PM Modi to hold first digital election rally in Uttar Pradesh on January 31
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    प्रयागराज: प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी (Prime Minister Narendra Modi) ने महिला सुरक्षा, सम्मान और स्वावलम्बन के लिए योगी सरकार (Yogi Government) की कोशिशों को नजीर बताया है। मंगलवार को मातृशक्ति-संगम के एक अनूठे कार्यक्रम में संगमनगरी प्रयागराज (Prayagraj) आए प्रधानमंत्री ने कहा कि यूपी (UP) में नारी सशक्तिकरण के लिए जो काम हुआ है, वो पूरा देश देख रहा है। पांच साल पहले यूपी की सड़कों पर गुंडों का राज था। बेटियों का स्कूल-कॉलेज (School-College) जाना मुश्किल था। कुछ कह नहीं सकती थीं, बोल नहीं सकती थीं। अगर थाने गईं तो अपराधी की सिफारिश में फोन आ जाता था, लेकिन योगी जी ने गुंडों को उनकी सही जगह पहुंचाया है। 

    2 लाख से ज्यादा महिलाओं की सहभागिता वाले इस विशेष कार्यक्रम में पीएम मोदी ने कहा कि यूपी के विकास की धारा अब किसी के रोकने से रुकने वाली नहीं है। पहले की सरकारों का दौर वापस नहीं आएगा। उन्होंने कहा है कि आज यूपी में सुरक्षा भी है, अधिकार भी है, संभावनाएं भी हैं और व्यापार भी है। इसे महिलाओं का आशीर्वाद है और इस नई यूपी में कोई वापस अंधेरे में नहीं धकेल सकता। 

    आत्मनिर्भर भारत की चैंपियन हैं स्वयं सहायता समूह

    महिला स्वयं सहायता समूहों की 16 लाख महिला सदस्यों के बैंक खाते में 1,000 करोड़ रुपए की धनराशि अंतरित करते हुए प्रधानमंत्री ने स्वयं सहायता समूहों को “आत्मनिर्भर भारत की चैंपियन” कहा। उन्होंने कहा कि यह स्वयं सहायता समूह वास्तव में “राष्ट्र सहायता समूह” है। उन्होंने बताया कि केंद्र सरकार की स्वामित्व योजना के तहत अगले कुछ महीनों में योगी सरकार हर गांव के हर घर की मैपिंग पूरी कर लेगी। फिर जो कागज बनेंगे, उसमें महिलाओं का नाम होगा।

    सुमंगला योजना के तहत ढाई करोड़ बेटियों के अकाउंट खोले गए

    प्रधानमंत्री ने “बेटी बचाओ-बेटी पढ़ाओ” के राष्ट्रीय आह्वान का संदर्भ देते हुए मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की मुख्यमंत्री कन्या सुमंगला योजना की भी सराहना की। योजनांतर्गत एक लाख कन्याओं के बैंक खाते में 20 करोड़ रुपए से अधिक की धनराशि अंतरित करते हुए प्रधानमंत्री ने कहा कि हमारी सरकार बेटियों को आगे बढ़ाने में पीछे नहीं रही है। कन्या सुमंगला योजना के तहत ढाई करोड़ बेटियों के अकाउंट खोले गए हैं। स्वच्छ भारत मिशन के तहत करोड़ों शौचालय बनाए तो उज्ज्वला योजना में गैस सिलेंडर दिए। इससे उनके जीवन में सुविधा बढ़ी और नारी गरिमा भी बढ़ी। पीएम ने कहा कि आयुष्मान योजना के तहत भी सबसे ज्यादा फायदा बहनों को ही मिला है।

    बीसी सखी छोटी नहीं, महिलाओं का जीवन बदलने का प्रयास 

    उत्तर प्रदेश में बैंकिंग कॉरेस्पोंडेंस सखी योजना को महिलाओं के जीवन में बड़े बदलाव का कारक बताते हुए प्रधानमंत्री ने योजना की महत्ता का भी जिक्र किया। कहा कि जो लोग इसे एक छोटी योजना कहते हैं, उन्हें पता होना चाहिए कि यह बैंकिंग सखी 75 हजार करोड़ रुपये का लेनदेन कर रही हैं। अब सरकार के भेजे रुपये लेने बैंक जाने की जरूरत नहीं। गांव की बेटी गांव में ही घर पर जाकर पैसे दे देगी। कार्यक्रम में 202 पूरक पोषण निर्माण इकाइयों के शिलान्यास करते हुए प्रधानमंत्री ने कहा कि पोषण वाला राशन अब महिलाएं खुद बनाएंगी। यह बहुत बड़ा काम है। सालाना हजारों करोड़ रुपए का काम है। जिन 202 पुष्टाहार यूनिट का आज शिलान्यास हुआ है, उससे महिलाओं की आमदनी बढ़ेगी। महिलाएं अपनी फैक्ट्री में पुष्टाहार बनाने के लिए गांव से ही कच्चा माल खरीदेंगी। यही सशक्तिकरण के प्रयास है। इनसे महिलाओं का जीवन बदलेगा।

    आगे बढ़ने को बेटियां भी चाहती हैं समय, इसलिए बढ़ रही विवाह की न्यूनतम उम्र

    प्रधानमंत्री मोदी ने इन दिनों जेरे-बहस महिलाओं की शादी की न्यूनतम उम्र को लेकर भी बात की। कहा, बेटियों की शादी की उम्र 18 साल थी। बेटियां चाहती थीं, उन्हें भी आगे बढ़ने के लिए समय मिले। इसलिए शादी की उम्र 21 साल करने का प्रयास किया जा रहा है। देश यह फैसला बेटियों के लिए कर रहा है, लेकिन किसको इससे तकलीफ हो रही है, यह सबको पता है। महिला सशक्तिकरण के लिए अपनी प्रतिबद्धता दोहराते हुए पीएम ने कहा कि यह हमारी सरकार है जिसने देश भर के सैनिक स्कूलों में के दरवाजे बेटियों के लिए खोले। 

    बिना किसी भेदभाव के हो रहा काम

     

    मुस्लिम बहनों को अत्याचार से बचाने के लिए तीन तलाक के खिलाफ कानून बनाया। बिना किसी भेदभाव के डबल इंजन की सरकार बेटियों के जीवन को सुनहरा बनाने के लिए काम कर रही है। उन्होंने कहा कि महिलाओं के लिए हमारी सरकार उनकी मुश्किलों को देखते हुए फैसले ले रही है। कोरोना के दौर में घर का चूल्हा जलता रहे,इसके लिए मुफ्त राशन देने की योजना हमारी सरकार ने ही चलाई। महिला कुंभ में उत्साहित महिलाओं को संबोधित करते हुए उन्होंने कहा कि हमारे यहां परंपरा से ऐसी परंपरा रही कि घर और हर संपत्ति पर केवल पुरुषों का ही अधिकार था। अब हमारी सरकार इस असमानता को दूर कर रही है। प्रधानमंत्री आवास योजना इसका सबसे बड़ा उदाहरण है। इसमें प्राथमिकता के आधार पर महिलाओं के नाम से घर की रजिस्ट्री हो रही है। अकेले यूपी में 30 लाख से अधिक घर मइस योजना में बने, जहां 25 लाख घरों की रजिस्ट्री महिलाओं के नाम से हुई। यही तो सच्चा सशक्तिकरण है। यही विकास है।