रेस में बगावत कराने की कोशिश करने के भाजपा पर लगाए गए ममता के आरोप की खिल्ली उड़ाते हुए और हैरानगी जताते हुए शाह ने कहा कि क्या 1998 में कांग्रेस को छाड़ने के बाद तृणमूल कांग्रेस का गठन करना बगावत नहीं था।
शाह ने कहा, “तृणमूल कांग्रेस के वरिष्ठ सदस्य पार्टी छोड़ रहे हैं। ममता दीदी भाजपा पर (तृणमूल कांग्रेस के अंदर) बगावत कराने का आरोप लगा रही हैं। हम ऐसी कोई चीज नहीं कर रहे हैं। लेकिन मैं उनसे पूछना चाहता हूं कि जब उन्होंने तृणमूल कांग्रेस का गठन करने के लिए कांग्रेस छोड़ी थी, तब क्या वह बगावत नहीं थी? यह महज शुरूआत है। चुनाव आने तक, वह (पार्टी में) अकेली रह जाएंगी।”
तृणमूल कांग्रेस में परिवारवाद की राजनीति की आलोचना करते हुए शाह ने आरोप लगाया कि ममता ने ‘मां, माटी, मानुष’ के अपने नारे को बदल कर ‘‘तुष्टिकरण, परिवार की जागीर और टोलबाजी (वसूली) कर दिया है।