IIT Kanpur

  • आईआईटी कानपुर के 54वें दीक्षांत समारोह में बोले मोदी, 'आत्मनिर्भर भारत' के लिए अधीर बनें
  • आत्मनिर्भर भारत, पूर्ण आजादी का मूल स्वरूप ही है, जहां हम किसी पर भी निर्भर नहीं रहेंगे: प्रधानमंत्री
  • आईआईटी के विद्यार्थियों से प्रधानमंत्री का आह्वान, यहां से निकलें तो 2047 के भारत का सपना लेकर

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लखनऊ : प्रधानमंत्री (Prime Minister) नरेंद्र मोदी (Narendra Modi) ने युवाओं (Youth) को वर्ष 2047 के भारत की तस्वीर गढ़ने की महती जिम्मेदारी सौंपी है। भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान (Indian Institute of Technology)(आईआईटी) कानपुर (Kanpur) के 54वें दीक्षांत समारोह (54th Convocation Ceremony) में उपाधिप्राप्त कर रहे युवाओं को संबोधित करते हुए प्रधानमंत्री ने कहा कि देश की आजादी के अमृत महोत्सव की इस घड़ी में जब आप आईआईटी की लेगेसी लेकर निकल रहे हैं तो उन सपनों को भी लेकर निकले कि 2047 में भारत कैसा होगा।

उन्होंने कहा है कि आजादी के बाद पहले 25 सालों तक हमें देश को अपने पैरों पर खड़े होने के लिए प्रयास करने चाहिए थे, लेकिन तब से लेकर अब तक बहुत देर कर दी गई है। इसीलिए अब हमें एक पल भी नहीं गंवाना है, कुछ कर गुजरना है। आने वाले 25 सालों में भारत की विकास यात्रा की बागडोर आपको ही संभालनी है।

दीक्षांत समारोह में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने भी विद्यार्थियों को संबोधित किया

आईआईटी कानपुर में नव उपाधिप्राप्त युवाओं से मुखातिब प्रधानमंत्री ने आईआईटी जैसे संस्थानों से देश की अपेक्षा और यहां के विद्यार्थियों को भावी जीवन की चुनौतियों के साथ-साथ उनकी जिम्मेदारी का भी अहसास कराया। दीक्षांत समारोह में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने भी विद्यार्थियों को संबोधित किया। स्वाधीनता संग्राम के ऐतिहासिक “दांडी मार्च” की चर्चा करते हुए प्रधानमंत्री ने कहा कि 1930 के उस दौर में जो 20-25 साल के नौजवान थे, 1947 तक उनकी यात्रा और 1947 में आजादी की सिद्धि, उनके जीवन का स्वर्णिम काल थी। आज आप भी एक तरह से उस जैसे ही सुनहरे दौर में कदम रख रहे हैं। जैसे ये राष्ट्र के जीवन का अमृतकाल है, वैसे ही यह आपके जीवन का भी अमृतकाल है। आज जो सोच और दृष्टिकोण आज आपका है, वही नजरिया देश का भी है। पहले अगर सोच काम चलाने की होती थी, तो आज सोच कुछ कर गुजरने की, काम करके नतीजे लाने की है। पहले अगर समस्याओं से पीछा छुड़ाने की कोशिश होती थी, तो आज समस्याओं के समाधान के लिए संकल्प लिए जाते हैं।

ट्रेनिंग, कौशल और ज्ञान आपके आने वाले जीवन में बहुत उपयोगी सिद्ध होगी

देश के प्रतिष्ठित प्रौद्योगिकी संस्थान से प्रशिक्षण पूरा कर रहे होनहारों को उपाधि प्राप्त करने की बधाई देते हुए प्रधानमंत्री ने कहा कि आपने जब आईआईटी कानपुर में प्रवेश लिया था और अब जब आप यहां से निकल रहे हैं, तब और अब में, आप अपने में बहुत बड़ा परिवर्तन महसूस कर रहे होंगे। यहां आने से पहले एक ‘फियर ऑफ अननोन’ (अनजान भय) होगा, एक ‘क्वेरी ऑफ अननोन’ (अनजान जिज्ञासा) रही होगी। अब ‘फियर ऑफ अननोन’ नहीं बल्कि अब पूरी दुनिया को जानने-समझने करने का हौसला है। अब ‘क्वेरी ऑफ अननोन’  नहीं, क्वेस्ट फॉर द बेस्ट (सर्वोत्तम के लिए प्रयास)  करते हुए पूरी दुनिया पर छा जाने का सपना है। आईआईटी के इस ऐतिहासिक परिसर ने आपकी सोच और दृष्टि को एक वृहद परिवेश दिया है। आपकी ट्रेनिंग, कौशल और ज्ञान आपके आने वाले जीवन में बहुत उपयोगी सिद्ध होगी। जो व्यक्तित्व विकास यहां हुआ है, वह आपको समाज की सेवा और राष्ट्र को मजबूत करने की ताकत देगी। 

तकनीक के बिना अधूरा होगा जीवन, युवाओं के लिए है अपार संभावना

21वीं सदी और वैश्वीकरण के वर्तमान युग की जरूरतों और सम्भावनाओं से छात्रों को परिचय कराते हुए पीएम मोदी ने कहा कि यह दौर, ये 21वीं सदी, पूरी तरह तकनीक केंद्रित है। इस दशक में भी तकनीक अलग-अलग क्षेत्रों में अपना दबदबा और बढ़ाने वाली है। बिना टेक्नोलॉजी के जीवन अब एक तरह से अधूरा ही होगा। यह जीवन और टेक्नोलॉजी की स्पर्धा का युग है और मुझे विश्वास है कि इसमें आप जरूर आगे निकलेंगे। युवाओं का आह्वान करते हुए पीएम ने कहा कि आपने अपनी जवानी के इतने महत्वपूर्ण वर्ष टेक्नोलॉजी का एक्सपर्ट बनने में लगाए हैं। ऐसे में आपके लिए इससे बड़ा अवसर क्या होगा? आपके पास तो भारत के साथ ही पूरे विश्व में टेक्नोलॉजी के क्षेत्र में योगदान करने का बहुत बड़ा अवसर है।

75वें साल में हमारे पास 75 से अधिक यूनिकोर्न्स हैं

“आत्मनिर्भर भारत” के अपने सपने को साझा करते हुए प्रधानमंत्री ने कहा कि कौन भारतीय नहीं चाहेगा कि भारत की कंपनियां ग्लोबल बनें, भारत के प्रोडक्ट ग्लोबल बनें। जो आईआईटी को जानता है, यहां के टैलेंट को जानता है, यहां के प्रोफेसर्स की मेहनत को जानता है, वो ये विश्वास करता है ये आईआईटी के नौजवान जरूर करेंगे। उन्होंने कहा “मेरी बातों में आपको अधीरता नजर आ रही होगी लेकिन मैं चाहता हूं कि आप भी इसी तरह आत्मनिर्भर भारत के लिए अधीर बनें। आत्मनिर्भर भारत, पूर्ण आजादी का मूल स्वरूप ही है, जहां हम किसी पर भी निर्भर नहीं रहेंगे।” उन्होंने कहा कि यदि हम आत्मनिर्भर नहीं होंगे, तो हमारा देश अपने लक्ष्य कैसे पूरे करेगा, अपनी मंजिल तक कैसे पहुंचेगा? युवाओं को प्रोत्साहित करते हुए उन्होंने कहा कि आप यह कर सकते हैं, मेरा आप पर भरोसा है। बदलते भारत की तस्वीर रखते हुए पीएम ने कहा कि आजादी के इस 75वें साल में हमारे पास 75 से अधिक यूनिकोर्न्स हैं, 50 हजार से अधिक स्टार्टअप्स हैं। इनमें से 10 हजार स्टार्टअप तो केवल पिछले 6 महीनों में आएं हैं। बीते सात वर्षों में स्टार्टअप इंडिया, स्टैंड अप इंडिया और अटल इनोवेशन मिशन जैसे  प्रयास शुरू हुए हैं। इसने देश के युवाओं के लिए एक नई राह दी है। प्रधानमंत्री ने नई शिक्षा नीति की उपयोगिता, महत्ता और बारीकियों की जानकारी भी दी।

इससे पहले, पीएम मोदी ने कानपुर को बधाई देते हुए उन्होंने कहा कि आज कानपुर के लिए दोहरी खुशी का दिन है। आज एक तरफ कानपुर को मेट्रो जैसी सुविधा मिल रही है। वहीं दूसरी और टेक्नोलॉजी की दुनिया को आईआईटी कानपुर से आप जैसे अनमोल उपहार भी मिल रहे हैं। कानपुर की विविधतापूर्ण संस्कृति और ऐतिहासिक महत्व को रेखांकित करते हुए उन्होंने कहा कि कानपुर भारत के उन चुनिंदा शहरों में से है, जो इतना विविधता लिए हुए है। सत्ती चौरा घाट से लेकर मदारी पासी तक, नाना साहब से लेकर बटुकेश्वर दत्त तक जब हम इस शहर की सैर करते हैं तो ऐसा लगता है जैसे हम स्वतंत्रता संग्राम के बलिदानों के गौरव की, उस गौरवशाली अतीत की सैर कर रहे हैं।

‘इमोशन ऑफ थिंग्स’ से लेकर ‘ह्यूमन इंटेलिजेंस’ की मिली सीख

भावी चुनौतियों के लिए हमेशा खुद को तत्पर रखने का आह्वान करते हुए प्रधानमंत्री ने कहा कि आज से शुरू हुई यात्रा में आपको सहूलियत के लिए शॉर्टकट भी बहुत लोग बताएंगे। लेकिन अगर जीवन में कभी कम्फर्ट या चैलेंज स्वीकार करना हो तो कभी कम्फर्ट नहीं चुनना, चैलेंज चुनना, क्योंकि जो लोग उनसे भागते हैं वो उनका शिकार बन जाते हैं। टेक्नोलॉजी के क्षेत्र के नवीन मेधा से मुखातिब प्रधानमंत्री ने उन्हें मानवीय मूल्यों-संवेदनाओं को न भूलने की भी शिक्षा दी। अनूठे अंदाज में प्रधानमंत्री ने कहा कि आप जीवन में ‘इंटरनेट ऑफ थिंग्स’ पर जरूर काम करें, लेकिन ‘इमोशन ऑफ थिंग्स’ (संवेदनशीलता) को कभी न भूलें। ‘आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस’ पर तो सोचें ही, ‘ह्यूमन इंटेलिजेंस’ के बारे में भी सोचें। ‘कोडिंग’ पर काम जरूर करें पर लोगों से ‘कनेक्शन’ भी बना रहे। ज्यादा से ज्यादा लोगों से मिलना, समझना और संवाद करना आपके व्यक्तित्व को निखार देगा।

राज्य के विकास में आईआईटी जैसे संस्थनों की भूमिका अहम: सीएम योगी

दीक्षांत समारोह में बतौर विशिष्ट अतिथि मुख्यमंत्री योगी ने उपाधि प्राप्त कर रहे युवाओं को बधाई दी। उन्होंने कहा कि आईआईटी कानपुर ने राज्य सरकार के साथ पारस्परिक सहयोग के अनेक उदाहरण पेश किए हैं। प्रदेश के विकास में आईआईटी कानपुर, बीएचयू और आईआईएम लखनऊ की भूमिका की सराहना करते हुए उन्होंने कहा कि आईआईटी कानपुर के साथ प्रदेश सरकार ने कोरोना जैसी महामारी की चुनौतियों से सफलतापूर्वक सामना करने के लिए स्कूल ऑफ मेडिकल रिसर्च एंड टेक्नोलॉजी के नाम पर एक नए सुपर स्पेशियलिटी चिकित्सा संस्थान की स्थापना की सैद्धांतिक सहमति दे दी गई है। यह स्कूल ऑफ मेडिकल रिसर्च एंड टेक्नोलॉजी प्रदेश की स्वास्थ्य चुनौतियों से निपटने में उपयोगी सिद्ध होने के साथ ही राज्य में चिकित्सा प्रौद्योगिकी के इको सिस्टम को भी बढ़ावा देने में एक महत्वपूर्ण भूमिका का निर्वहन करेगा। प्रदेश में गुणवत्तापरक प्रौद्योगिकी और व्यावसायिक शिक्षा के लिए संकल्प दोहराते हुए मुख्यमंत्री ने प्रदेश के संस्थानों  के विकास, शिक्षकों के प्रशिक्षण आदि में सहयोग की अपेक्षा भी जताई।

आईआईटी कानपुर से नव उपाधि प्राप्त युवाओं को मोदी मंत्र

  • कम्फर्ट मत चुनना, चैलेंज जरूर चुनना
  • मेरी बातों में आपको अधीरता नजर आ रही होगी लेकिन मैं चाहता हूं कि आप भी इसी तरह आत्मनिर्भर भारत के लिए अधीर बनें
  • आत्मनिर्भर भारत, पूर्ण आजादी का मूल स्वरूप ही है, जहां हम किसी पर भी निर्भर नहीं रहेंगे
  • आईआईटी कानपुर ने आपको ऐसा साहस दिया है कि अब आपको अपने सपने पूरे करने से कोई नहीं रोक सकता 
  • आपने अपनी जवानी के इतने महत्वपूर्ण वर्ष टेक्नोलॉजी का एक्सपर्ट बनने में लगाए हैं। आपके लिए इससे बड़ा अवसर क्या होगा? आपके पास तो भारत के साथ ही पूरे विश्व में टेक्नोलॉजी के क्षेत्र में योगदान करने का बहुत बड़ा अवसर है
  • ये दौर, ये 21वीं सदी, पूरी तरह  टेक्नोलॉजी आधारित है। इस दशक में भी तकनीक अलग-अलग क्षेत्रों में अपना दबदबा और बढ़ाने वाली है। बिना टेक्नोलॉजी के जीवन अब एक तरह से अधूरा ही होगा
  • यह जीवन और टेक्नोलॉजी की स्पर्धा का युग है और मुझे विश्वास है कि इसमें आप जरूर आगे निकलेंगे।
  • इंटरनेट ऑफ थिंग्स’ पर जरूर काम करें, लेकिन ‘इमोशन ऑफ थिंग्स’ को कभी न भूलें 
  • ‘आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस’ पर तो सोचें ही, ‘ह्यूमन इंटेलिजेंस’ के बारे में भी सोचें 
  • ‘कोडिंग’ पर काम जरूर करें पर लोगों से ‘कनेक्शन’ भी बना रहे