अयोध्या राममंदिर आंदोलन जैसी हलचल, पहले थी रामजन्मभूमि को पाने की जिद, अब भव्य मंदिर में विराजमान रामलला को देखने की लालसा

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मुकेश श्रीवास्तव 
अयोध्या: अयोध्या में 22 जनवरी 2024 को रामलला की प्राण प्रतिष्ठा होनी है। 2 लाख गांव तक ये आयोजन पहुंचाया जाएगा। लाखों लोग अयोध्या पहुंचेंगे। तैयारियां अयोध्या में शुरू भी हो चुकी हैं। 1992 राममंदिर आंदोलन जैसी आहट अयोध्या देने लगा है। उस वक्त, रामजन्मभूमि को पाने की जिद थी, आज इस भव्य मंदिर में विराजमान रामलला को देखने की लालसा है।

पहले अयोध्या आंदोलन की यादों को ताजा कर लेते हैं
1989 में श्रीराम मंदिर के प्रतीकात्मक शिलान्यास के बाद मंदिर निर्माण की ललक बढ़ी। साल बीतते-बीतते विश्व हिन्दू परिषद ने देवोत्थानी एकादशी के दिन कारसेवा करने की घोषणा कर दी।‌ तत्कालीन मुख्यमंत्री मुलायम सिंह ने न सिर्फ अयोध्या बल्कि प्रदेश की सीमाओं की भी किलेबंदी कर घोषणा कर दी। बावजूद इसके कारसेवकों की टोलियों ने गांवों की पगडंडियों, खेतों और मेड़ों से हुए अयोध्या की ओर आना जारी रखा।

चौतरफा कारसेवकों का हुजूम ऐसा एकत्रित हुआ कि आधी अयोध्या यानि अयोध्या के मुख्य मार्ग के पूर्वी क्षेत्र में, जहां आज कारसेवकपुरम है, वहां तक शासन- प्रशासन का नियंत्रण 2 दिन पहले ही समाप्त हो गया। गांव-गांव कारसेवकों की आवभगत भोजन- भजन की व्यवस्था चलने लगी। ऐसा नहीं है कि सरकार ने अपनी तरफ से कोशिश नहीं की, लेकिन स्थिति यह थी कि जेलों में भी जगह नहीं रही और अस्थाई जेल भी कारसेवकों को संभाले संभाल नहीं पा रही थी।

पूरे प्रदेश में गिरफ्तारी पहले से चल रही थी, फिर भी जन ज्वार के समक्ष सारे सुरक्षा प्रबंध ध्वस्त हो गए थे। छह दिसंबर 1992 के आंदोलन में एक धक्का और दो बाबरी ढांचा तोड़ दो का नारा बुलंद था। प्रदेश में सरकार भी कल्याण सिंह के नेतृत्व वाली भाजपा सरकार थी। छह दिसंबर के एक दिन पहले तक भी उम्मीद नहीं थी कि लाखों की तादाद में लोग पहुंच जाएंगे। जब जन सैलाब उमड़ा तब सारी व्यवस्था चरमरा गई। विवादित ढांचा ढहा दिया गया।

कोविड के बीच रखी गई थी आधारशिला
अब न तो आंदोलन जैसा कुछ है और ना ही कोई संघर्ष शेष रह गया है। 5 अगस्त 2020 को जब श्रीराम जन्मभूमि पर मंदिर निर्माण की आधारशिला रखी गई। कोविड की चुनौती थी। सीमित संख्या में यह कार्यक्रम हुए। प्रमुख धर्माचार्यों में से भी गिनती के लोग शामिल हो पाए थे। वह कसक तो लोगों में है। राम मंदिर में भगवान के रामलला के श्रीविग्रह की स्थापना का कौन साक्षी नहीं होना चाहेगा।

टेंट सिटी बसाई जाएगी, ताकि भक्तों को न हो परेशानी
ऐसे में विश्व हिन्दू परिषद, श्री राम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र न्यास और चुनावी साल में भाजपा की भी पुरजोर कोशिश है कि इस अवसर को अविस्मरणीय बना दिया जाए। तैयारी प्रारंभ हो गई है। टेंट सिटी बसाने के लिए स्थान निश्चित हो चुका है। संभावित तिथि पर होटलों, धर्मशालाओं और अतिथि गृहों में बुकिंग चालू है। प्राण-प्रतिष्ठा कार्यक्रम के पहले संभावित भीड़ के अनुमान को ध्यान में रखते हुए विकास कार्यों को समेटा जा रहा है। उनको समय से पहले पूरा करने पर जोर दिया जा रहा है।

प्रचार प्रमुख बोले-डेढ़ महीने में 1 करोड़ रामभक्त आएंगे
विहिप के प्रचार प्रमुख सुरेंद्र जैन ने कहा,”रामलला की प्राण प्रतिष्ठा समारोह मकर संक्रांति अर्थात 15 जनवरी से फरवरी 2024 तक अयोध्या में एक करोड़ राम भक्तों के आवागमन के आसार हैं। मार्च तक यह संख्या और बढ़ेगी। हमारी कोशिश है कि भक्तों की इस भीड़ का फैलाव हो। अर्थात एक ही दिन ज्यादा भीड़ न आकर रोज एक समान भीड़ अयोध्या पहुंचती रहे।”

चंपत राय ने कहा-भक्तों को सुविधाएं देंगे
दूसरी ओर राम मंदिर ट्रस्ट के महासचिव चंपत राय के अनुसार,”प्राण प्रतिष्ठा के मुख्य पर्व पर लगभग दो लाख भक्तों के अयोध्या पहुंचने का अनुमान है। यह संख्या बढ़ भी सकती है। हमारी कोशिश है कि जो भी रामभक्त अयोध्या आएं उन्हें भोजन और आवास आदि मूलभूत सुविधाएं हम दे सके। इसके लिए अयोध्या के कई आश्रम में भक्तों के लिए व्यवस्था की जा रही है। हर रामभक्त प्राण प्रतिष्ठा समारोह को देख सके। इसके लिए समारोह का सीधा प्रसारण होगा। उसके लिए हर मंदिर के प्रबंधक से अपनी टीवी आदि मैदान में लगाने की अपील की जा रही है। अयोध्या में 39 पार्किंग स्थल तैयार किए जा रहे हैं। “

प्राण प्रतिष्ठा के पहले परकोटा का मुख्य प्रवेश द्वार होगा तैयार
इस बीच राम मंदिर के प्राण प्रतिष्ठा के पहले सुविधा और सुरक्षा युक्त मंदिर परिसर बनाने का काम तेजी से चल रहा है। प्राण प्रतिष्ठा के पहले राम मंदिर के भूतल में लगे 70 खम्भों में देवताओं की मूर्ति उकेर उन्हें तैयार कर लिया जाएगा। मंदिर के तीन ओर परकोटा निर्माण का कार्य भी तेज हो चला है।
प्राण प्रतिष्ठा के पहले परकोटा का मुख्य प्रवेश द्वार हो तैयार कर लिया जाएगा। तीर्थ यात्री सुविधा केंद्र को तैयार करने का कार्य भी अंतिम चरण की ओर है। यात्री सुविधा केंद्र तक पहुंचने के पहले सुरक्षा एक्यूमेंट स्कैनिंग मशीन की खरीदने का काम लगभग पूरा हो गया है।

मंदिर के मुख्य गेट तैयार
श्री रामजन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट के सदस्य डॉक्टर अनिल मिश्रा के अनुसार राम मंदिर परिसर में लाइट व्यवस्था के लिए 33 केवीए का स्टेशन बनाया जा रहा है। राम मंदिर के अंदर ट्रस्ट के द्वारा सीसीटीवी कैमरा लगाया जाएगा। इस बीच राम मंदिर के गर्भगृह सहित मंदिर में फर्श बनाया जा रहा है। मंदिर के मुख्य गेट को लगाए जाने का कार्य लगभग पूरा हो गया है। मंदिर के अन्य प्रमुख गेट को भी तैयार करने की प्रक्रिया तेज हो गई है।