नई दिल्ली: खबरें तो आपने कई सुनी होगी लेकिन आज हम जो खबर आपके देने जा रहे है वह बेहद ही अलग है, हम सब जानते है हम जॉब करते है तो हमें बदले में पैसे मिलते है। लेकिन अब ऐसी कंपनी है जो सैलरी के तोर पर सोना दे रही है। जी हां जानकार चौंक गए ना। हर कंपनी की अपनी पॉलिसी होती है, ऐसे ही एक कंपनी इन दिनों सुर्ख़ियों में बनी हुई, दरअसल इस वक्त इंग्लैंड की जो कंपनी अपनी पॉलिसी की वजह से सुर्खियों में है, वो अपने कर्मचारियों को सैलरी में कैश के बजाय सोना (Company Giving Gold To Employee) दे रही है। बता दें कि ‘टैलीमनी’ नाम की कंपनी अपने कर्मचारियों का कुछ अलग तरह से ही ख्याल रख रही है। जिसकी चर्चा अब पूरी दुनिया में हो रही है।
पगार में मिल रहा सोना
जी बता दें कि यह कंपनी सैलरी की जगह ‘सोना’ ऑफर कर रही है। इस अनोखे काम के पीछे कंपनी के सीईओ कैमरन पैरी की अपनी सोच है, जो कर्मचारियों के लिहाज से वो परफेक्ट मानते हैं। आपको बता दें कि उनकी सोच कोई अजीबोगरीब नहीं बल्कि कर्मचारियों के भविष्य के लिहाज से काफी फायदेमंद है, जिसकी तारीफ सोशल मीडिया पर भी हो रही है। क्या आप बह इस कंपनी में काम करना चाहोगे।
कैश के बदले गोल्ड पॉलिसी
बता दें कि लंदन के CityAM.com की रिपोर्ट के मुताबिक इंग्लैंड की ‘टैलीमनी’ कंपनी वित्तीय सेवाएं देती हैं। अब वो कर्मचारियों के वर्तमान और भविष्य को ध्यान में रखते हुए उन्हें सैलरी के बदले गोल्ड लेने का ऑफर दे रही है। फिलहाल कंपनी में सीनियर पोस्ट पर मौजूद 20 लोगों को ही इस पॉलिसी का फायदा दिया गया है। अगर इस सिस्टम में कर्मचारियों का फायदा दिखता है, तो कंपनी बाकी लोगों के लिए भी यही पॉलिसी अपनाएंगे। हालांकि ये नयी सैलरी पॉलिसी अभी ट्रायल पर है। कंपनी के सीईओ कैमरन पैरी ने बताया है कि कोरोना के चलते हालात खराब हुए हैं। ऐसे में कर्मचारियों को पाउंड में सैलरी देने का फायदा नहीं है क्योंकि इसकी वैल्यू कम होती जा रही है।
ऐसे होगा फायदा
इस बारे में कैमरन का कहना है कि पाउंड की वैल्यू कम होने के बाद भी अगर गोल्ड में निवेश हुआ तो ये कर्मचारियों को इन्फ्लेशन में हमेशा आगे रखेगा। ऐसे में कंपनी कर्मचारियों को वित्तीय संकट से बचाने के लिए ही सोना देने की पॉलिसी लॉन्च की है। लेकिन ये पूरी तरह कर्मचारियों के हाथ में होगा कि वे कैश सैलरी लेना चाहते हैं या फिर गोल्ड। टैलीमनी की इस नई पॉलिसी की चर्चा सोशल मीडिया पर छाई हुई है। लोग कंपनी की तारीफ कर रहे हैं, जिसने आर्थिक संकट से निपटने की प्लानिंग पहले ही कर ली है और अपने कर्मचारियों के बारे में भी सोचा है। अब देखना यह होगा की यह पॉलिसी कितनी कारगर साबित होती है।