-राजेश मिश्र
लखनऊ: लखनऊ (Lucknow) में लुलू माल (Lulu Mall) के बीते बुधवार नमाज पढ़ने वाले चारों युवक गिरफ्तार (Arrested) कर लिए गए हैं। वैश्विक निवेश सम्मेलन आयोजित कर 10 लाख करोड़ रुपए का निवेश लाने में जुटी उत्तर प्रदेश की योगी सरकार (Yogi Government) इन घटनाओं को लेकर असहज हो गयी है। खुद मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ (Chief Minister Yogi Adityanath) ने अब तक दो बयान जारी कर इन घटनाओं को बड़ी साजिश करार देते हुए सख्त कारवाई के लिए अधिकारियों को निर्देश जारी किए हैं।
मंगलवार को भी मुख्यमंत्री योगी ने कहा कि माल में हुयी घटना बड़ी साजिश की ओर इशारा करती है और यह करने वाले बख्शे नहीं जाएंगे। इससे पहले माल में जबरन हनुमान चालीसा पढ़ने की कोशिश कर रहे बीस युवकों को गिरफ्तार किया गया था, जिनमें एक अरशद अली भी शामिल था। मंगलवार को सीसीटीवी फुटेज के आधार पर नमाज पढ़ने वाले चार लोगों को हिरासत में लेकर पूछताछ की जा रही है। लखनऊ पुलिस ने बयान जारी कर कहा है कि नमाज पढ़ने और उसका वीडियो जारी जरने वाले गिरफ्तार चारों युवक मुस्लिम ही हैं और उनमें से दो सीतापुर के रहने वाले सगे भाई हैं।
कई अधिकारी हटाए जा चुके हैं
सरकार को इस विवाद से निवेशकों पर गलत असर पड़ने का अंदेशा है। इसी के चलते सरकार से लेकर प्रशासन तक इस मामले में सख्ती दिखा रहा है। खुद मुख्यमंत्री ने इस विवाद का जल्द से जल्द पटाक्षेप करने को कहा है और अब तक लुलू माल के संबंधित पुलिस क्षेत्र के कई अधिकारी हटाए जा चुके हैं। योगी सरकार जनवरी में वैश्विक निवेश सम्मेलन की तैयारी कर रही है और इसके जरिए 10 लाख करोड़ रुपए का निवेश जुटाने का लक्ष्य रखा गया है।
सीसीटीवी का पड़ताल में हैरतअंगेज तथ्य सामने आए
लुलू माल में नमाज पढ़ने का वीडियो वायरल होने के बाद पुलिस और प्रबंधन ने जब सीसीटीवी का पड़ताल की तो हैरतअंगेज तथ्य सामने आए। सीसीटीवी फुटेज में दिख रहा है कि नमाज पढ़ने वाले युवक माल में न तो खरीददारी करने आए थे न ही घूमने। उन्होंने माल में घुसते ही बस नमाज पढ़ने की जगह की तलाश करनी शुरु कर दी। गार्ड द्वारा रोके जाने पर वो दूसरे माल पर चले गए और खाली जगह देखते हुए आनन-फानन में कम समय में नमाज का स्वांग किया और वीडियो बनाकर चलते बने। इतना ही नहीं नमाज पढ़ने वाले युवकों ने इसकी दिशा का भी परवाह नहीं की और गलत दिशा में बैठ कर जल्दी-जल्दी नमाज पढ़ी।
सीएम योगी ने किया था माल का उद्घाटन
गौरतलब है कि लखनऊ में एशिया का और कुछ के मुताबिक उत्तर भारत के सबसे बड़े माल का उद्घाटन बीते रविवार को खुद मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने किया था। लखनऊ में बने इस माल पर 2,000 करोड़ रुपए का निवेश किया गया है और पहले ही हफ्ते में यहां 7 लाख से ज्यादा लोग पहुंचे हैं। लुलू माल को फ्लाप करने और इसे विवादास्पद बनाने के लिए किसी साजिश से इंकार नहीं किया जा सकता है। खुद सरकार के अधिकारियों व मुख्यमंत्री ने भी इस ओर इशारा किया है।
लुलू माल के निदेशक को देनी पड़ी सफाई
लखनऊ में लुलू माल के उद्घाटन के साथ ही सोशल मीडिया पर एक मुहिम चलायी गयी जिसमें बताया गया कि लुलू माल में 80 फीसदी से ज्यादा मुस्लिम पुरुष कर्मचारी हैं, जबकि बाकी 20 फीसदी महिला हिन्दू कर्मचारियों को रखा गया है। लुलू माल के निदेशक जयशंकर को प्रेस रिलीज जारी कर सफाई देनी पड़ी। प्रेस रिलीज में बताया गया कि माल में 80 फीसदी हिन्दू कर्मचारी, 20 फीसदी में सिख, मुस्लिम और ईसाई धर्मों के लोग हैं।