School Bus Service
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    -राजेश मिश्र

    लखनऊ: उत्तर प्रदेश में चलने वाली स्कूली बसों को सरकार ने बड़ी राहत दी है। स्कूली बसों (School Buses) और कैबों को अब अलग-अलग प्रदेशों की जगह एक ही टैक्स (Tax) देना पड़ेगा। योगी सरकार ने स्कूली बच्चों की ड्रेस आदि के लिए सीधे अभिभावकों के खाते में दी जाने वाली धनराशि बढ़ा दी है। मंगलवार को मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ (Chief Minister Yogi Adityanath) की अध्यक्षता में हुई मंत्रिपरिषद की बैठक (Cabinet Meeting) में स्कूली बसों से लिए जाने वाले टैक्स को लेकर प्रस्ताव को मंजूरी दी गयी है। अब उत्तर प्रदेश, हरियाणा, राजस्थान और दिल्ली में स्कूली बच्चों को ढोने वाली बसों और कैबों को एक ही टैक्स देना होगा। 

    प्रदेश के परिवहन मंत्री दयाशंकर सिंह ने यह जानकारी देते हुए बताया कि इस फैसले से सरकार को 12 करोड़ रुपए का सालाना नुकसान होगा। हालांकि इससे जनता को फायदा होगा और ट्रैफिक जाम से बचा जा सकेगा। स्कूली बसों और कैब को अभी तक हर प्रदेश का अलग टैक्स देना होता था। इसकी दिक्कत सबसे ज्यादा राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र (एनसीआर) में चलने वाले वाहनों को होती थी जहां स्कूली बच्चों को लाने-ले जाने में कई राज्यों की सीमाएं पड़ती थीं और हर जगह अलग-अलग टैक्स भरना पड़ता था। अब चार राज्यों ने आपस में बात कर टैक्स माफ करने पर सहमति दी है। यह टैक्स माफी वैन, कैब और एंबुलेंस के लिए लागू होगी।

    प्राइमरी स्कूलों के बच्चों को दी जाने वाली राशि भी बढ़ी

    मंत्रिपरिषद ने प्राइमरी स्कूलों के बच्चों को डायरेक्ट बेनिफिट ट्रांसफर (डीबीटी) के जरिए दी जाने वाली धनराशि को 1100 रुपए से बढ़ाकर 1200 रुपए करने का फैसला किया है। प्रदेश सरकार ने प्राइमरी स्कूलों को बच्चों को यूनिफार्म के साथ ही अभ्यास पुस्तिका, पेंसिल और कटर भी मुफ्त देने के प्रस्ताव को मंजूरी दे दी है। प्रस्ताव के मुताबिक, शैक्षिक वर्ष 2021-22 में डीबीटी से लाभान्वित छात्र-छात्राओं की संख्या 1.56 करोड़ जबकि 2022-23 में 2 करोड़ छात्र-छात्राओं को लाभान्वित करने का लक्ष्य है। अभिभावकों को यह स्वतंत्रता होगी कि बच्चों के लिए गुणवत्तापूर्ण निःशुल्क यूनीफॉर्म, स्वेटर, जूता-मोजा, स्कूल बैग और स्टेशनरी अपनी संतुष्टि के अनुसार खरीद  सकेंगे।

    कॉमन सर्विस सेंटर को कम्प्यूटर, इंटरनेट सुविधा उपलब्ध कराने को मंजूरी 

    एक अन्य फैसले के तहत मंत्रिपरिषद ने गांवों में पंचायत घरों में संचालित होने वाले कॉमन सर्विस सेंटर को कम्प्यूटर, इंटरनेट आदि सुविधा उपलब्ध कराने को मंजूरी दे दी है। गांवों में तैनात होने वाले पंचायत सहायक इन केंद्रों का संचालन करेंगे। प्रदेश सरकार ने अब तक 18,000 ग्राम सचिवालय बनाए हैं। गौरतलब है कि प्रदेश की प्रत्येक 58,189 ग्राम पंचायतों में ग्राम सचिवालय स्थापित किया जा रहा है। इन सभी ग्राम पंचायतों में ग्राम सचिवालय सुचारू रूप से चल सके, इसके लिए पंचायत सहायकों की भी तैनाती की गई है। अभी तक 56,366 पंचायत सहायकों को चयनित कर उन्हें प्रशिक्षित कर कार्य पर लगाया जा चुका है।

     दो करोड़ झंडे की खरीद को भी मंजूरी

    मंत्रिपरिषद ने मंगलवार की बैठक में आजादी का अमृत महोत्सव कार्यक्रम के दौरान चलाए जाने वाले हर घर तिंरगा अभियान के लिए दो करोड़ झंडे की खरीद एमएसएमई के माध्यम से किए जाने को मंजूरी दी है। प्रदेश में 4.5 करोड़ झंडे की खरीद की जानी है जिसमें से दो करोड़ की आपूर्ति एमएसएमई करेंगे और इसके लिए नगर विकास विभाग 10 करोड़ रुपए देगा।