नई दिल्ली: उत्तर प्रदेश के निठारी में हुए हत्याकांड मामले (Nithari Murder Case) में आरोपी सुरेंद्र कोली को विशेष सीबीआई कोर्ट ने आईपीसी 364 के तहत आजीवन कारावास और आईपीसी 302 के तहत मौत की सजा सुनाई है। मनिंदर सिंह पंढेर को अनैतिक व्यापार (रोकथाम) अधिनियम की धारा 5 के तहत 7 साल कैद की सजा सुनाई गई है। यह जानकारी अधिवक्ता देवराज सिंह ने दी है।
बता दें कि, गाजियाबाद की सीबीआई अदालत ने सुरेंद्र कोली को आईपीसीडी धारा 302 के तहत मौत की सजा सुनाई है। वहीं दूसरे आरोपी मनिंदर सिंह को अनैतिक व्यापार (रोकथाम) अधिनियम की धारा 5 के तहत 7 साल कैद की सजा सुनाई। ज्ञात हो कि, साल 2006 में हुए उत्तर प्रदेश के निठारी गांव में हुए कांड ने पुरे देश को झकझोर दिया था। इस मामले में अदालत ने इससे पहले ही 17 मई को सुरेंद्र कोली को हत्या का दोषी करार दिया था। जबकि दूसरे दोषी मनिंदर सिंह को मोरल ट्रैफिकिंग एक्ट में दोषी पाया गया था। वहीं, तीसरे आरोपी सिमरनजीत कौर को सबूत के आभाव में बरी कर दिया गया था।
Nithari murder case | Special CBI Court has sentenced life imprisonment to Surender Koli under IPC 364 & death sentence under IPC 302. Maninder Singh Pandher has been sentenced to 7 years imprisonment under section 5 of the Immoral Traffic (Prevention) Act: Advocate Devraj Singh pic.twitter.com/hPPBKrYg7K
— ANI UP/Uttarakhand (@ANINewsUP) May 19, 2022
गाजियाबाद की अदालत ने पायल की किडनैपिंग और हत्या के मामले में फांसी की सजा सुनाई है। उल्लेखनीय है कि, इससे पहले भी विशेष सीबीआई अदालत ने साल 2017 में पिंकी सरकार की हत्या के मामले में सुरेंद्र कोली और मोनिंदर पंढेर को मामले में फांसी की सजा सुनाई थी। निठारी हत्याकांड से जुड़े एक अन्य मामले में जज पवन कुमार तिवारी ने फांसी की सजा सुनाई थी। वहीं, पिंकी सरकार की हत्या से जुड़े मामले में इन्हे अपहरण, रेप और हत्या का दोषी पाया गया था।
यह है मामला
गौरतलब है कि, साल 2006 में निठारी गांव की कोठी नंबर डी-5 से नर कंकाल मिला था। जब कि, कोठी के पास नाले से बच्चों के अवशेष बरामद किए गए थे। जबकि, मानव शरीर के हिस्सों के पैकेट मिले थे। यह केस लापता लड़की पायल की वजह से सामने आया था। जिसके बाद यह मामले पुरे देश में फ़ैल गया था। उत्तराखंड का रहने वाला सुरेंद्र कोली डी-5 कोठी में मोनिंदर सिंह पंढेर का नौकर था। मोनिंदर के परिवार के पंजाब चले जाने के बाद दोनों कोठी में रह रहे थे। यह मामला गाजियाबाद कोर्ट में चल रहा है।