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नई दिल्ली: माफिया मुख्तार अंसारी (Mukhtar Ansari) की हार्ट अटैक से मौत को लेकर उत्तरप्रदेश में जबरदस्त सियासत और डर का महाल देखने को मिल रहा है। हालांकि एक तरफ जहां समाजवादी पार्टी इस पर सबसे मुखर होकर बोल रही है तो वहीं दूसरी तरफ सपा नेता आजम खान (Azam Khan) के नाम से सोशल मीडिया भी एक्टिव है, हालाँकि इसमें डर का माहौल साफ़ दिख रहा है। दरअसल मुख्तार अंसारी की मौत के बाद से ही इस अकाउंट से 13 घंटे में 12 बार पोस्ट किए गए जिनमें 11 पोस्ट में अकेले मुख्तार अंसारी का जिक्र है।

उत्तर प्रदेश में हो रही अपराधियों की सफाई
देखा जाए तो उत्तर प्रदेश में बीते सात साल कुख्यात माफियाओं और दुर्दांत अपराधियों के लिए काल बनकर आए हैं। खास बात यह है कि माफिया मुख्तार अंसारी, मुन्ना बजरंगी समेत जिन-जिन माफियाओं ने मौत से पहले खुद के मारे जाने का डर जताया वे या तो दुश्मनों की गोली का शिकार हो गए या बीमारी उनकी मौत की वजह बन गई। ऐसे में अब इस माहौल में और पूर्व बाहुबली और सपा नेता आजम खान को भी अब डर लगना वाजिब है।

जेल में डरे आजम खान
दरअसल आजम खान के हैंडल से जो पोस्ट किए गई हैं उसमें जहां एक तरफ मुख़्तार अंसारी को लेकर साहनुभूति जताई गई तो वहीं दूसरी ओर इस घटनाक्रम को अतीक अहमद की तरह दिखाने की कोशिश भी की गई है। यही नहीं इनमें से एक दो पोस्ट में खुद जेल में बंद आजम खान की सुरक्षा को लेकर भी चिंता जताई गई है और नमाज में उनके लिए दुआ करने की भी भरसक अपील की गई है।

अब आजम खान को अपनी सुरक्षा की चिंता,अखिलेश की चुप्पी
आजम खान के हैंडल से महज 13 घंटों के भीतर 12 पोस्ट की गई हैं। जिनमें से 11 पोस्ट में ‘हैशटैग’ मुख्तार अंसारी रखा गया है। इसमें से एक पोस्ट में SP अध्यक्ष अखिलेश यादव को लेकर भी सवाल उठाए गए हैं। अखिलेश यादव ने मुख़्तार अंसारी का नाम लिए बिना ही इस घटना को लेकर प्रदेश की ‘योगी’ सरकार पर सवाल उठाए गए थे। अखिलेश की इस पोस्ट को री-पोस्ट करते हुए पूछा गया है कि क्या मजबूरी है कि मुख़्तार अंसारी पर एक भी ट्वीट नहीं किया?

सीतापुर जेल में बंद आजम

बता दें कि सपा नेता आजम खान इन दिनों उत्तरप्रदेश की की सीतापुर जेल में बंद हैं। ऐसे में उनके पास कोई फोन होने की भी संभावना नहीं है। प्रश्न यह है कि, ये पोस्ट उनकी ओर से किए गए या ये हैंडल आजम खान का ही है इस बात की पुष्टि नहीं हो सकी है।

मुख़्तार के परिवार ने लगाए संगीन आरोप

बता करें मुख्तार अंसारी की तो तबीयत बिगड़ने के बाद उसको बांदा के मेडिकल कॉलेज लाया गया था, जहां दिल का दौरा पड़ने से उसकी मौत हो गई। मुख़्तार की मौत को लेकर परिवार की ओर से भी गंभीर आरोप लगे हैं। परिवार ने जेल प्रशासन पर उन्हें धीमा जहर देने का आरोप लगाया है। वहीं कई विपक्षी नेताओं ने भी इस मौत पर शक जाहिर करते हुए UP की योगी सरकार पर भी सवाल उठाए हैं।

मुख्तार अंसारी ने लिखी थी चिट्ठी

हालांकि खुद मुख्तार अंसारी ने अपने वकील रके द्वारा कोर्ट में एक प्रार्थना पत्र दिलवाया था, जिसमें उसने जेल के खाने में धीमा जहर देने का आरोप लगाया था। दरअसल सुनवाई के दौरान मुख्तार अंसारी की तरफ से कोर्ट में दिए गए प्रार्थना पत्र में कहा गया था कि उसे जेल में धीमा जहर दिया जा रहा है, जिससे उसकी तबीयत काफी गंभीर हो गई है और ऐसा लगता है कि उसकी कभी भी मौत हो जाएगी। प्रार्थना पत्र में मुख्तार अंसारी ने इसे बड़ा षड्यंत्र बताते हुए अदालत से इलाज करवाने और मेडिकल बोर्ड का गठन करके जांच करने की गुहार लगाई थी। बस इन्ही सारे कारणों से फिलहाल सीतापुर जेल में बंद सपा नेता आजम खान की भी नींद उडी हुई है।