RAILWAY train
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    मुंबई : ट्रेन से सफर करना किसी को बहुत पसंद होता है, तो किसी की यह मज़बूरी होती है। ट्रेन हमारे लिए सुविधा का ऐसा साधन बन चुका है। जिसकी मदद से हम दूर-दूर तक का सफर बहुत आसानी से और कम पैसों में तय कर लेते हैं। ट्रेन में सफर के दौरान आपके कभी सोचा है कि ट्रेनों में लाल, हरे, और नीले रंग के डिब्बे क्यों होता है? चलिए हम आपको बताते हैं अलग-अलग रंग के कोच के पीछे की वजह।

    लाल रंग :

    लाल रंग का इस्तेमाल वैसे तो कई जगह किया जाया है। जैसे की ट्रैफिक लाइट में इसका इस्तेमाल वाहन को रोकने के लिए किया जाता है, लेकिन इंडियन रेलवे में लाल रंग डिब्बों का इस्तेमाल राजधानी या शताब्दी जैसी ट्रेनों में किया जाता है। ऐसा इसलिए है, ताकि वो ज्यादा स्पीड से दौड़ पाएं। ये बाकी के कोच के मुकाबले काफी हलके होते हैं। जिसकी वजह से ये दो सौ किलोमीटर प्रति घंटे की रफ़्तार से दौड़ पाते हैं। इसमें साथ में डिस्क ब्रेक भी होता है। 

    नीला रंग :

    नीला रंग जो दिखने में बहुत ही खूबसूरत और आकर्षित लगता है। इसकी खासियत यह है की, इस रंग का कोच लोहे से बना होता है। जिसमे एयर ब्रेक लगे होते हैं, और इसको इंटीग्रल कोच कहते है। आम तौर पर नीले रंग के कोच का इस्तेमाल मेल एक्सप्रेस या इंटरसिटी में यूज किया जाता है।

    हरा रंग :

    आपने ट्रेन से यात्रा करते समय अक्सर ट्रेन के हरे रंग के डिब्बे को जरूर देखा होगा। इस रंग इस्तेमाल गरीब रथ में किया जाता है। बता दें, गरीब रथ एक्सप्रेस भारतीय रेल द्वारा चलाई हुई एक प्रकार की कम किराये वाली वातानुकूलित रेलगाड़ियां हैं। जिनका मुख्य उद्देश्य कम खर्च में भी यात्रियों को वातानुकूलित गाड़ियों का लाभ देना है।