करोड़ों का निवेश और लाखों रोजगार का सृजन करेगा यूपी का मेगा टेक्सटाइल पार्क: CM योगी

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लखनऊ: यूपी में मेगा टेक्सटाइल पार्क (Mega Textile Park) को मोदी सरकार (Modi Govt.) ने शुक्रवार को मंजूरी दे दी है। प्रदेश के वस्त्र उद्योग के लिए वरदान साबित होने वाले मेगा टेक्सटाइल पार्क के मंजूरी मिलने के बाद मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ (Chief Minister Yogi Adityanath) ने ट्वीट करके प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी (Prime Minister Narendra Modi) का आभार व्यक्त किया है। बता दें कि केंद्र सरकार ने देश के सात राज्यों में पीएम मित्र (प्रधानमंत्री मेगा इंटीग्रेटेड टेक्सटाइल रीजन एंड अपैरल) पार्क स्थापित करने की मंजूरी दी है। 

इसके बाद प्रदेश की राजधानी लखनऊ में 1200 करोड़ रुपए की लागत से 1000 एकड़ में बनने जा रहे मेगा टेक्सटाइल पार्क का रास्ता साफ हो गया है। इसके जरिए वस्त्रोद्योग से जुड़े सारे कार्य और सुविधाएं एक ही परिसर में उपलब्ध होंगी। साथ ही यूपी के कारीगर, बुनकर और हस्तशिल्पियों के लिए ये एक बड़ा तोहफा साबित होगा। सरकार को इस मेगा टेक्स्टाइल पार्क के जरिए 10 हजार करोड़ रुपए के निवेश की उम्मीद है। 

सीएम ने 25 करोड़ जनता की ओर से जताया आभार 

मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने अपने ट्वीट में लिखा कि ‘मेक इन इंडिया’ एंड ‘मेक फॉर द वर्ल्ड’ के संकल्प की सिद्धि के लिए प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी का समर्पण अभिनंदनीय है। उत्तर प्रदेश को इस सौगात के लिए 25 करोड़ प्रदेश वासियों की ओर से प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का आभार। प्रधानमंत्री के विजनरी नेतृत्व में उत्तर प्रदेश में स्थापित होने जा रहा यह टेक्सटाइल पार्क प्रदेश के कपड़ा उद्योग को नई पहचान देने के साथ ही करोड़ों रुपए की निवेश संभावनाओं और लाखों रोजगारों के सृजन का कारक बनेगा।

सरकार करेगी एसपीवी का गठन

मेगा टेक्सटाइल पार्क को केंद्र सरकार से मंजूरी मिलने के बाद अब इसे धरातल पर उतारने के लिए योगी सरकार एक स्पेशल पर्पस वेहकिल (एसपीवी) का गठन करेगी। इस के लिए 10 करोड़ (पेड अप कैपिटल) की व्यवस्था की गई है, जिसमें 51 प्रतिशत अंश उत्तर प्रदेश सरकार का, जबकि 49 प्रतिशत अंश भारत सरकार का होगा। टेक्सटाइल पार्क को पीपीपी मोड पर विकसित किया जाएगा। हथकरघा और वस्त्रोद्योग विभाग को इस के लिए निःशुल्क भूमि उपलब्ध करायी जाएगी। 

संत कबीर पीएम मित्र टेक्सटाइल एंड अपैरल पार्क लिमिटेड के नाम से जाना जाएगा एसपीवी

केंद्र सरकार और राज्य सरकार की ओर से एसपीवी में अपर मुख्य सचिव, हथकरघा एवं वस्त्रोद्योग विभाग, उत्तर प्रदेश शासन को मुख्य कार्यकारी अधिकारी (सीईओ) के रूप में नियुक्त किया जाएगा और सचिव, वस्त्र मंत्रालय, भारत सरकार को अध्यक्ष की जिम्मेदारी दी जाएगी। एसपीवी का प्रस्तावित नाम ‘संत कबीर पीएम मित्र टेक्सटाइल एंड अपैरल पार्क लिमिटेड’ होगा। परियोजना की स्थापना के लिए मंत्रिपरिषद द्वारा अनुमोदन प्रदान किया गया है। इस पार्क से लगभग 1 लाख प्रत्यक्ष और 2 लाख परोक्ष रोजगार सृजित होने की उम्मीद है।

प्रदेश में मिशन मोड में चल रहा वस्त्र उद्योग को बढ़ावा देने के लिए काम

गौरतलब है कि प्रदेश सरकार की ओर से सूबे में कपड़ा उद्योग को मजबूती देने के लिए और अधिकाधिक रोजगार सृजन करने के उद्देश्य से योगी सरकार तकरीबन 700 करोड़ रुपए खर्च कर रही है। इसके लिए ना सिर्फ उप्र टेक्सटाइल एंड गारमेंटिंग पालिसी-2022 प्रख्यापित की गयी है, बल्कि वस्त्र क्षेत्र के निवेशकों और नया स्वरोजगार प्रारम्भ करने वाले युवाओं को वित्तीय सुविधाओं के लिए 150 करोड़ रुपए के बजट व्यवस्था भी की गई है। साथ ही गारमेन्टिंग नीति के अन्तर्गत भी 175 करोड़ रुपए की व्यवस्था योगी सरकार ने की है। इसके अलावा प्रदेश के पावरलूम बुनकरों को रियायती दरों पर विद्युत उपलब्ध कराने के लिए 345 करोड़ रुपए की व्यवस्था, मुख्यमंत्री पॉवर लूम उद्योग विकास योजना के लिए 20 करोड़ रुपए और मुख्यमंत्री बुनकर सौर ऊर्जा योजना के लिए 10 करोड़ रुपए की व्यवस्था की गई है। यही नहीं झलकारी बाई कोरी हथकरघा और पॉवर लूम विकास योजना के लिए लगभग 18 करोड़ रुपए की व्यवस्था करते हुए प्रदेश में वस्त्र उद्योग को मजबूती देने का काम लगातार जारी है।

यूपी जीआईएस के जरिए 53 हजार करोड़ रुपए का निवेश

हाल ही में संपन्न हुए उत्तर प्रदेश ग्लोबल इन्वेस्टर्स समिट 2023 के दौरान अकेले टेक्सटाइल सेक्टर में एक हजार से ज्यादा निवेश प्रस्ताव योगी सरकार को प्राप्त हुए हैं, जिनमें आदित्य बिरला ग्रुप जैसी दिग्गज टेक्सटाइल कंपनियां भी यूपी में निवेश को लेकर आतुर हैं। यूपी में टेक्सटाइल सेक्टर में अब तक 53 हजार करोड़ रुपए से ज्यादा के निवेश प्रस्ताव सरकार को प्राप्त हुए हैं, जिनसे 2 लाख 46 हजार से भी ज्यादा रोजगार सृजन की उम्मीद है। अब यूपी में मेगा टेक्सटाइल पार्क को मंजूरी मिलने के बाद ना सिर्फ एक ही स्थान पर कताई, बुनाई, रंगाई और छपाई से लेकर परिधान निर्माण का काम होगा, बल्कि यहीं से उसके विपणन और बाजार की व्यवस्था भी होगी। साथ ही निर्यात की सुविधाएं भी यहीं मिलेंगी। सारी सुविधाएं एक स्थान पर होने से लाजिस्टिक का खर्च भी बचेगा। अब तक अलग-अलग क्षेत्रों में बिखरे वस्त्रोद्योग का पूरा बुनियादी ढांचा आधुनिकतम तकनीक के साथ इस पार्क में उपलब्ध कराया जाएगा। इसमें निवेश करने वाले उद्यमियों को यूनिट लगाने के लिए सहूलियत दी जाएगी। जिस वजह से प्रत्यक्ष विदेशी निवेश की संभावनाएं बढ़ेगी।