बसपा प्रमुख मायावती (Photo Credits-ANI Twitter)
बसपा प्रमुख मायावती (Photo Credits-ANI Twitter)

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    लखनऊ: उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव (UP Assembly Election 2022) में बहुजन समाज पार्टी (बसपा) की नेता मायावती (BSP Chief Mayawati) के अब तक मैदान में न उतरने को लेकर विपक्षी दलों के कटाक्ष पर जवाब देते हुये बसपा प्रमुख ने शनिवार को कहा कि चुनाव से पहले जो जनसभाये की जा रही हैं, वह जनता के पैसे और सरकारी कर्मचारियों की भीड़ के बूते की जा रही हैं। 

    उन्होंने कहा कि बसपा की कार्यशैली और चुनाव को लेकर तौर-तरीके अलग हैं और हम किसी दूसरी पार्टी की नकल नहीं करते हैं। उन्होंने कहा कि सत्ता के लोगों को ठंड में जो गर्मी चढ़ी है, वह सरकार के और गरीबों के खजाने की गर्मी है। साथ ही कहा कि हमारी पार्टी गरीबों-मजलूमों की पार्टी है, दूसरी पार्टियों की तरह धन्ना सेठों-पूंजीपतियों की पार्टी नहीं है। 

    गौरतलब है कि 30 दिसंबर को केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने मुरादाबाद, अलीगढ़, उन्नाव में भाजपा की जनविश्वास यात्रा के दौरान बसपा पर हमला करते हुए कहा था कि बहनजी (मायावती) की तो ठंड ही उतर नहीं रही। चुनाव आ गया है और वह प्रचार करने के लिए भी निकल नहीं रही हैं। उन्होंने कहा, “लगता है, वह पहले ही हार से भयभीत हो गई हैं। उत्तर प्रदेश में सपा-बसपा विकास नहीं कर सकती।” 

    इसी के जवाब में बसपा सुप्रीमो मायावती ने शनिवार को एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में कहा, “जब भाजपा और कांग्रेस जैसी पार्टियां केंद्र या जिन भी राज्यों की सत्ता में होती हैं तो ये पार्टियां केंद्र और संबंधित राज्यों में चुनाव घोषित होने से लगभग दो ढाई महीने पहले खूब ताबड़तोड़ हवा-हवाई घोषणायें, शिलान्यास, उदघाटन और लोकार्पण आदि करती हैं। उसकी आड़ में सरकारी खर्च से खूब चुनावी जनसभायें भी करती हैं, जिस पर इनकी पार्टी का नहीं बल्कि हमारी आम जनता का ही सरकारी पैसा पानी की तरह काफी बेदर्दी से बहा दिया जाता हैं। इसमें आधी भीड़ सरकारी कर्मचारियों की और आधी भीड़ टिकट चाहने वालों की होती हैं। ये सब हमें उत्तर प्रदेश, उत्तराखंड और पंजाब जैसे राज्यों में देखने को मिल रहा है।”

    मायावती ने नये साल के अवसर पर पार्टी कार्यकर्ताओं और आम जनता को बधाई दी तथा कोरोना वायरस से सावधान रहने की सलाह भी दी। (एजेंसी)