Pic : Ani
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वाराणसी: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (Prime Minister Narendra Modi) 24 मार्च को अपने संसदीय क्षेत्र वाराणसी (Varanasi) के प्रस्तवित दौरे में पूर्वांचल (Purvanchal) के किसानों को बड़ी सौगात (Big Gift) देंगे। इंटीग्रेटेड पैक हाउस फॉर फूड एंड वेजिटेबल एक्सपोर्ट का उद्घाटन प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी करेंगे, इस दौरान यूपी (UP) के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ (Chief Minister Yogi Adityanath) भी मौजूद रहेंगे। पैक हाउस में लगे सभी उपकरण मेक इन इंडिया (Make in India) हैं। इसके शुरू होने के बाद बनारसी लंगड़ा आम सीधे जापान, ऑस्ट्रेलिया, कोरिया, इंग्लॅण्ड और यूरोपियन देशो को एक्सपोर्ट किया जा सकेगा। 

मोदी-योगी सरकार की ओर से किसानों की आय दोगुनी करने के प्रयासों को इस पैक हाउस से बड़ी मदद मिलेगी। डबल इंजन की सरकार पूर्वांचल ही नहीं पश्चिमी बिहार के एफपीओ, किसानों और कृषि उद्यमियों के बीच से बिचौलियों को हटाकर उन्हें निर्यातक बनाने में जुटी है। इसके लिए कृषि और खाद्य प्रसंस्कृत उत्पाद निर्यात विकास प्राधिकरण (एपीडा) लगातार प्रयास कर रहा है।      

15.78 करोड़ रुपए की लागत से 4,461 वर्गफुट में बना है पैक हाउस

पूर्वांचल की सब्जियां और फलों की खेप अब वाराणसी के पैक हाउस से सीधे विदेशों में एक्सपोर्ट होंगे। अंतरराष्ट्रीय मानक के अनुसार पेरिशेबल फ़ूड उत्पाद को तैयार किया जाएगा। एयरपोर्ट से कऱीब 10 किलोमीटर दूर करखियांव में स्थित इंटीग्रेटेड पैक हाउस फॉर फ़ूड एंड वेजिटेबल एक्सपोर्ट का निर्माण योगी सरकार ने कराया है। इस पैक हाउस से एक्सपोर्ट के लिए सिंगल विंडो क्लीयरेंस भी होगा, जिससे निर्यात करना आसान होगा। इंटीग्रेटेड पैक हाउस जल, थल और नभ से निर्यात करने के लिए उचित संसाधनों से लैस होगा। 15.78 करोड़ की लागत से लगभग 4461 स्क्वायर फिट एरिया में पैक हाउस बनकर तैयार हो चुका है। यहां किसान उद्यमियों को इंटरनेशनल मार्केट की मांग के अनुसार कृषि उत्पाद तैयार करने का प्रशिक्षण भी दिया जाएगा। सहारनपुर और लखनऊ के बाद ये यूपी का तीसरा और पूर्वांचल का पहला इंटीग्रेटेड पैक हाउस होगा। 

अंतरराष्ट्रीय मानकों के अनुरूप तैयार करता हैं उत्पाद

पैक हाउस का सबसे अहम काम उत्पाद को अंतरराष्ट्रीय मानकों के अनुसार तैयार करना है। अलग-अलग देशों की अलग-अलग तरह की डिमांड होती हैं। उनके डिमांड को पूरा करने के लिए पैक हाउस काम करता है। पूर्वांचल में किसानों की आय दोगुना करने के लिए एपीडा निर्यात के लिए सक्रिय है। एपीडा के उप महाप्रबंधक डॉ सी.बी.सिंह ने बताया कि इंटरनेशनल स्टैंडर्ड का प्रोडक्ट तैयार करने के लिए इंटीग्रेटेड पैक हाउस में फलों और सब्जियों को कई प्रक्रिया से गुज़रना पड़ता है, जिससे उनकी ताज़गी, स्वाद और अन्य गुण बरक़रार रहता है। इस बात का विशेष ध्यान रखा जाता है की इन उत्पादों में कीट और किसी भी तरह की बीमारी न हों। ख़ास तौर पर बनारसी लंगड़ा आम को वेपर हीट और हॉट वाटर ट्रीटमेंट प्रक्रिया से गुजारा जाता है, तब कही जाकर लंगड़ा आम विदेशों में एक्सपोर्ट किया जा सकता हैं। उन्होंने बताया कि इंटीग्रेटेड पैक हाउस फॉर फ़ूड एंड वेजिटेबल एक्सपोर्ट में लगे उपकरणों स्वेदशी हैं। 

पैक हाउस में लगे उपकरणों के नाम और क्षमता

  • वेपर हीट ट्रीटमेंट यूनिट: 2500 किलोग्राम/बैच (प्रति 4 घंटे)
  • हॉट वाटर ट्रीटमेंट प्लांट: 500 किलोग्राम/बैच (प्रति 1 घंटे )
  • मैंगो/फ्रूट प्रोसेसिंग, ग्रेडिंग एवं सॉर्टिंग लाइन: 2000 किलोग्राम/ घंटा 
  • वेजिटेबल प्रोसेसिंग लाइन: 1000 किलोग्राम/घंटे 
  • कोल्ड रूम: 2 से 20-एमटी  
  • प्री कोल्ड रूम: 2 से 15 -एमटी  
  • राईपिनिंग रूम: 1 से 10- एमटी