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हुकमदास वैष्णव 57वीं बार साल 2019 में स्टेट ओपन से 10वीं की परीक्षा की।

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    जालोर, कहते है न पढ़ने की कोई उम्र नहीं होती। यह बात राजस्थान के जालोर (Jalore) में रहने वाले 77 साल के एक शख्स ने साबित करके दिखाई है। 77 वर्षीय शख्स को पढाई करने का इतना शौक है कि उन्होंने 10वीं में 56 बार फेल होने के बावजूद हिम्मत नहीं हारी। 56 बार फेल होने के बाद उन्होंने 57 बार दोबारा परीक्षा दी और आखिर में पास हो गए। हालांकि जालोर जिले में रहने वाले 77 साल के शख्स का नाम हुकमदास वैष्णव (Hukumdas Vaishnav) है। हुकमदास वैष्णव  57वीं बार साल 2019 में स्टेट ओपन से 10वीं की परीक्षा पास की। अब उन्होंने 12वीं करने के लिए स्टेट ओपन से जालोर में आवेदन किया है।

    जालोर (Jalore) जिले के सरदारगढ़ में रहने वाले हुकमदास वैष्णव युवाओं के लिए रोल मॉडल बन गए हैं। हुकमदास ने 1962 से 10वीं पास करने की कोशिश की, जो 2019 में सफल रही। हुकमदास को आठवीं पास करने के बाद नौकरी मिल गई। लेकिन सरकारी नौकरी मिलने के बाद भी उनकी पढ़ाई में रुचि कम नहीं हुई। सरकारी नौकरी मिलने के बाद भी उन्होंने 10वीं पास करने के लिए पढ़ाई शुरू की, लेकिन 1962 से 2018 तक हुकमदास वैष्णव 10वीं में 56 बार फेल हुए। आखिरकार 2019 में हुकमदास वैष्णव ने 10वीं की परीक्षा 57वीं बार पास की।

    हुकुमदास वैष्णव (Hukumdas Vaishnav) के 10वीं पास करने के संघर्ष की कहानी भी बेहद दिलचस्प है। हुकुमदास वैष्णव ने 12वीं कला वर्ग से जालोर शहर के स्टेट ओपन के संदर्भ केंद्र राजकीय उच्च माध्यमिक विद्यालय शहरी में 12वीं कला वर्ग से आवेदन किया । खास बात यह है कि अब उनके पोते ने भी स्कूली शिक्षा पूरी कर ली है। हुकमदास (Hukumdas Vaishnav) ने कहा कि दसवीं कक्षा में पहली बार फेल होने के बाद भी उन्हें 18 साल की उम्र में सरकारी नौकरी मिल गई। 

    भू-जल विभाग में चतुर्थ श्रेणी कर्मचारी की नौकरी मिलने के बाद भी शिक्षा के प्रति उनका प्रेम कम नहीं हुआ है। जब उसने 10वीं का फॉर्म भरा तो उसके दोस्तों ने उससे कहा कि नौकरी मिल गई है, अब पढ़ाई छोड़ दो। अपने दोस्तों के इस बयान से प्रेरित होकर उन्होंने 10वीं पास करने का फैसला किया। हालांकि उनका यह फैसला 57 साल बाद पूरा हुआ। हुकमदास वैष्णव भले ही 77 साल के हो गए हों, लेकिन पढ़ाई के प्रति उनका जुनून आज भी जिंदा है।