Strong blow to Nepal's Prime Minister KP Sharma Oli, lost the vote of confidence in the House of Representatives
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    काठमांडू: नेपाल (Nepal) के प्रधानमंत्री केपी शर्मा ओली (Prime Minister KP Sharma Oli) सोमवार को प्रतिनिधि सभा में पेश विश्वास प्रस्ताव हार गए। राजनीतिक रूप से संकट का सामना कर रहे ओली के लिए इसे एक और झटका माना जा रहा है जो कम्युनिस्ट पार्टी नेपाल (Communist Party of Nepal) (माओवादी केंद्र) नीत पुष्पकमल दहल (Pushpa Kamal Dahal) गुट द्वारा सरकार से समर्थन वापस लिए जाने के बाद पार्टी पर पकड़ मजबूत करने की कोशिश कर रहे हैं।

    राष्ट्रपति विद्यादेवी भंडारी के निर्देश पर संसद के निचले सदन प्रतिनिधि सभा के आहूत विशेष सत्र में प्रधानमंत्री ओली की ओर से पेश विश्वास प्रस्ताव के समर्थन में केवल 93 मत मिले जबकि 124 सदस्यों ने इसके खिलाफ मत दिया। ओली (69 वर्षीय) को 275 सदस्यीय प्रतिनिधि सभा में विश्वासमत जीतने के लिए 136 मतों की जरूरत थी क्योंकि चार सदस्य इस समय निलंबित हैं।

    प्रचंड की पार्टी द्वारा समर्थन वापस लेने के बाद ओली सरकार अल्पमत में आ गई थी। नेपाल में राजनीति संकट पिछले साल 20 दिसंबर को तब शुरू हुआ जब राष्ट्रपति भंडारी ने प्रधानमंत्री ओली की अनुशंसा पर संसद को भंग कर 30 अप्रैल और 10 मई को नए सिरे से चुनाव कराने का निर्देश दिया। ओली ने यह अनुशंसा सत्तारूढ़ नेपाल कम्युनिस्ट पार्टी में सत्ता को लेकर चल रही खींचतान के बीच की थी।