Keshav Prasad Maurya
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राजेश मिश्र@नवभारत 
लखनऊ: उत्तर प्रदेश विधानसभा के शीतकालीन सत्र के दौरान जातीय जनगणना को लेकर सत्ता पक्ष और विपक्ष में जमकर भिड़ंत हो रही है। समाजवादी पार्टी, कांग्रेस सहित समूचे विपक्ष की मांग के बीच उत्तर प्रदेश के उप मुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य ने बड़ा बयान देते हुए कहा है कि वह और उनकी पार्टी के बड़े नेता जातीय जनगणना चाहते हैं। 

शिवपाल यादव ने पूछा सवाल 
गुरुवार को इस मुद्दे पर विधानसभा के बाहर सपा नेता शिवपाल यादव और केशव मौर्य के बीच जुबानी जंग हुई। शिवपाल ने कहा कि सपा पूरी तरह से जातीय जनगणना के पक्ष में है और भारतीय जनता पार्टी के पिछड़े वर्ग के नेताओं को चाहिए कि वो इस मुद्देपर अपने दल में बात करें। उन्होंने कहा कि अगर वह यह नहीं कर सकते तो भाजपा को साफ करना चाहिए कि वह जातीय जनगणना नहीं करा पाएंगे। 

 

सत्ता से बेदखल हुए तो आयी याद 
गुरुवार को ही सदन के बाहर सपा नेता शिवपाल पर पलटवार करते हुए उप मुख्यमंत्री केशव मौर्य ने कहा कि जनगणना कराना सरकार का काम है। उन्होंने सपा को दलित, गरीब व पिछड़ा विरोधी बताते हुए माफिया व गुंडों का समर्थक बताया। मौर्य ने कहा कि अबकी लोकसभा चुनावों में जब भाजपा प्रदेश में सभी 80 सीटें जीतेग। तब इनका हाजमा ठीक होगा।  उनका कहना था कि जातीय जनगणना का निर्णय केंद्र सरकार को होता है और कार्यक्रम उसी को तय करना है। मौर्य ने कहा कि सत्ता से बेदखल हो जाने के बाद सपा को पिछड़ों की याद आ रही है। जबकि इन्होंने जाति के नाम पर सत्ता में रहते हुए भी न्याय नहीं किया था। 

विपक्ष ने उठाई मांग 
सपा की सहयोगी व अपना दल की विधायक पल्लवी पटेल ने कहा कि भाजपा जातीय जनगणना से भाग रही है। उन्होंने कहा कि जातीय जनगणना पर चर्चा के लिए सदन का समय बढ़ाया जाना चाहिए। पटेल ने कहा कि विपक्ष जातीय जनगणना पर सदन में चर्चा चाहता है और इससे बचने के लिए सरकार ने सत्र को छोटा रखा है। मुख्य विपक्षी दल समाजवादी पार्टी मुखिया अखिलेश यादव सहित सभी नेता जहां इस मुद्दे पर सदन के बाहर व भीतर  सवाल उठा रहे हैं। वहीं कांग्रेस ने कहा है कि उनके नेता राहुल गांधी पूरे देश में जातीय जनगणना की मांग कर रहे हैं। 

जातीय जनगणना होनी ही चाहिए
कांग्रेस विधानमंडल की नेता आराधना मिश्रा मोना ने कहा कि अब तो बिहार जैसे राज्य ने जातीय जनगणना कर इसके नतीजे सामने रख दिया तो उत्तर प्रदेश में भी इसे कराना चाहिए।  उन्होंने कहा कि राहुल गांधी ने सदन में इसकी मांग उठायी थी। सभी की मांग है तो जातीय जनगणना होनी ही चाहिए। बुधवार को सपा ने विधान परिषद में जातीय जनगणना के मुद्दे को लेकर बहिर्गमन किया था। 

उधर विधानसभा में गुरुवार को सपा के मुख्य सचेतक मनोज पांडे ने डेंगू व गन्ना किसानो के मुद्दे पर चर्चा की मांग की। विधानसभा अध्यक्ष ने कहा कि डेंगू पर चर्चा हो चुकी है जबकि गन्ना किसानों पर कोई नोटिस नहीं दिया गया है। चर्चा की मांग अस्वीकार होने पर सपा ने विधानसभा से वॉकआउट किया।