यूपी में बनारस, अमरोहा सहित 11 जिलों से विदेश जाएंगी फल और सब्जियां

    Loading

    राजेश मिश्र

    लखनऊ. अब यूपी (UP) के फल (Fruit) और सब्जियां (Vegetables) विदेशो में भी जलवा बिखेरेंगी। योगी सरकार प्रदेश में पैदा होने वाले आम, जामुन, अमरुद और सब्जियों को विदेशी मुल्कों में भिजवाने का इंतजाम कर रही है। उत्तर प्रदेश (Uttar Pradesh) से फल और सब्जियों का विदेशों को आसानी के साथ पहुंचाने के लिए 11 इंटीग्रेटेड पैक हाउस बनाए जाएंगे। प्रदेश के वाराणसी, अमरोहा, प्रतापगढ़, बरेली, गोरखपुर, प्रयागराज, लखीमपुर खीरी, शाहजहांपुर, अयोध्या, झांसी, अलीगढ़ जिलों में ये इंटीग्रेटेड पैक हाउस बनाए जाएंगे। इनमें से वाराणसी और अमरोहा में इसका निर्माण शुरु हो गया है जो इस साल के अंत तक पूरा कर लिया जाएगा।

    कृषि निर्यात एवं विदेश विपणन विभाग के अधिकारियों का कहना है कि इंटीग्रेटेड पैक हाउस के काम करने से बनारसी लंगड़ा आम, गाजीपुर का परवल, सोनभद्र की  हरी मिर्च, जौनपुर की मूली तथा अमरोहा के आम तथा सब्जी का स्वाद  दुनिया के कई देशों के लोग ले सकेंगे। उनका कहना है कि एपीडा (एग्रीकल्चर एण्ड प्रोसेस फूड एक्सपोर्ट डेवलपमेंट अथॉरिटी) ने इंटीग्रेटेड पैक हाउस बनाने के लिए आर्थिक सहयोग देने का ऐलान किया था।

    इंटीग्रेटेड पैक हाउस बनाने के लिए राज्य मंडी परिषद आगे आया

    मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की पहल के बाद शुरू हुई इस कवायद के तहत प्रदेश के ऐसे जिले जहां फल या सब्जी का बहुतायत में उत्पादन होता है, उनमें इंटीग्रेटेड पैक हाउस बनाने के लिए राज्य मंडी परिषद आगे आया। मंडी परिषद में पहले चरण में वाराणसी और अमरोहा में इंटीग्रेटेड पैक हाउस बनाने के लिए बजट स्वीकृत किया। वाराणसी में इंटीग्रेटेड पैक हाउस बनाने के लिए 1559.185 लाख रुपए तथा अमरोना में इंटीग्रेटेड पैक हाउस बनाने के लिए 1442.55 लाख रुपए बीते साल जारी किए गए।

    फल और सब्जी के निर्यात में कई गुना इजाफा होगा

    वर्ष 2018-19 में उत्तर प्रदेश से 277.98 करोड़ रुपये के फल और सब्जी का निर्यात हुआ था। बीते साल भी वाराणसी तथा उसके आसपास के जिलों से कई टन भिंडी, हरी मिर्च, लौकी, तोरई, बैगन तथा मूली लन्दन, इटली, जर्मनी और दुबई भेजी गई। वाराणसी व अमरोहा में इंटीग्रेटेड पैक हाउस बन जाने के बाद इन जिलों से विदेशों में फल तथा सब्जी के निर्यात में कई गुना इजाफा होगा। इंटीग्रेटेड पैक हाउस से प्रमाण पत्र जारी होने के बाद ही कृषि उत्पादों का निर्यात सम्भव हो पाता है। वाराणसी के इंटीग्रेटेड पैक हाउस से मिर्जापुर, सोनभद्र, प्रयागराज, आजमगढ़, जौनपुर, गाजीपुर, मऊ, प्रतापगढ़, सुल्तानपुर, गोरखपुर, अंबेडकरनगर, देवरिया और कौशांबी जिलों के किसान अपने फल व सब्जी देश तथा विदेश में भेज सकेंगे। इसी तरह अमरोहा के पैक हाउस से मुरादाबाद, बिजनौर, रामपुर, बरेली, संभल और हापुड़ के किसान अपने खेत में उगाई सब्जी तथा फल देश और विदेश में भेज सकेंगे। इन इंटीग्रेटेड पैक हाउस के शुरू होने पर वाराणसी के समीप वाले 13 जिलों और अमरोहा से नजदीक के सात जिलों के किसानों की आमदनी में इजाफा होगा। यहीं नहीं वाराणसी तथा अमरोहा जिले को सब्जी और फल निर्यात नए हब के रूप में भी देश में जाना जाने लगेगा।

    खाड़ी देशों में अमरोहा आम खूब पसंद किया जाता है

    अधिकारियों के मुताबिक, अमरोहा जिले में करीब 12 हजार हेक्टेयर भूमि पर आम के बाग हैं। जिले की कुल पैदावार में से करीब दो हजार टन आम दूसरे राज्यों व विदेश में भेजा जाता है। खाड़ी देशों में अमरोहा आम खूब पसंद किया जाता है। इसी प्रकार वाराणसी के लंगड़ा आम को संसार भर में पसंद किया जाता है। इसके अलावा वाराणसी, गाजीपुर, जौनपुर, मिर्जापुर, चंदौली और संतकबीर नगर क्षेत्र में विदेशियों की पसंदीदा सब्जियां व फल होते हैं।