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    लखनऊ: राज्य सरकार स्वच्छता मिशन की तरह ही जल संरक्षण (Water Conservation) को भी जन अंदोलन बनाने की बड़ी तैयारी में जुट गई है। इस कार्य में जनसहभागिता को बढ़ाने के लिए कई अनूठे कदम उठाने जा रही है। सबसे पहले उसने अटल भूजल योजना के तहत प्रदेश में चयनित 10 जनपदों के 26 विकासखंडों की 550 ग्राम पंचायतों में बैठकें और प्रशिक्षण कार्यक्रम आयोजित करने के निर्देश जारी किए गए हैं।

    अपनी दूसरी पारी में योगी सरकार (Yogi Govt.) ने एक बार फिर से भूगर्भजल संरक्षण की योजनाओं को तेजी से प्रदेश में भर में विस्तार देने की तैयारी की है। ‘नमामि गंगे’ (Namami Gange) और ग्रामीण जलापूर्ति विभाग को इसकी जिम्मेदारी सौंपी गई है। तय किया गया है कि युद्ध स्तर पर गांव-गांव जल संरक्षण (Village to Village Water Conservation) की योजनाओं को पूरा कराने और लोगों को जागरूक करने के लिए कार्यक्रमों में तेजी लाई जाएगी। 

    लोगों को किया जाएगा जागरुक

    जल को बचाना और दोबार वो उपयोग में कैसे लाया जा सकता है इस पर भी लोगों को जागरूक किया जाएगा। इसके लिए बैठकों का आयोजन और लोगों को प्रशिक्षण देना जरूरी है। प्रदेश सरकार विभिन्न जिलों में जल संरक्षण के साथ शुद्ध पेयजल की उपलब्धता सुनिश्चित करा रही है। खेत ताल योजना के तहत खेत का पानी खेत में और छत का पानी धरती में वापस जा सके उसपर भी तेजी से काम किया जा रहा है।

    योजनाओं का काम तेजी से पूरा कराया जा रहा 

    गौरतलब है कि पिछले कार्यकाल में सरकार के प्रयासों और जल जीवन मिशन की योजनओं से गांव-गांव में चल रहे प्रयास रंग लाने लगे हैं। स्वच्छता मिशन की तरह जल संरक्षण को जन आंदोलन बनाने की तैयारी की जा रही है। गांव-गांव में जल संरक्षण की योजनाओं का काम तेजी से पूरा कराया जा रहा है। जल समितियों का गठन और पाइपलाइनों से लीक होने वाले पानी के संरक्षण और रेन वॉटर हारवेस्टिंग पिट के निर्माण को भी युद्ध स्तर पर किए जाने की तैयारी है। जिससे बारिश के पानी का संरक्षण हो सके और संरक्षित पानी का दोबारा इस्तेमाल किया जा सके।