शिवसेना बनेगी भाजपा के लिए यूपी में चुनौती, विधानसभा चुनाव में पांच दर्जन प्रत्याशी उतारे

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    -राजेश मिश्र

    लखनऊ: दशकों तक महाराष्ट्र में बीजेपी की सहयोगी रही और अब अलग हो सरकार चला रही शिवसेना उत्तर प्रदेश में बड़ी चुनौती बनेगी। उत्तर प्रदेश में चल रहे विधानसभा चुनावों में शिवसेना ने 50-60 प्रत्याशी उतारे हैं और कुछ छोटे दलों से गठबंधन भी किया है। शिवसेना आगामी लोकसभा चुनाव में पहली बार महाराष्ट्र से बाहर चुनाव लड़ेगी। इसकी शुरूआत उत्तर प्रदेश के विधानसभा चुनाव से की जा रही है। शिवसेना प्रमुख उद्धव ठाकरे ने यह फैसला भाजपा की गलत नीतियों का विरोध करने के इरादे से लिया है। यह जानकारी यहां एक संवाददाता सम्मेलन में शिवसेना संसदीय दल के नेता और प्रवक्ता संजय राउत ने दी। उन्होंने कहा कि शिवसेना ने अभी तक 50-60 उम्मीदवार उतरे हैं। हालांकि  400 विधानसभा वाले प्रदेश में वैसे तो यह संख्या ज्यादा नहीं है, लेकिन हमारे उम्मीदवार मजबूती से लड़ रहे हैं।

    राजधानी लखनऊ में शनिवार को संजय राउत ने कहा कि भाजपा शिवसेना से डर रही है। उन्होंने कहा कि बीजेपी के लोग ईडी और सीबीआई को मेरे खिलाफ लगा देते हैं। लखनऊ में बीजेपी के टिकट पर चुनाव लड़ने उतरे ईडी के पूर्व अधिकारी पर टिप्पड़ी करते हुए शिवसेना सांसद ने कहा कि ईडी में राजनीतिक विचारधारा के लोगों को ये लोग बैठाकर अपना एजेंडा चलाते हैं और बाद में उसको उम्मीदवार बना देते हैं। इन हालात में कौन विश्वास करेगा इन लोगों पर।

    सीबीआई और ईडी का राजनैतिक इस्तेमाल करना गलत

    संजय राउत ने कहा यूपी में शिवसेना के चुनाव लड़ने से भाजपा काफी परेशान है। इसी परेशानी में भाजपा की शह पर हमारे प्रत्याशियों के नामांकन खारिज कराए जा रहे हैं। उन्होंने आरोप लगाया कि चुनाव आयोग बीजेपी के इशारे पर कार्य कर रहा है। यूपी में भाजपा को ललकारते हुए कहा कि सीबीआई और ईडी का राजनैतिक इस्तेमाल करना गलत है। भाजपा स्वायत्तसाशी संस्थाओं में पहले अपने वैचारिक लोगों को चिन्हित कर घुसाती है। उसके बाद इनके माध्यम से विरोधियों को जान-बूझ कर परेशान कराती है। उसके बाद उनको वीआरएस दिलवा कर चुनाव में प्रत्याशी बना कर उतारती है। यह बात लखनऊ में ईडी के एक अधिकारी को चुनाव मैदान में उतारने से साफ जाहिर होती है।

    यूपी के कानून व्यवस्था की पोल खुली 

    संजय राऊत ने एआईएमएम सांसद असदुद्दीन ओवैसी के पर गोली चलाए जाने की  घटना की निंदा करते हुए कहा कि यह वारदात यूपी के कानून व्यवस्था के हालात का आइना है। राउत ने कहा कि मेरा ओवैसी से राजनैतिक विरोध है, पर एक सांसद पर हमला कतई जायज नहीं ठहराया जा सकता। उन्होंने कहा कि यूपी के सीएम योगी आदित्यनाथ मेरे भी प्रिय हैं। वे लगातार यूपी में कानून व्यवस्था का बखान करते हैं पर एक सांसद पर गोलीबारी की घटना से यूपी के कानून व्यवस्था की पोल खुल जाती है। योगी के 80-20 के बयान पर उन्होंने कहा कि सीएम के लिए सब समान उनको ऐसा बयान नहीं देना चाहिए।