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महोबा. महोबा जिले में कबरई कस्बे के क्रशर व्यवसायी की संदिग्ध परिस्थिति में गोली लगने से मौत मामले की जांच कर रहे विशेष जांच दल (एसआईटी) के अधिकारियों को व्यवसायी की गायब लाइसेंसी पिस्तौल मिल गई है। पुलिस के एक अधिकारी ने रविवार को बताया कि गत आठ सितंबर को गोली लगने से अपनी कार में घायल मिले क्रशर व्यवसायी इन्द्रकांत की लाइसेंसी पिस्तौल उसके पास नहीं थी, जबकि पिस्तौल के लाइसेंस के दस्तावेज कार से बरामद किये गये थे। पिस्तौल की खोज लगातार की जा रही थी। यह पिस्तौल व्यवसायी के बड़े भाई रविकांत ने शनिवार को एसआईटी को सौंपी।

रविकांत त्रिपाठी ने रविवार को बताया कि घर की साफ-सफाई के दौरान छोटे भाई (मृतक इन्द्रकांत) की लाइसेंसी पिस्तौल घर में ही मिली है, जिसे शनिवार को एसआईटी के अधिकारियों को दे दिया गया है। त्रिपाठी ने बताया कि इसके पहले पुलिस इन्द्रकांत की लाइसेंसी रायफल घर से ले जा चुकी है, उस समय पिस्तौल नहीं मिल पाई थी। उन्होंने कहा,‘‘ इन्द्रकांत हमेशा अपनी लाइसेंसी पिस्तौल साथ लेकर चलता था। मगर, यह घर में कैसे आई? बता नहीं सकते।” पुलिस सूत्रों ने बताया कि अब यह पिस्तौल फायर जांच के लिए भेजी जाएगी, जिससे यह पता चल सके कि इससे आखिरी बार गोली कब चलाई गई थी।

गौरतलब है कि महोबा के तत्कालीन पुलिस अधीक्षक मणिलाल पाटीदार के खिलाफ आठ सितंबर को रिश्वत मांगने का सोशल मीडिया में वीडियो वायरल करने के कुछ घण्टे बाद क्रशर व्यवसायी इन्द्रकांत संदिग्ध परिस्थिति में गोली लगने से घायल अपनी कार में मिला था, जिसकी इलाज के दौरान कानपुर की रीजेंसी अस्पताल में 13 सितंबर की शाम मौत हो गयी थी। पुलिस अधीक्षक पाटीदार को मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने नौ सितंबर को निलंबित कर दिया था।

क्रशर व्यवसायी की मौत से पहले 11 सितंबर को उसके बड़े भाई रविकांत ने निलंबित एसपी पाटीदार, निलंबित कबरई थानाध्यक्ष देवेन्द्र शुक्ला और दो व्यवसायी सुरेश सोनी और ब्रह्मदत्त के खिलाफ जबरन धन वसूली, हत्या का प्रयास, साजिश रचना और भ्रष्टाचार अधिनियम की कई धाराओं के तहत मुकदमा दर्ज करवाया था। अब पूरे मामले की जांच शासन स्तर से गठित तीन सदस्यीय एसआईटी कर रही है और व्यवसायी की मौत के बाद यह मामला हत्या के प्रयास से हत्या (302) में बदल चुका है। एसआईटी अपनी जांच रिपोर्ट सात दिन में पुलिस महानिदेशक को सौंपेगी।(एजेंसी)