युसुफ 'घोड़े वाला' के नाम से चर्चित हो गए हैं।
मुंबई, देश के कई राज्यों में पेट्रोल और डीज़ल की (Petrol Diesel High Price ) कीमत बढ़ गयी है। डीजल-पेट्रोल की बढ़ती कीमत को देखते हुए सभी लोग चिंता में है। इसके अलावा कच्चा तेल (Crude Oil) काफी महंगा हो गया है जिसके बाद एक बार फिर पेट्रोल-डीजल की कीमत बढ़ सकती है, इस बात की सबको चिंता हो रही है। इसी बीच महाराष्ट्र (Maharashtra) के औरंगाबाद (Aurangabad) के एक शख्स की काफी चर्चा हो रही है। इस शख्स ने पेट्रोल-डीजल के पैसे बचाने का एक अनोखा तरीका निकाला है।
औरंगाबाद (Aurangabad) में रहने वाले इस शख्स का नाम युसुफ शेख (Shaikh Yusuf) है। युसुफ शेख काम पर कार या बाइक बल्कि घोड़े पर सवार होकर जाते हैं। युसुफ ‘घोड़े वाला’ के नाम से चर्चित हो गए हैं। दरअसल, मोदी सरकार ने मार्च 2020 में लॉकडाउन लगाया। लॉकडाउन के कारण 49 वर्षीय युसुफ शेख को अपनी लैब असिस्टेंट की नौकरी गंवानी पड़ी। अब घर में पैसे आना बंद हो गया था तब युसूफ ने अपने परिवार वालों को संभालने के लिए अपने दोस्त के साथ सब्जी बेचने का काम शुरू किया और कुछ पैसों का इंतजाम होने लगा।
#WATCH Maharashtra | Aurangabad’s Shaikh Yusuf commutes to work on his horse ‘Jigar’. ” I bought it during lockdown. My bike wasn’t functioning, petrol prices had gone up & public transport wasn’t plying. which is when I bought this horse for Rs 40,000 to commute,” he said (14.3) pic.twitter.com/ae3xvK57qf
— ANI (@ANI) March 14, 2022
कुछ महीनों बाद युसूफ (Shaikh Yusuf) को वाईबी चवन कॉलेज ऑफ फार्मेसी से बुलाया गया। यहां वह लैब असिस्टेंट का काम करते थे। लेकिन, युसूफ जहां काम करते थे वह जगह उनके घर से करीब 16 किलोमीटर दूर थी। वहां जाने के लिए युसूफ ने अपनी पुरानी से जाने का फैसला लिया। लेकिन, तब पेट्रोल की ऊंची कीमतों (करीब 111 रुपये) के चलते उन्होंने बाइक नहीं चलायी। कुछ दिनों बाद उनकी बाइक पड़े-पड़े खराब हो गई थी। तब वह अपनी बाइक भी ठीक नहीं कर पाएं। तब उन्हें घोड़े की याद आई।
I work as a lab assistant at a college, and even today, I use my horse to commute. It keeps one fit and healthy. Also, given the rise in fuel prices, horse as a mode of transport is a feasible option: Shaikh Yusuf (14.03) pic.twitter.com/ijTKYEN432
— ANI (@ANI) March 14, 2022
युसुफ (Shaikh Yusuf) के एक रिश्तेदार के पास काठियावाड़ी ब्रीड का एक काले रंग का घोड़ा था। जिसे उनके रिश्तेदार 40 हजार रुपये में बेच रहे थे। युसुफ ने अपनी बाइक बेची और रिश्तेदार से घोड़ा खरीद लिया। युसुफ के पास कहीं आने-जाने के लिए ‘जिगर’ नाम का घोड़ा था। उसी घोड़े से वह लैब जाने लगे। कुछ ही दिनों में लोग उन्हें ‘घोड़े वाला’ के नाम से जानने लगे।
युसूफ (Shaikh Yusuf) अपने घोड़े ‘जिगर’ को ट्रैफिक से दूर सड़क किनारे ही रखते हैं। इतना ही नहीं कॉलेज में भी उन्हें जिगर को रखने के लिए एक स्टोर रूम मिल गया। युसुफ वहां पर अपने घोड़े को कुछ खाने के साथ बांध देते। अब समय के साथ कई तरह की कार, बाइक से लेकर बस तक सड़क पर उतर चुके हैं। लेकिन, युसूफ अभी भी अपने घोड़े से ही आना जाना करते हैं अब युसुफ कहते हैं कि उन्हें बाइक की जरूरत नहीं, काम पर जाने के लिए उनके पास घोड़ा है।